Sambhav-2024

दिवस 17

प्रश्न 2: भारतीय संघ में वित्तीय संसाधनों के वितरण में वित्त आयोग की भूमिका और ज़िम्मेदारियों पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

08 Dec 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • वित्त आयोग और उसके उद्देश्यों का संक्षेप में परिचय दीजिए।
  • वित्त आयोग की मुख्य भूमिका एवं उत्तरदायित्वों की चर्चा कीजिये।
  • भारतीय संघ में राजकोषीय संतुलन बनाए रखने में वित्त आयोग के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

वित्त आयोग संविधान के अनुच्छेद–280 के तहत एक संवैधानिक निकाय के रूप में कार्य करते हुए, भारतीय संघ में वित्तीय संसाधनों के वितरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वित्त आयोग का प्राथमिक उद्देश्य केंद्र और राज्यों के साथ-साथ स्वयं राज्यों के बीच करों की शुद्ध आय के वितरण की सिफारिश करना है।

मुख्य भाग:

वित्त आयोग की मुख्य भूमिका और उत्तरदायित्व:

  • कर राजस्व वितरण: वित्त आयोग मौजूदा और संभावित राजकोषीय क्षमता को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य दोनों की राजस्व स्थिति का आकलन करता है। यह केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों की सिफारिश करने के साथ प्रत्येक के लिये उचित तथा न्यायसंगत हिस्सेदारी सुनिश्चित करता है।
  • सहायता अनुदान: कर वितरण के अलावा, वित्त आयोग उन सिद्धांतों का सुझाव देता है जो राज्यों को प्रदान की जाने वाली सहायता अनुदान को नियंत्रित करते हैं। इन अनुदानों का उद्देश्य राज्यों के बीच राजकोषीय क्षमताओं में ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज असंतुलन को हल करना, संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना होता है।
  • राजकोषीय समेकन: वित्त आयोग उनके संबंधित राजस्व और व्यय पैटर्न के संदर्भ में संघ तथा राज्यों की वित्तीय स्थिति की जाँच करता है। यह संघ और राज्यों दोनों की राजकोषीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिये सिफारिश करता है, जिससे मज़बूत वित्तीय प्रबंधन और स्थिरता सुनिश्चित होती है।
  • विशेष मामलों के लिये सिफ़ारिशें: वित्त आयोग विशेष स्थितियों और परिस्थितियों को देखता है, जैसे– सीमावर्ती क्षेत्रों, पिछड़े क्षेत्रों और आदिवासी क्षेत्रों की ज़रूरतों को ध्यान रखना। यह समावेशी विकास को बढ़ावा देने हेतु विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये विशेष अनुदान की सिफारिश करता है।
  • राजकोषीय प्रदर्शन की समीक्षा: वित्त आयोग राज्यों के राजकोषीय प्रदर्शन की निगरानी करता है और इसमें सुधारों की सिफारिश करता है। देश के समग्र आर्थिक स्वास्थ्य हेतु राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिये यह एक प्रहरी के रूप में कार्य करता है।

निष्कर्ष:

वित्त आयोग भारतीय संघीय ढाँचे में एक महत्त्वपूर्ण संस्था के रूप में कार्य करता है, जिससे वित्तीय संसाधनों का संतुलित और उचित वितरण सुनिश्चित होता है। कई कारकों पर विचार करके और एक परामर्शी प्रक्रिया में शामिल होकर वित्त आयोग सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने तथा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सतत एवं समावेशी विकास को सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।