उच्च तुंगता पर बाघ आवास
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उच्च तुंगता (High Altitude) वाले पारिस्थितिक तंत्र में बाघों के आवास (Habitats) की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट के अनुसार, उच्च तुंगता पर भी पारिस्थितिकी बाघों की वृद्धि के लिये अनुकूल है।
- यह रिपोर्ट उच्च तुंगता पर बाघों के संभव आवासों, संपर्क गलियारों एवं मानवजन्य दबावों की पहचान करने के साथ ही उनके स्व-स्थाने (IN-SITU) संरक्षण के लिये रोडमैप उपलब्ध करवाती है।
- यह रिपोर्ट उच्च तुंगता पर स्थित बाघ के आवासों के लिये भारत सरकार को मास्टर प्लान बनाने के लिये रणनीति बनाने में सहयोग करेगी।
- इस रणनीति के तहत बाघ संरक्षण को केंद्र में रखते हुए विकास और स्थानीय समुदायों को लाभ प्रदान करने के लिये एक प्रभावी समन्वय तंत्र बनाना एवं परिदृश्य के भीतर सभी हितधारकों और कार्यरत विभागों को शामिल करना है।
- यह रिपोर्ट ग्लोबल टाइगर फोरम (Globel Tiger Forum-GTF) के नेतृत्व में, भूटान, भारत और नेपाल के साथ-साथ संरक्षण भागीदारों (WWF और विशिष्ट सहयोगियों) और आई.यू.सी.एन. (IUCN) के एकीकृत बाघ आवास संरक्षण कार्यक्रम (Integrated Tiger Habitat Conservation Programme -ITHPC) एवं KfW (जर्मन विकास बैंक) द्वारा समर्थित है।
- हालाँकि रेंज के भीतर अधिक ऊँचाई वाले अधिकांश आवासों में बाघ की उपस्थिति, शिकार और निवास स्थान की स्थिति का मूल्यांकन नहीं किया गया है। इसलिये निवास स्थान की मैपिंग और भविष्य के रोडमैप के लिये स्थिति के विश्लेषण का मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है।
उच्च तुंगता वाले बाघ आवास
- ये आवास एक उच्च मूल्य वाले पारिस्थितिकी तंत्र होते हैं जिसमें पारिस्थितिक तंत्र सेवाएँ प्रदान करने वाली कई हाइड्रोलॉजिकल और पारिस्थितिक प्रक्रियाएँ होती हैं
- जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने हेतु अनुकूलन के लिये उच्च तुंगता पर स्थित बाघ आवासों को भूमि के सतत् उपयोग द्वारा संरक्षित किये जाने की आवश्यकता है।
- दक्षिण एशिया के कई उच्च तुंगता वाले क्षेत्रों में बाघ की स्थानिक उपस्थिति है इसलिये उनके संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिये सक्रिय स्व-स्थाने प्रयासों की आवश्यकता है।
ग्लोबल टाइगर फोरम (Globel Tiger Forum-GTF)
- इसका गठन वर्ष 1993 में नई दिल्ली में आयोजित बाघ संरक्षण पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की सिफारिशों पर किया गया था।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में स्थित है।
- GTF एकमात्र अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय निकाय (intergovernmental international body) है जो बाघों के संरक्षण के लिये तैयार देशों के सहयोग से स्थापित किया गया है।
एकीकृत बाघ आवास संरक्षण कार्यक्रम
(Integrated Tiger Habitat Conservation Programme -ITHCP)
- इसे वर्ष 2014 में शुरू किया गया।
- ITHCP एक रणनीतिक वित्तपोषण तंत्र (Strategic Funding Mechanism) है जिसका उद्देश्य एशिया में बाघों को जंगलों में संरक्षित करना और उनके प्राकृतिक आवासों को बचाना है।
- यह छह देशों (बांग्लादेश, भूटान, भारत, इंडोनेशिया, नेपाल और म्याँमार) में 12 परियोजनाओं को सहायता प्रदान कर रहा है जिससे बाघ संरक्षण परिदृश्य का बेहतर प्रबंधन किया जा सके।
- यह ग्लोबल टाइगर रिकवरी प्रोग्राम (GTRP) में योगदान दे रहा है जो कि वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का वैश्विक प्रयास है।