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Sambhav-2024

  • 03 Jan 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    दिवस 39

    प्रश्न1. शिवाजी न केवल एक अग्रणी राजनीतिक कूटनीतिज्ञ थे बल्कि एक प्रबुद्ध शासक भी थे। चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • मराठा साम्राज्य के संस्थापक के रूप में शिवाजी और उनकी उपलब्धियों की संक्षिप्त पृष्ठभूमि देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • चर्चा कीजिये कि शिवाजी किस प्रकार एक अग्रणी राजनीतिक कूटनीतिज्ञ थे। इसके साथ ही उनकी सैन्य रणनीति, प्रशासनिक सुधार एवं कूटनीतिक कौशल से संबंधित कुछ उदाहरण दीजिये।
    • चर्चा कीजिये कि शिवाजी किस प्रकार एक प्रबुद्ध शासक थे। इसके साथ ही उनकी धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक कल्याण एवं सांस्कृतिक संरक्षण से संबंधित कुछ उदाहरण दीजिये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    शिवाजी (1630-1680) भारतीय इतिहास के सबसे उल्लेखनीय एवं प्रभावशाली शासकों में से एक थे, जिन्होंने दक्कन क्षेत्र में मराठा साम्राज्य की स्थापना की और मुगल तथा दक्कन सल्तनत को चुनौती दी।

    • उन्हें राष्ट्रीय नायक के साथ स्व-शासन का प्रतीक माना जाता है। वह न केवल एक प्रतिभाशाली सैन्य नेता एवं दूरदर्शी राजनेता थे, बल्कि उदार तथा प्रगतिशील शासक भी थे, जो लोगों के कल्याण एवं सम्मान पर बल देते थे।

    मुख्य भाग:

    • शिवाजी एक अग्रणी राजनीतिक कूटनीतिज्ञ थे, जिन्होंने अपने राज्य का विस्तार और रक्षा करने के लिये विभिन्न सैन्य रणनीतियों को तैयार करने के साथ क्रियान्वित किया।
      • उन्होंने अपने दुश्मनों पर काबू पाने के लिये गुरिल्ला एवं छापामार युद्ध प्रणाली को अपनाया था।
      • उन्होंने अपने साम्राज्य एवं व्यापार को सुरक्षित करने के लिये कई किले बनाए और कुछ अन्य पर कब्जा भी किया तथा एक मज़बूत नौसेना का गठन किया।
      • उन्होंने अपनी सेना में सुधार तथा आधुनिकीकरण करने के साथ राजस्व संग्रह और खुफिया प्रणाली की शुरुआत की।
      • उन्होंने अंग्रेज़ी, पुर्तगाली और राजपूतों जैसी अन्य शक्तियों के साथ भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के साथ कुशलतापूर्वक अपने गठबंधनों तथा प्रतिद्वंद्विता को संतुलित किया।
    • शिवाजी एक प्रबुद्ध शासक भी थे, जो अपने लोगों की विविधता तथा अधिकारों का सम्मान करते थे और उनकी रक्षा करते थे।
      • उन्होंने सभी नागरिकों की आस्था के आधार पर उनकी धार्मिक स्वतंत्रता एवं समानता को बढ़ावा देने के साथ किसी का भी उत्पीड़न या भेदभाव न करने पर बल दिया।
      • उन्होंने जज़िया और सुती जैसे अन्यायपूर्ण करों एवं प्रथाओं को समाप्त कर दिया तथा शिक्षा एवं न्याय को बढ़ावा दिया था।
      • उन्होंने सड़कों, पुलों, कुँओं और मंदिरों का निर्माण करने के साथ गरीबों एवं जरूरतमंदों को राहत तथा सहायता प्रदान करने जैसे विभिन्न सार्वजनिक कार्य भी किये।
      • उन्होंने कला एवं साहित्य को संरक्षण दिया तथा मराठी एवं संस्कृत भाषाओं के उपयोग को प्रोत्साहित किया।
      • उन्होंने प्राचीन हिंदू परंपराओं एवं मूल्यों को भी पुनर्जीवित किया तथा अपने लोगों में गर्व और देशभक्ति की भावना को विकसित किया।

    निष्कर्ष:

    शिवाजी न केवल एक अग्रणी राजनीतिक कूटनीतिज्ञ थे बल्कि एक प्रबुद्ध शासक भी थे, जिन्होंने अपने राज्य एवं लोगों के विकास, सुरक्षा तथा एकीकरण में योगदान दिया। वह दूरदर्शी शासक थे, जिन्होंने एक मज़बूत और समृद्ध मराठा साम्राज्य की नींव रखने के साथ भविष्य में आने वाले भारतीय शासकों को प्रभावित किया।

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