Sambhav-2024

दिवस 67

प्रश्न 2. मानव विकास से आप क्या समझते हैं? मानव विकास मापन के प्रमुख घटक एवं दृष्टिकोण पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

05 Feb 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | भूगोल

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • मानव विकास के बारे में बताइये।
  • मानव विकास के प्रमुख घटकों की चर्चा कीजिये।
  • मानव विकास के मापन के प्रमुख तरीकों की व्याख्या कीजिये।
  • यथोचित निष्कर्ष लिखिये।

परिचय:

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के अनुसार मानव विकास का अर्थ लोगों की क्षमताओं को बढ़ाना, उनकी पसंद का दायरा बढ़ाना, उनकी स्वतंत्रता का विस्तार करना तथा सभी नागरिकों हेतु मानवाधिकारों को बढ़ावा देना है।

  • यह विकास की ऐसी अवधारणा है जो आर्थिक विकास से परे है जिसमें लोगों के जीवन को केंद्रीय विषय माना जाता है।

मुख्य भाग:

प्रख्यात अर्थशास्त्री महबूब उल हक के अनुसार मानव विकास के चार आवश्यक स्तंभ हैं:

  • समानता: यदि विकास को लोगों की बुनियादी क्षमताओं को बढ़ाने के संदर्भ में देखा जाता है, तो लोगों की अवसरों तक समान पहुँच होनी चाहिये। इसे समानता-संबंधी क्षमताएँ कहा जा सकता है।
    • समानता-संबंधी क्षमताओं या अवसरों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये जो आवश्यक है वह यह है कि सामाजिक संस्थागत संरचना को अधिक अनुकूल या प्रगतिशील बनाने की आवश्यकता है।
  • स्थिरता: विकास 'दीर्घकालिक' एवं 'अनवरत' होना चाहिये। सतत विकास की अवधारणा जीवमंडल की दीर्घकालिक सुरक्षात्मक क्षमता को बनाए रखने की आवश्यकता पर केंद्रित है।
    • सतत् विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अंतरा-पीढ़ी और अंतर-पीढ़ीगत समानता दोनों की ही प्राप्ति बहुत महत्त्वपूर्ण है।
  • उत्पादकता: इसे आमतौर पर मानव पूंजी में निवेश कहा जाता है। भौतिक पूंजी के अलावा मानव पूंजी में निवेश से अधिक उत्पादकता बढ़ सकती है।
    • मानव संसाधनों की गुणवत्ता में सुधार से मौजूदा संसाधनों की उत्पादकता बढ़ जाती है।
  • सशक्तीकरण: सशक्तीकरण का तात्पर्य लोकतंत्र के ऐसे आयाम से है जिसमें लोग अपने जीवन के बारे में स्वयं निर्णय लेते हैं। इसके तहत लोगों को अधिक राजनीतिक और नागरिक स्वतंत्रता मिलने के साथ वे अत्यधिक नियंत्रण एवं विनियमों से मुक्त रहते हैं।
    • सशक्तीकरण का तात्पर्य सत्ता के विकेंद्रीकरण से है ताकि शासन का लाभ सभी लोगों को मिल सके।

मानव विकास के मापन हेतु प्रमुख दृष्टिकोण:

  • आय दृष्टिकोण: आय का स्तर किसी व्यक्ति को प्राप्त स्वतंत्रता के स्तर को दर्शाता है। आय का स्तर जितना अधिक होगा, मानव विकास का स्तर उतना ही उच्च होगा।
  • कल्याणकारी दृष्टिकोण: इस दृष्टिकोण में सभी विकास गतिविधियों के लक्ष्य के रूप में मनुष्य को लाभार्थी के रूप में देखा जाता है। इस दृष्टिकोण में शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं पर उच्च सरकारी व्यय का तर्क दिया जाता है।
  • बुनियादी आवश्यकता दृष्टिकोण: मानव विकास के लिये बुनियादी आवश्यकता दृष्टिकोण एक ऐसा परिप्रेक्ष्य है जिसमें विकास प्रयासों के प्राथमिक लक्ष्य के रूप में आवश्यक मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति पर बल दिया जाता है।
    • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, जल आपूर्ति, स्वच्छता एवं आवास जैसी छह बुनियादी ज़रूरतों का प्रस्ताव रखा है।
  • क्षमता दृष्टिकोण: यह दृष्टिकोण प्रोफेसर अमर्त्य सेन से संबंधित है। स्वास्थ्य, शिक्षा एवं संसाधनों तक पहुँच के क्षेत्रों में मानव क्षमताओं का निर्माण, मानव विकास की कुंजी है।

मानव विकास के प्रमुख माप तंत्र:

  • मानव विकास सूचकांक (HDI): मानव विकास सूचकांक (HDI) मानव विकास के प्रमुख आयामों में औसत उपलब्धि का एक सारांश माप है, जो है- एक लंबा और स्वस्थ जीवन, जागरूक होना एवं एक सभ्य जीवन स्तर होना।
  • HDI तीनों आयामों में से प्रत्येक के लिये सामान्यीकृत सूचकांकों का ज्यामितीय माध्य है।
  • बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI): MPI के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जीवन स्तर सहित कई आयामों में गरीबी का आकलन होता है। इसमें उन विभिन्न अभावों पर विचार करके गरीबी की अधिक गहन समझ होती है जिनका व्यक्तियों को एक साथ सामना करना पड़ सकता है।
  • लैंगिक विकास सूचकांक (GDI): GDI में जीवन प्रत्याशा, शिक्षा एवं आय जैसे विभिन्न कारकों पर विचार करते हुए मानव विकास में लैंगिक असमानताओं को मापा जाता है।

निष्कर्ष:

प्रगति का आकलन करने तथा नीतिगत निर्णयों का मार्गदर्शन करने, वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने, असमानताओं को दूर करने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और अंततः अधिक न्यायसंगत एवं टिकाऊ भविष्य की दिशा में कार्य करने हेतु मानव विकास को मापना महत्त्वपूर्ण है।