रूस-यूक्रेन युद्ध में ट्रांसनिस्ट्रिया
प्रिलिम्स के लिये:रूस-यूक्रेन युद्ध, यूरोपीय संघ, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में ट्रांसनिस्ट्रिया और मोल्दोवा का स्थान। मेन्स के लिये:रूस-यूक्रेन युद्ध, द्विपक्षीय समूह और समझौते, भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव। |
चर्चा में क्यों?
जैसा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को दो महीने होने वाले हैं, इस दौरान मोल्दोवा से टूटने वाले छोटे से क्षेत्र ट्रांसनिस्ट्रिया को भी संघर्ष में घसीटे जाने का जोखिम उत्पन्न हो गया है।
- ट्रांसनिस्ट्रिया वास्तव में एक राज्य है जो मोल्दोवा के पश्चिम में और यूक्रेन के पूर्व में स्थित है।
ट्रांसनिस्ट्रिया का इतिहास:
- ट्रांसनिस्ट्रिया को "सोवियत संघ के अवशेष" के रूप में वर्णित किया गया है, ट्रांसनिस्ट्रिया ने स्वतंत्रता की घोषणा उसी प्रकार की जैसे कि मोल्दोवा ने सोवियत संघ के टूटने के तुरंत बाद की थी।
- जब मोल्दोवा के सैनिकों ने 1990-1992 में इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने का प्रयास किया तो ट्रांसनिस्ट्रिया में स्थित रूसी सैनिकों की उपस्थिति के कारण ट्रांसनिस्ट्रिया उनका विरोध करने में सक्षम हुआ।
- तब से यह मोल्दोवा के नियंत्रण से मुक्त रहा है।
- हालाँकि अधिकांश देश ट्रांसनिस्ट्रिया को मोल्दोवा के हिस्से के रूप में मानते हैं। इसे रूस द्वारा भी स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता नहीं दी गई है।
- अधिकांश ट्रांसनिस्ट्रियन नागरिको के पास रूस और ट्रांसनिस्ट्रिया की दोहरी नागरिकता के साथ मोल्दोवा, ट्रांसनिस्ट्रिया और रूस की ट्रिपल नागरिकता भी है।
- इसकी अर्थव्यवस्था रूस की सब्सिडी और मुफ्त गैस पर निर्भर है।
- इसकी अपनी सरकार (जो रूसी समर्थक है), संसद, सशस्त्र बल, संविधान, ध्वज, राष्ट्रगान आदि हैं।
- क्रीमिया के विलय के बाद सरकार ने रूस में समाहित करने हेतु 2006 में एक जनमत संग्रह आयोजित किया जिसमें 97% से अधिक ट्रांसनिस्ट्रियन नागरिकों ने रूस के साथ भविष्य में एकीकरण के लिये मतदान किया।
रूस के लिये ट्रांसनिस्ट्रिया का सामरिक महत्त्व:
- यूक्रेन पर रूस के युद्ध के अगले चरण में ट्रांसनिस्ट्रिया का रणनीतिक स्थान महत्वपूर्ण है।
- पश्चिम और यूक्रेन को आशंका है कि रूस एवं यूक्रेन के बीच संघर्ष में ट्रांसनिस्ट्रिया को एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- रूस, यूक्रेन के दक्षिण-पश्चिमी कोने को अलग करने के लिये ट्रांसनिस्ट्रिया का उपयोग कर सकता है, जिससे मोल्दोवा के अंदर सीधे रूसी हस्तक्षेप हो सकता है।
- यदि ट्रांसनिस्ट्रिया रूसी नियंत्रण में आता है, तो यह रूस को यूक्रेन के काला सागर तट के साथ रूस-नियंत्रित गलियारा बनाने में सक्षम बनाएगा।
- यदि रूस ओडेसा के काला सागर बंदरगाह को ट्रांसनिस्ट्रिया से जोड़ने में सफल हो जाता है, तो शेष यूक्रेन पूरी तरह से भू-आबद्ध हो जाएगा।
- मोल्दोवा को भय है कि रूस उस पर हमला करने के लिये ट्रांसनिस्ट्रिया का उपयोग करेगा क्योंकि रूस लंबे समय से चाहता है कि मोल्दोवा उसके प्रभाव क्षेत्र में रहे।
- मोल्दोवा यूरोपीय संघ और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य नहीं है।
- इसलिये नाटो के बचाव में आने की बहुत कम संभावना है, खासकर नाटो उन देशों को सदस्यता नहीं दे सकता है जिनका अन्य देशों के साथ सीमा विवाद है।