दिवस - 01. भारतीय संविधान और सरकार के संगठन की विभिन्न विशेषताओं को ब्रिटिश भारत में निर्धारित किया गया था। टिप्पणी कीजिये। (250 शब्द)
09 Nov 2022 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
दृष्टिकोण
- भारत के संविधान की विशेषताओं का परिचय दीजिये।
- भारत के संविधान के निर्माण में प्रयोग होने वाले विभिन्न प्रावधानों और विनियमों की व्याख्या कीजिये
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
|
परिचय
- भारतीय संविधान अपनी विषयवस्तु और भावना में अद्वितीय है। यद्यपि दुनिया के लगभग हर संविधान से हमने कुछ लिया है लेकिन भारत के संविधान में कई प्रमुख विशेषताएँ हैं जो इसे अन्य देशों के संविधानों से अलग करती हैं।
- संविधान की कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैं जैसे सबसे लंबा लिखित संविधान, कठोरता और लचीलेपन का मिश्रण आदि इन विशेषताओं को विभिन्न देशों के संविधान से लिया गया हैि।
प्रमुख बिंदु
- ब्रिटिश भारत मे बननें वाले संवैधानिक प्रावधान और संगठन:
- 1853 का चार्टर अधिनियम: इसने पहली बार, भारतीय (केंद्रीय) विधान परिषद में स्थानीय प्रतिनिधित्व की शुरुआत की। यह संसद के ऊपरी सदन में आज के राष्ट्रपति के नामांकन की तरह है।
- 1861 का भारतीय परिषद अधिनियम: इसने 1859 में लॉर्ड कैनिंग द्वारा शुरू की गई 'पोर्टफोलियो' प्रणाली, (मंत्रालयों की तरह) को भी मान्यता दी।
- इसने वायसराय को आपातकाल के दौरान विधान परिषद की सहमति के बिना अध्यादेश (अनुच्छेद 123) जारी करने का अधिकार दिया।
- 1909 का भारतीय परिषद अधिनियम: इसने दोनों स्तरों पर विधान परिषदों के विचार-विमर्श कार्यों को बढ़ाया। उदाहरण के लिये, सदस्यों को अनुपूरक प्रश्न पूछने, बजट पर प्रस्ताव पेश करने आदि की अनुमति दी गई थी।
- इसने विधायी निकायों के विचार-विमर्श कार्य के भविष्य के विस्तार के लिये आधार प्रदान किया।
- 1919 का भारत सरकार अधिनियम: इस अधिनियम को मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार (मोंटेगू भारत के लिये राज्य सचिव थे और लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत के वायसराय थे) के रूप में भी जाना जाता है।
- इसमें केंद्रीय और प्रांतीय विषयों (संविधान की 7 वीं अनुसूची) का सीमांकन और पृथक्करण है।
- इसने पहली बार देश में द्विसदनवाद और प्रत्यक्ष चुनावों की शुरुआत की।
- इसमें लोक सेवा आयोग की स्थापना का प्रावधान था। इसलिये, सिविल सेवकों की भर्ती के लिये 1926 में एक केंद्रीय लोक सेवा आयोग का गठन किया गया था।
- 1935 का भारत सरकार अधिनियम: यह एक लंबा और विस्तृत दस्तावेज था जिसमें 321 धाराएँ और 10 अनुसूचियाँ थीं।
- इसने ग्यारह प्रांतों में से छह में द्विसदनवाद की शुरुआत की (राज्यों की आज की विधान परिषद की तरह)।
- इसने देश की मुद्रा और ऋण को नियंत्रित करने के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना का प्रावधान किया।
- इसने दो या दो से अधिक प्रांतों के लिये एक संयुक्त लोक सेवा आयोग भी।
- इस अधिनियम के तहत संघीय न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) की स्थापना की गयी , जिसे 1937 में स्थापित किया गया था।।
- 1946 के कैबिनेट मिशन प्लान के तहत, पहली बार संविधान सभा की स्थापना की गई जिसने संप्रभु भारत का संविधान तैयार किया। यह ब्रिटिश भारत की नीतियों से प्रभावित था जैसे:
- संघीय संरचना भारत सरकार अधिनियम 1935 और आधुनिक पुलिस (पुलिस अधिनियम, 1861 के अनुसार) आदि जैसे संस्थानों से उधार ली गई है।
निष्कर्ष
ब्रिटिश भारत में औपनिवेशिक हितों को साधने के लिये कई संवैधानिक प्रावधानों और संस्थानों का गठन किया गया| स्वत्रंता मिलने के पश्चात भारतीयों ने उन सभी प्रावधानों को संशोधित करके जनता के कल्याण के अनुरूप बनाया