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Sambhav-2024

  • 21 Nov 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    दिवस 2

    प्रश्न.2 नागरिकता के ह्रास के संबंध में नागरिकता कानूनों के विधायी प्रावधान क्या हैं? (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • नागरिकता एवं उससे संबंधित प्रावधानों के संक्षिप्त परिचय के साथ शुरुआत कीजिये।
    • नागरिकता कानूनों के अंर्तगत नागरिकता की ह्रास के लिये वैधानिक प्रावधानों पर चर्चा कीजिये।
    • नागरिकता के ह्रास को लेकर हाल की बहसों का उल्लेख कीजिये।
    • यथोचित निष्कर्ष लिखिये।

    भारतीय राज्य पूर्णतया उन लोगों से निर्मित हैं जो इसके प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं, साथ ही उनके पास नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों की पूरी शृंखला है। संविधान के भाग-II के अंतर्गत अनुच्छेद-5 से 11 नागरिकता के विषय को संबोधित करता है, जिसमें नागरिकता से संबंधित व्यापक प्रावधान शामिल हैं और साथ ही इस विषय से संबंधित कानून बनाने के लिये संसद को अधिकार प्रदान किया गया है।

    परिणामस्वरूप, नागरिकता अधिनियम (1955) में निम्नलिखित प्रक्रियाओं द्वारा नागरिकता समाप्त हो सकती है:

    • स्वैच्छिक त्याग द्वारा: भारतीय नागरिकता त्यागना एक घोषणा है जिसे कोई भी भारतीय नागरिक, जो वैधानिक आयु एवं योग्यता वाला हो, कर सकता है। उस घोषणा के पंजीकृत होने पर, वह व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं रह जाता है। इसके अतिरिक्त, जब कोई व्यक्ति अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ देता है, तो उस व्यक्ति का प्रत्येक नाबालिग बच्चा भी भारतीय नागरिकता खो देता है।
    • समाप्ति द्वारा: जब एक भारतीय नागरिक स्वेच्छा से (सचेतन रूप से, जानबूझकर और बिना किसी दबाव, अनुचित प्रभाव अथवा मजबूरी से) दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है उस स्थिति में उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः ही समाप्त हो जाती है। हालाँकि, यह प्रावधान उस युद्ध के दौरान लागू नहीं होता है, जिसमें भारत शामिल है।
    • वंचना द्वारा: यह केंद्र सरकार द्वारा भारतीय नागरिकता की अनिवार्य समाप्ति है।
      सरकार, यदि:
      • व्यक्ति ने धोखाधड़ी से नागरिकता प्राप्त की है।
      • नागरिक ने भारत के संविधान के प्रति निष्ठाहीनता दिखाई है।
      • युद्ध के दौरान नागरिक ने दुश्मन के साथ गैर-कानूनी तरीके से व्यापार अथवा संचार किया है।
      • नागरिक, पंजीकरण या देशीयकरण के पाँच वर्ष के भीतर, किसी भी देश में दो वर्ष के लिये कैद रहा हो।
      • नागरिक आम तौर पर लगातार सात वर्षों से भारत से बाहर का निवासी रहा हो।

    इसके अतिरिक्त, चिंताएँ यह भी हैं कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के साथ, यह आवश्यक बना सकता है कि प्रवासी व्यक्तियों को अपनी नागरिकता का प्रमाण देना होगा अथवा वे अपनी भारतीय नागरिकता खोने का जोखिम भी उठा सकते हैं।

    हालाँकि, कानून कुछ ऐसी परिस्थितियों की अनुमति देते हैं जहाँ किसी व्यक्ति की नागरिकता समाप्त की जा सकती है, यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि ये प्रावधान निष्पक्ष एवं उचित तरीके से लागू हों। भारत के लिये इन चुनौतियों से सावधानीपूर्वक निपटने के साथ न्याय, समावेशिता तथा अपने सभी नागरिकों के अधिकारों के सम्मान के सिद्धांतों को बनाए रखना महत्त्वपूर्ण रूप से आवश्यक है।

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