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पीआरएस कैप्सूल्स


विविध

अप्रैल 2024

  • 22 May 2024
  • 16 min read

PRS के प्रमुख हाइलाइट्स:

  • मैक्रोइकोनॉमिक विकास
    • रेपो रेट 6.5% पर अपरिवर्तित
  • कानून एवं न्याय
    • पेपर बैलेट की वापसी, VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिका खारिज
    • क्वीर व्यक्तियों के कल्याण हेतु उपायों की सिफारिश करने के लिये समिति का गठन
  • वित्त
    • लघु वित्त बैंकों को सार्वभौमिक बैंकों में बदलने हेतु सर्कुलर जारी
    • डिजिटल ऋण में ऋण एकत्रीकरण में पारदर्शिता हेतु मसौदा दिशा-निर्देश जारी
    • डिजिटल ऋण में ऋण एकत्रीकरण में पारदर्शिता हेतु मसौदा दिशा-निर्देश जारी
  • ऊर्जा
    • PM सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के लिये मसौदा दिशा-निर्देश
  • संचार
    • टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पेक्ट्रम की साझेदारी पर सिफारिशें जारी

मैक्रोइकोनॉमिक विकास

रेपो रेट 6.5% पर अपरिवर्तित

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) ने पॉलिसी रेपो रेट (जिस दर पर RBI बैंकों को ऋण देता है) को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है।
  • समिति के अन्य निर्णयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
    • स्थायी जमा सुविधा दर (वह दर जिस पर RBI बिना संपार्श्विक दिये बैंकों से उधार लेता है) को 6.25% पर बरकरार रखा गया है।
    • सीमांत स्थायी सुविधा दर (वह दर जिस पर बैंक RBI से अतिरिक्त धन उधार ले सकते हैं) और बैंक दर (वह दर जिस पर RBI विनिमय के विधेयक खरीदता है) को 6.75% पर बरकरार रखा गया है।

कानून एवं न्याय

पेपर बैलेट की वापसी, VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिका खारिज

  • सर्वोच्च न्यायालय ने मतदान प्रक्रिया में कुछ सुधारों की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
  • याचिकाकर्त्ताओं ने निम्नलिखित मांग की थी:
    • मतदान की पेपर बैलेट प्रणाली पर वापसी।
    • मतदाताओं द्वारा VVPAT पर्चियों का भौतिक सत्यापन।
    • इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में दर्ज मतों की गिनती के अलावा VVPAT पर्चियों की 100% गिनती।
  • हाल ही के निर्णय में न्यायालय ने कहा कि-
    • अब तक VVPAT पर्चियों और इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिकॉर्ड किये गए मतों के बीच कोई विसंगति नहीं पाई गई।
    • उसने कहा कि कि VVPAT पर्चियों की 100% गिनती से गिनती में देरी होगी और इसमें शामिल कर्मचारियों को दोगुना करने की आवश्यकता होगी।
    • उसने यह भी कहा गया कि EVM ने बूथ कैप्चरिंग और अवैध मतों जैसे मुद्दों को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया है, जो पेपर बैलेट प्रणाली में प्रचलित थे।
    • मतदाताओं को VVPAT पर्चियों तक भौतिक पहुँच मिलने से दुरुपयोग और कदाचार को बढ़ावा मिलेगा।
  • न्यायालय ने इस मामले में दो निर्देश जारी किये:
    • सभी उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न VVPAT मशीन में लोड होने के बाद, चुनाव चिह्न लोड करने वाली इकाइयों को सील कर दिया जाना चाहिये और परिणाम घोषित होने के बाद कम-से-कम 45 दिनों के लिये EVM के साथ एक कमरे में स्टोर किया जाना चाहिये।
    • परिणाम घोषित होने के बाद EVM मैन्यूफैक्चरर्स के इंजीनियर्स की एक टीम हरेक विधानसभा क्षेत्र या संसदीय क्षेत्र के खंड के 5% EVM की मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जाँच करे, ताकि इनके साथ होने वाली छेड़छाड़ का पता लगाया जा सके।

क्वीर व्यक्तियों के कल्याण हेतु उपायों की सिफारिश करने के लिये समिति का गठन

  • कानून एवं न्याय मंत्रालय ने क्वीर/समलैंगिक व्यक्तियों के कल्याण और सुरक्षा के उपायों पर सुझाव देने के लिये एक समिति का गठन किया।
  • समिति का गठन अक्तूबर 2023 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुपालन में किया गया है।
    • न्यायालय के सामने यह सवाल था कि क्या विशेष विवाह अधिनियम, 1954 समलैंगिक जोड़ों के विवाह को मान्यता न देकर समानता और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
  • समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे।
  • समिति के सदस्यों में गृह विभाग, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव शामिल हैं।
  • समिति यह सुनिश्चित करने के लिये उपायों की जाँच करेगी और सिफारिश करेगी कि समलैंगिक व्यक्ति:
    • वस्तुओं, सेवाओं और कल्याण अधिकारों तक पहुँच के दौरान भेदभाव नहीं किया जाता है।
    • हिंसा या ज़बरदस्ती की धमकियों का सामना न करना।
    • अनैच्छिक चिकित्सा उपचार के अधीन नहीं हैं।

