रूसा (आर.यू.एस.ए.) के निधि और सुधार ट्रैकर की शुरुआत
संदर्भ
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर के द्वारा 17 अप्रैल, 2017 को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) द्वारा विकसित निधि एवं सुधार ट्रैकर की शुरुआत की गई।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है निधि एवं सुधार ट्रैकर रूसा (Rashtriya Uchchatar Shiksha Abhiyan – RUSA) परियोजना की निगरानी करेगा। इसके जरिये किसी भी परियोजना के मंज़ूर होने से लेकर सफलतापूर्वक सम्पन्न होने तक के सभी चरणों की निगरानी की जाएगी।
- वहीं दूसरी ओर, सुधार ट्रैकर राज्यों की उच्च शिक्षा नीतियों, योजनाओं एवं सर्वोत्तम प्रथाओं के विवरण के रिपोर्ट कार्ड के रूप में कार्य भी करेगा।
- वस्तुतः यह सुविधा देशभर में फैले हज़ारों विक्रेताओं के अलावा, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के उच्च शिक्षा हितधारकों और अन्य संस्थानिक व्यक्तियों के लिये उपलब्ध होगी।
- प्रत्येक हितधारक की भूमिका और कार्यक्षमता के आधार पर उन्हें एप का इस्तेमाल करने के लिए सीमित/असीमित अधिकार प्रदान किये जाएंगे।
विशेषताएँ
- इस एप की कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
- यह परियोजना अनुमोदन बोर्ड के आधार पर आवंटित निधि, केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किश्त के आधार पर जारी निधि, संस्थानों के आधार पर मुख्य परियोजनाओं, नियुक्त विक्रेता एवं उनको किया गया भुगतान, राज्यों के अनुसार किये गए भुगतान एवं इनके संबंध में प्राप्त किसी भी प्रकार की टिप्पणी आदि की जानकारी को अपने अंदर सहेजकर रखेगा।
- घटक (कम्पोनेंट) के अनुरूप विवरण, रूसा परियोजना में की जाने वाली निधि का व्यापक चित्र हमारे सामने पेश करता है। चाहे यह इक्विटी पहल के बुनियादी ढांचे का अनुदान हो|
- यह एप हमें अनुमोदित निधि, जारी राशि, उपयोग की गई राशि पूरे किये गए काम का प्रतिशत आदि की जानकारी उपलब्ध कराएगी।
- हितधारक केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी धन के बारे में बारीकी से पूर्ण विवरण प्राप्त कर सकता है।
- ट्रैकिंग प्रणाली इस एप का मूल है|
- प्रत्येक पहल को एक अलग पहचान संख्या (आई.डी. नंबर) दिया गया है। इससे इस बारे में पूरी जानकारी मिलती है कि किस प्रकार कोई विचार पैदा हुआ और किन-किन चरणों से होते हुए उसका पूर्ण विकास हुआ।
- इस एप का प्रभावशाली एवं दमदार डैशबोर्ड योजना की व्यापक तस्वीर और राज्यवार कार्यक्रम के अंतर्गत हुए प्रभाव के प्रदर्शन को दिखाता है।
अन्य पक्ष
- दो वर्ष पुराने रूसा ने राज्य संस्थानों में भारत के छात्रों की 94 फीसदी आबादी को अपने प्रभाव में लिया है और हज़ारों प्रशिक्षण संस्थानों एवं परिसरों में अपने महत्त्व को साबित किया है।
- चूँकि, भारत के युवा उच्च गुणवत्ता आधारित शिक्षा एवं व्यापक कैम्पस अनुभव की मांग करते हैं, ऐसे में यह ज़रूरी है कि राज्य आपस में एक-दूसरे राज्यों में जारी सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएँ।
- ऐसी भी स्थिति के लिये यह अत्यंत ज़रूरी है कि रूसा अपनी पहुँच को बढ़ाए और तीव्र गति से उसमें विस्तार करे।
- यह एप भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना ‘डिजिटल इंडिया’ को भी आगे बढ़ाने में मदद करेगी।