Sambhav-2024

दिवस 70

Q2. जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की रणनीति के रूप में महिलाओं को सशक्त बनाने के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

08 Feb 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | भूगोल

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • उत्तर की शुरुआत परिचय के साथ कीजिये, जो प्रश्न के लिये एक संदर्भ निर्धारित करती है।
  • जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की रणनीति के रूप में महिलाओं को सशक्त बनाने के महत्त्व पर चर्चा कीजिये।
  • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।

परिचय:

महिला सशक्तिकरण का तात्पर्य महिलाओं को अपने जीवन पर नियंत्रण रखने, अपनी पसंद चुनने और सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में पूर्ण रूप से भाग लेने में सक्षम बनाने की प्रक्रिया से है। हालाँकि महिलाओं को सशक्त बनाना न केवल मानवाधिकार और सामाजिक न्याय का मामला है, बल्कि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने तथा सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये एक रणनीतिक दृष्टिकोण भी है।

मुख्य भाग:

जनसंख्या नियंत्रण की रणनीति के रूप में महिलाओं को सशक्त बनाने का महत्त्व:

  • शिक्षा और सूचना तक पहुँच:
    • सशक्त महिलाओं को परिवार नियोजन, प्रजनन स्वास्थ्य और गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में शिक्षा तथा जानकारी तक पहुँच पाने की अधिक संभावना है।
    • यह ज्ञान उन्हें अपने प्रजनन विकल्पों के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिये सशक्त बनाता है, जिससे परिवार का आकार छोटा होता है और प्रजनन दर कम होती है।
  • आर्थिक अवसर:
    • आर्थिक स्वतंत्रता के कारण विवाह में विलंब हो सकता है, यह बच्चों के लिये शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की लागत में वृद्धि कर सकती है, जिससे परिवार नियोजन प्रथाओं को अधिक-से-अधिक अपनाया जा सकता है, जो जनसंख्या वृद्धि दर को कम करने में योगदान कर सकता है।
  • स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच:
    • जो महिलाएँ स्वस्थ हैं और अपनी गर्भधारण की योजना बनाने में सक्षम हैं, उनके छोटे परिवार होने की अधिक संभावना है।
    • गर्भनिरोधक प्रसव पूर्व देखभाल और मातृ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच मातृ मृत्यु दर को कम कर सकती है तथा बाल स्वास्थ्य परिणामों में सुधार कर सकती है।
  • लैंगिक समानता:
    • महिलाओं को सशक्त बनाना लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है, जो पारंपरिक लैंगिक मानदंडों और रूढ़ियों को चुनौती देता है।
    • परिवारों के भीतर प्रजनन विकल्पों सहित निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में लैंगिक समानता से संसाधनों और अवसरों का अधिक न्यायसंगत वितरण होता है, जो जनसंख्या की गतिशीलता पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • राजनीतिक भागीदारी:
    • जब महिलाओं को सभी स्तरों पर राजनीतिक प्रक्रियाओं और निर्णय लेने में भाग लेने का अधिकार दिया जाता है, तो वे उन नीतियों एवं कार्यक्रमों का समर्थन कर सकती हैं जो प्रजनन अधिकारों, परिवार नियोजन तथा महिलाओं के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं।
    • राजनीतिक प्रतिनिधित्व यह सुनिश्चित कर सकता है, कि जनसंख्या नीतियों और कार्यक्रमों में महिलाओं की आवश्यकताओं तथा प्राथमिकताओं को संबोधित किया जाता है।

निष्कर्ष:

महिलाओं को सशक्त बनाने से पीढ़ी-दर-पीढ़ी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो महिलाएँ शिक्षित और आर्थिक रूप से सशक्त हैं, वे अपने बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य में अधिक निवेश करती हैं, गरीबी के चक्र को तोड़ती हैं तथा दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देती हैं।