वित्त

लघु वित्त बैंकों को सार्वभौमिक बैंकों में बदलने हेतु सर्कुलर जारी

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने लघु वित्त बैंकों को सार्वभौमिक बैंकों में स्वैच्छिक परिवर्तन देने के लिये एक सर्कुलर जारी किया।
  • एक सार्वभौमिक बैंक में परिवर्तन के लिये लघु वित्त बैंकों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
    • न्यूनतम पाँच वर्षों के प्रदर्शन का संतोषजनक ट्रैक रिकॉर्ड।
    • किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध उनके शेयर।
    • पिछली तिमाही के अंत में न्यूनतम शुद्ध संपत्ति 1,000 करोड़ रुपए।
    • पिछले दो वित्तीय वर्षों में शुद्ध लाभ।
  • लघु वित्त बैंकों के लिये एक चिह्नित प्रमोटर का होना अनिवार्य नहीं है।
  • सार्वभौमिक बैंकों में परिवर्तन के लिये विविध ऋण पोर्टफोलियो वाले योग्य लघु वित्त बैंकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

डिजिटल ऋण में ऋण एकत्रीकरण में पारदर्शिता हेतु मसौदा दिशा-निर्देश जारी

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 'डिजिटल ऋण- एकाधिक ऋणदाताओं से ऋण उत्पादों के एकत्रीकरण में पारदर्शिता' पर मसौदा दिशा-निर्देश जारी किये।
  • उधारकर्त्ताओं को संभावित उधारदाताओं के बारे में पूर्व जानकारी रखने के लिये मसौदा दिशा-निर्देश कुछ उपायों को निर्दिष्ट करते हैं।
  • इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
    • ऋण सेवा प्रदाताओं को सभी इच्छुक उधारदाताओं से उधारकर्त्ता को ऋण प्रस्तावों का एक डिजिटल दृश्य प्रदान करना होगा।
    • ऋण सेवा प्रदाता को ऋण देने के लिये ऋणदाताओं की इच्छा निर्धारित करने हेतु एक सुसंगत तंत्र का पालन करना चाहिये।
    • प्रदर्शित सामग्री निष्पक्ष होनी चाहिये और उधारकर्त्ताओं को गुमराह करने के लिये डार्क पैटर्न के माध्यम से किसी विशेष उत्पाद को बढ़ावा नहीं देना चाहिये।

इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर मसौदा दिशा-निर्देश जारी

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने RBI (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) दिशा-निर्देश, 2024 का मसौदा जारी किया।
  • इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) पात्र उत्पादों में लेन-देन के लिये मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के अलावा अन्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम हैं।
  • निर्देशों की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
  • प्राधिकरण:
    • संस्थाएँ, निवासी या गैर-निवासी प्राधिकरण हासिल करने या RBI के साथ पंजीकरण करने के बाद ETP संचालित कर सकते हैं।
    • अधिकृत/पंजीकृत ऑपरेटरों को अपने प्लेटफॉर्म पर केवल उन्हीं उपकरणों में लेन-देन करना होगा जिन्हें RBI द्वारा अनुमोदित किया गया है।
    • मौजूदा ETP को निर्देश जारी होने के तीन महीने के भीतर प्राधिकरण/पंजीकरण के लिये आवेदन करना होगा।
  • पात्रता के मानदंड:
    • मंज़ूरी हासिल करने के लिये किसी इकाई को कुछ मानदंडों को पूरा करना होगा।
    • इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
      • इकाई भारत में निगमित कंपनी होनी चाहिये।
      • इकाई या उसके प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों के पास वित्तीय व्यापार इंफ्रास्ट्रक्चर को संचालित करने का कम-से-कम तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिये।
      • इकाई की न्यूनतम नेटवर्थ पाँच करोड़ रुपए होनी चाहिये।
      • रियल टाइम या लगभग रियल-टाइम आधार पर कारोबारी जानकारी प्रसारित करने की क्षमता होनी चाहिये।
  • ऑपरेटिंग ढाँचा:
    • एक ETP ऑपरेटर को कुछ शर्तों का पालन करना होगा।
    • इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
      • एक उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी सदस्यता मानदंड रखना।
      • सदस्यों को शामिल करते समय ड्यू डेलिजेंस करना।
      • एक व्यापक जोखिम प्रबंधन ढाँचे को अपनाना।
      • गलत लेन-देन की संभावना को कम करने के लिये नियंत्रण स्थापित करना।
      • सदस्यों के बीच विवादों के समाधान के लिये एक व्यवस्था तैयार करना।
  • डेटा का संरक्षण:
    • ETP पर गतिविधियों से संबंधित सभी डेटा को कम-से-कम 10 वर्षों तक बनाए रखा जाना चाहिये।

