Sambhav-2023

दिवस - 01. संवैधानिक प्रावधानों की सहायता से स्पष्ट कीजिये कि प्रस्तावना हमारे संविधान की आत्मा है। (250 शब्द)

09 Nov 2022 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण

  • भारतीय संविधान की प्रस्तावना का संक्षेप में परिचय दीजिये।
  • संविधान में प्रयुक्त प्रमुख शब्दों/लेखों की व्याख्या करके चर्चा कीजिये कि प्रस्तावना संविधान की आत्मा कैसे है।
  • उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।

परिचय

  • 'प्रस्तावना' शब्द का तात्पर्य संविधान के परिचय से है। इसमें संविधान का सारांश या सार समाहित है।
  • भारतीय संविधान की प्रस्तावना पंडित नेहरू द्वारा प्रस्तुत और संविधान सभा द्वारा अपनाए गए 'उद्देश्य संकल्प' पर आधारित है।

प्रमुख बिन्दु

  • प्रस्तावना में उन सभी संवैधानिक प्रावधानों का सार है जिनका उल्लेख संविधान सभा द्वारा संविधान में किया गया है, जैसे:
    • प्रस्तावना में संविधान की उस शक्ति का उल्लेख किया गया है जो प्राधिकरणों/सरकार ने "भारत के लोगों" से प्राप्त की है।
      • अनुच्छेद 53 में कहा गया है कि, संघ की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और अनुच्छेद 54 में उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रपति का चुनाव संसद और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाएगा।
    • इसमें भारतीय राज्य की प्रकृति और राजनीति का उल्लेख है, जैसे:
      • संप्रभु: अनुच्छेद 368 संसद को संविधान में संशोधन करने और अपने लोगों के हित में बदलाव लाने के लिये अधिकृत करता है
      • धर्मनिरपेक्ष: धर्मनिरपेक्ष राज्य के लिये अनुच्छेद 25 से 28 (धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की गारंटी) को शामिल किया गया है।
        • अनुच्छेद 29 और 30 नागरिकों के धार्मिक स्थान में राज्य के हस्तक्षेप को प्रतिबंधित करते हैं और उन्हें अपने विश्वास और आस्था का प्रयोग करने तथा अपनी संस्कृति को संरक्षित करने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं।
      • समाजवादी: DPSP के अनुच्छेद 38, 39, 39ए, 41 और 42 सरकार को विकास के समाजवादी मॉडल पर काम करने का निर्देश देते हैं।
      • लोकतांत्रिक: यूनिवर्सल एडल्ट फ्रैंचाइज़ी (अनुच्छेद 326), संसद का सत्रावसान व विघटन (भंग) (अनुच्छेद 85), मंत्रियों से सम्बंधित अन्य प्रावधान ((अनुच्छेद 75) और न्यायिक समीक्षा (अनुच्छेद 13) आदि संविधान के लोकतांत्रिक सार को दर्शाते हैं ।
      • गणतंत्र: जैसा कि देश में नेता प्रतिनिधि होते हैं और वे देश के लोगों द्वारा चुने जाते हैं।
    • प्रस्तावना में संविधान के लक्ष्य और संविधान के आधार पर या संविधान द्वारा गठित संस्थाओं का भी उल्लेख किया गया है। जैसे कि:
      • न्याय: अनुच्छेद 39 ए गरीबों को समान न्याय और निशुल्क कानूनी सहायता को बढ़ावा देता है।
      • स्वतंत्रता: अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के बारे में बताता है।
      • समानता: अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता या कानूनों का समान संरक्षण प्रदान करता है।
      • बंधुत्व: अनुच्छेद 51 ए (ई) जो भारत के सभी लोगों के बीच सद्भाव और आम भाईचारे की भावना की वकालत करता है।
    • यह भी सुनिश्चित करता है कि भारत की एकता और अखंडता (अनुच्छेद 352), व्यक्तियों की गरिमा (अनुच्छेद 21) का सम्मान किया जाना चाहिये।

निष्कर्ष

  • भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत के संविधान के सभी प्रावधानों का सार अंकित किया गया है। संविधान की इस विशेषता को N.A. पालखीवाला (प्रस्तावना को 'संविधान के पहचान पत्र के रूप में) जैसे संवैधानिक विशेषज्ञों के द्वारा व्यक्त किया गया है और अन्य ने इसे संविधान का सबसे कीमती हिस्सा, संविधान की आत्मा, संविधान की कुंजी और संविधान में स्थापित एक गहना भी कहा है।