Sambhav-2024

दिवस 39

प्रश्न2. 18वीं शताब्दी के अफगान आक्रमणों ने न केवल मुगल साम्राज्य की सैन्य महत्त्वहीनता को रेखांकित किया बल्कि इससे इस साम्राज्य के पतन में भी तीव्रता आई। चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

03 Jan 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | इतिहास

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • 18वीं शताब्दी के अफगान आक्रमणों और मुगल साम्राज्य पर उनके प्रभाव की संक्षिप्त पृष्ठभूमि देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
  • चर्चा कीजिये कि कैसे अफगान आक्रमणों ने मुगल साम्राज्य की सैन्य महत्त्वहीनता को रेखांकित किया। इसके साथ ही अफगानों के हाथों मुगलों की पराजयों एवं संबंधित हानियों के कुछ उदाहरण भी दीजिये।
  • चर्चा कीजिये कि किस प्रकार अफगान आक्रमणों ने मुगल साम्राज्य के पतन को तीव्र किया। इसके साथ ही मुगलों पर इन आक्रमणों के राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक परिणामों के कुछ उदाहरण दीजिये।
  • उचित निष्कर्ष लिखिये।

परिचय:

18वीं सदी के अफगान आक्रमण, भारत में मुगल साम्राज्य पर अहमद शाह अब्दाली के नेतृत्व में विभिन्न अफगान जनजातियों द्वारा किये गए हमलों और छापों की एक शृंखला थी। इन आक्रमणों ने मुगल साम्राज्य की कमज़ोरी को सामने लाकर इसके विघटन एवं पतन को तीव्र कर दिया।

मुख्य भाग:

मुगल सेना की कमज़ोर स्थिति को सामने लाना:

  • अफगान आक्रमणों ने मुगल साम्राज्य की सैन्य महत्त्वहीनता को रेखांकित किया, जो कभी एशिया में सबसे शक्तिशाली और समृद्ध साम्राज्य था।
    • इससे मुगल सेना (जो औरंगज़ेब के असफल युद्धों से क्षीण हो गई थी) और भी हतोत्साहित हो गई थी।
    • मुगलों को अफगानों के हाथों कई अपमानजनक हारों का सामना करना पड़ा था जैसे-
      • वर्ष 1739 का करनाल का युद्ध, जिसमें मुगल सम्राट मुहम्मद शाह को बंदी बना लिया गया और दिल्ली को अब्दाली ने लूटा था।
      • वर्ष 1748 का मणिपुर का युद्ध, जिसमें मुगल सम्राट अहमद शाह बहादुर पराजित होने के बाद दिल्ली की ओर भाग गया।
      • वर्ष 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध सबसे महत्त्वपूर्ण था, जिसमें अहमद शाह ने तत्कालीन सम्राट शाह आलम द्वितीय और उनके मराठा सहयोगियों के नेतृत्व वाली मुगल सेना को पराजित किया था।
        • इस युद्ध में मुगलों और मराठों को काफी क्षति हुई थी।
    • पानीपत में सैन्य हार के कारण मुगल सेना की कमज़ोर स्थिति के साथ बाहरी खतरों से प्रभावी ढंग से बचाव करने में उसकी असमर्थता उजागर हो गई।

मुगल साम्राज्य का पतन:

  • 18वीं शताब्दी के अफगान आक्रमणों ने न केवल मुगल साम्राज्य की सैन्य महत्त्वहीनता को रेखांकित किया, बल्कि इसके पतन को भी तीव्र कर दिया।
  • इससे मुगलों के सबसे मूल्यवान क्षेत्र, संसाधन एवं शक्ति के प्रतीक अफगानों के प्रभाव में आ गए।
  • इस दौरान विभिन्न क्षेत्रीय शक्तियों एवं विद्रोहों (जैसे- सिख, जाट, राजपूत, रोहिल्ला, बंगाल, अवध और हैदराबाद के नवाब एवं ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी) के उदय से मुगल सत्ता को चुनौती मिली।
  • इससे मुगल नाममात्र के शासक बन गए तथा वे दिल्ली एवं उसके आसपास तक ही सीमित होकर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सुरक्षा पर निर्भर हो गए।

निष्कर्ष:

18वीं सदी के अफगान आक्रमण मुगल साम्राज्य के पतन के प्रमुख कारण थे। इन आक्रमणों से मुगलों की सैन्य कमज़ोरी का पता चला तथा उनका तेज़ी से पतन हुआ। इन आक्रमणों का भारत के राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य पर भी स्थायी प्रभाव पड़ा।