ऊर्जा

PM सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के लिये मसौदा दिशा-निर्देश

  • नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिये PM सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के कार्यान्वयन पर मसौदा दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
  • इसका लक्ष्य एक करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर का इंस्टॉलेशन करना है।
  • इस योजना का अनुमानित परिव्यय 75,021 करोड़ रुपए है।
  • इसमें मौजूदा ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप प्रोग्राम (चरण-II) समाहित हो जाएगा।
  • आवासीय उपभोक्ताओं हेतु केंद्रीय वित्तीय सहायता (Central Financial Assistance- CFA) के लिये ड्राफ्ट दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
  • प्रमुख विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:
  • सहायता के लिये पात्रता:
    • केवल आवासीय बिजली उपभोक्ता ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसमें व्यक्तिगत घर और हाउसिंग सोसायटी शामिल हैं।
    • परिवारों को तीन किलोवॉट तक की क्षमता वाले रूफटॉप सोलर सिस्टम्स के लिये CFA प्राप्त होगा।
  • कार्यान्वयन:
    • विक्रेताओं और लाभार्थियों को राष्ट्रीय पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
    • विक्रेताओं को सिस्टम ऑफरिंग्स, मूल्य बिंदु, डिज़ाइन और विशिष्टताओं को अपलोड करना होगा।
    • एक बार रूफटॉप सोलर सिस्टम्स स्थापित हो जाने के बाद, CFA लाभार्थी के खाते में, या ऋण खाते में (वित्तपोषण के मामले में) स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

संचार

टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पेक्ट्रम की साझेदारी पर सिफारिशें जारी

  • भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 'टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग, स्पेक्ट्रम शेयरिंग और स्पेक्ट्रम लीजिंग' पर अपने सुझाव जारी किये हैं।
  • टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर यानी दूरसंचार अवसंरचना को व्यापक तौर पर दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
    • निष्क्रिय बुनियादी ढाँचा: यह गैर-इलेक्ट्रॉनिक बुनियादी ढाँचे (जैसे- टावर, भवन और खंभे) को संदर्भित करता है।
    • सक्रिय बुनियादी ढाँचा: यह इलेक्ट्रॉनिक बुनियादी ढाँचे (जैसे- रेडियो और ट्रांसीवर) को संदर्भित करता है।
  • स्पेक्ट्रम दूरसंचार के लिये उपयोग की जाने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी के एक बैंड को कहा जाता है।

प्रमुख सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • अवसंरचना को साझा करना:
    • ट्राई ने सुझाव दिया कि दूरसंचार सेवा लाइसेंसधारियों को सभी प्रकार की निष्क्रिय और सक्रिय अवसंरचना को साझा करने की अनुमति दी जानी चाहिये।
    • निष्क्रिय अवसंरचना को सभी प्रकार के लाइसेंसधारियों के साथ साझा किया जा सकता है; हालाँकि सक्रिय अवसंरचना को केवल प्रस्तावित सेवाओं के दायरे के आधार पर साझा किया जा सकता है।
    • अगर साझा करने के बाद दो से कम स्वतंत्र कोर नेटवर्क होंगे तो कोर नेटवर्क तत्त्वों को साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • स्पेक्ट्रम शेयरिंग और लीजिंग:
    • ट्राई ने सिफारिश की है कि एक्सेस प्रदाताओं को स्पेक्ट्रम साझा करने और पट्टे पर देने की अनुमति दी जानी चाहिये।
    • सरकार साझा स्पेक्ट्रम के मूल्य के 0.5% के बराबर शुल्क भी लगाएगी।
  • स्पेक्ट्रम को साझा करना और लीज़ पर देना:
    • ट्राई ने सुझाव दिया कि एक्सेस प्रदाताओं को स्पेक्ट्रम साझा करने और लीज़ पर देने की अनुमति दी जानी चाहिये। कुछ प्रतिबंधों का भी सुझाव दिया गया है।
    • सरकार साझा स्पेक्ट्रम के मूल्य के 0.5% के बराबर शुल्क भी लगाएगी।
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