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Sambhav-2024

  • 05 Jan 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    दिवस 41

    प्रश्न1. भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा लागू की गई सहायक संधि प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ और निहितार्थ क्या थे? (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • उत्तर की शुरुआत एक प्रस्तावना के साथ कीजिये, जो प्रश्न के लिये एक संदर्भ निर्धारित करती है।
    • सहायक संधि प्रणाली की प्रमुख विशेषताओं को लिखिये।
    • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा लागू सहायक संधि प्रणाली के निहितार्थों पर चर्चा कीजिये।
    • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।

    प्रस्तावना:

    सहायक संधि प्रणाली का उपयोग लॉर्ड वैलेजली द्वारा किया गया था, जो वर्ष 1798-1805 तक भारतीय साम्राज्य के गवर्नर जनरल था। वैलेजली की सहायक संधि प्रणाली को मज़बूत करने के पीछे प्रमुख उद्देश्य फ्राँसीसियों को भारत में अपने प्रभाव को पुनर्जीवित करने और विस्तार को रोकना था।

    निकाय:

    सहायक संधि प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ:

    • सैन्य संधि: इस प्रणाली के तहत सहयोगी भारतीय राज्य के शासक को अपने क्षेत्र के भीतर ब्रिटिश सेना की स्थायी तैनाती स्वीकारने और उसके रखरखाव के लिये सब्सिडी का भुगतान करने के लिये मजबूर किया गया था।
    • ब्रिटिश नियंत्रण: भारतीय शासक को अपने दरबार में एक ब्रिटिश निवासी की नियुक्ति के लिये सहमत होना पड़ा। भारतीय शासक कंपनी के साथ पूर्व परामर्श के बिना अपनी सेवा में किसी भी यूरोपीय को नियुक्त नहीं कर सकता था।
    • संबंधों पर प्रतिबंध: भारतीय शासकों को अक्सर ब्रिटिश सहमति के बिना गठबंधन बनाने या अन्य विदेशी शक्तियों के साथ संबंध बनाए रखने से प्रतिबंधित किया गया था। इससे ब्रिटिश प्रभाव और अधिक मज़बूत हो गया तथा भारतीय राज्यों की संप्रभुता सीमित हो गई।
    • चरणवार अनुप्रयोग:
      • पहला चरण: कंपनी ने अपने सैनिकों के साथ एक मित्र भारतीय राज्य की सहायता करने की पेशकश की।
      • दूसरा चरण: कंपनी ने अपने और राज्य के सैनिकों के साथ मैदानी क्षेत्रों में कब्ज़ा करना शुरू कर दिया।
      • तीसरा चरण: भारतीय सहयोगियों से नागरिकों की नहीं बल्कि धन की मांग की गई।
      • चौथा चरण: धन या सुरक्षा शुल्क आमतौर पर उच्च स्तर पर तय किया जाता था, राज्य द्वारा समय पर धन का भुगतान करने में विफल रहने पर उन्हें भुगतान के बदले में अपने क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को कंपनी को सौंपने के लिये कहा गया।

    सहायक संधि प्रणाली के निहितार्थ:

    • ब्रिटिश प्रभाव में वृद्धि: अंग्रेज़ों ने भारत पर अपने राजनीतिक और आर्थिक नियंत्रण का विस्तार करने के लिये सहायक संधि का उपयोग किया। यह क्षेत्रीय विस्तार और ब्रिटिश आधिपत्य की स्थापना का एक उपकरण बन गया।
      • अकेले वैलेजली के सात वर्ष के शासन काल में भारत के 100 से अधिक छोटे-बड़े राज्यों ने सहायक संधि पर हस्ताक्षर किये।
    • आर्थिक निकास: ब्रिटिश सैनिकों को रखने के कारण बढ़े वित्तीय बोझ ने भारतीय राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव डाला, जिससे आर्थिक शोषण और संसाधनों के निष्कासन में वृद्धि हुई।
    • संप्रभुता का क्षरण: भारतीय शासकों ने सुरक्षा खरीदकर अपनी स्वतंत्रता खो दी। सहायक संधि प्रणाली ने भारतीय रियासतों की संप्रभुता को नष्ट कर दिया, जिससे वे वास्तव में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के जागीरदार बन गए।
    • व्यपगत सिद्धांत: सहायक संधि प्रणाली का एक विस्तार व्यपगत सिद्धांत था, जिसमें यदि कोई भारतीय शासक बिना किसी पुरुष उत्तराधिकारी के मर जाता था, तो अंग्रेज़ गोद लिये गए उत्तराधिकारी को पहचानने से इनकार कर सकते थे और राज्य पर कब्ज़ा कर सकते थे।

    निष्कर्ष:

    सहायक संधि और व्यपगत सिद्धांत को लागू करने से भारतीय शासकों तथा उनकी प्रजा में आक्रोश फैल गया। इस असंतोष ने वर्ष 1857 के भारतीय विद्रोह के प्रसार में भूमिका निभाई, जिसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में भी जाना जाता है।

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