प्रश्न. 2: सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के रिट क्षेत्राधिकार की तुलना कीजिये और अंतर स्थापित कीजिये। (150 शब्द)
02 Dec 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण:
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परिचय:
मुख्य भाग:
अंतर | सर्वोच्च न्यायालय | उच्च न्यायालय |
अनुच्छेद | 32 | 226 |
रिट का दायरा | केवल मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन हेतु रिट जारी कर सकता है। | मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के साथ-साथ अन्य कानूनी उद्देश्यों के लिये रिट जारी कर सकता है। |
प्रादेशिक क्षेत्राधिकार | भारत के संपूर्ण क्षेत्र में किसी व्यक्ति या सरकार के विरुद्ध रिट जारी कर सकता है। | किसी व्यक्ति या सरकार के विरुद्ध उसके क्षेत्राधिकार के भीतर या उसके बाहर रिट जारी कर सकता है यदि कार्रवाई का कारण उसके क्षेत्राधिकार के भीतर उत्पन्न होता है। |
उपचार की प्रकृति | अनुच्छेद 32 के तहत संवैधानिक उपचार एक मौलिक अधिकार है और सर्वोच्च न्यायालय अपने रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने से इनकार नहीं कर सकता है। | किसी व्यक्ति या सरकार के खिलाफ उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर या उसके बाहर रिट जारी कर सकता है यदि उसके भीतर कार्रवाई का कारण उत्पन्न होता है। |
निष्कर्ष:
चंद्र कुमार मामले (1997) में सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर बल दिया कि उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय दोनों का रिट क्षेत्राधिकार संविधान की मूल संरचना का एक अभिन्न अंग है। इसका तात्पर्य यह है कि नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिये एक मज़बूत तंत्र सुनिश्चित करते हुए, संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से भी इस क्षेत्राधिकार को समाप्त नहीं किया जा सकता है।