स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021
प्रिलिम्स के लिये:स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021 मेन्स के लिये:SBM के भाग के रूप में अन्य योजनाएँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण- II के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021 या ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की शुरुआत की।
- इससे पहले मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 और 2019 में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण का आयोजन किया गया था।
- वर्ष 2016 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा प्रस्तुत किये गए स्वच्छ सर्वेक्षण शहरी 2021 की घोषणा की जानी है।
प्रमुख बिंदु
- स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021:
- परिचय:
- गाँवों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस का दर्जा देने की केंद्र की पहल के एक हिस्से के रूप में यह ग्रामीण भारत में स्वच्छता, सफाई और स्वच्छता की स्थिति का आकलन करता है।
- ओडीएफ-प्लस स्थिति का उद्देश्य ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन सुनिश्चित करना है तथा यह ओडीएफ स्थिति का उन्नयन है जिसमें पर्याप्त शौचालयों के निर्माण की आवश्यकता थी ताकि लोगों को खुले में शौच न करना पड़े।
- यह कार्य एक विशेषज्ञ एजेंसी द्वारा किया जाता है।
- कवरेज़:
- वर्ष 2021 के ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण के हिस्से के रूप में इसमें 698 ज़िलों में फैले 17,475 गाँवों को कवर किया जाएगा।
- विभिन्न तत्त्वों को वेटेज:
- सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता का प्रत्यक्ष निरीक्षण- 30%
- नागरिकों की प्रतिक्रिया- 35%
- स्वच्छता संबंधी मानकों पर सेवा स्तर की प्रगति- 35%
- परिचय:
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण- II:
- परिचय:
- यह चरण-I के तहत उपलब्धियों की स्थिरता और ग्रामीण भारत में ठोस/तरल एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) के लिये पर्याप्त सुविधाएँ प्रदान करने पर ज़ोर देता है।
- सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्राप्त करने के प्रयासों में तेज़ी लाने के लिये भारत के प्रधानमंत्री ने 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी।
- मिशन के तहत भारत के सभी गाँवों, ग्राम पंचायतों, ज़िलों, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ग्रामीण इलाकों में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्तूबर, 2019 तक खुद को "खुले में शौच मुक्त" (ओडीएफ) घोषित किया।
- SBM को क्रमशः शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिये आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- केंद्रीय बजट 2021-22 में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 को पाँच साल, वर्ष 2021 से 2026 तक 1.41 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ लागू करने की घोषणा की गई थी।
- कार्यान्वयन:
- इसे 2020-21 से 2024-25 तक मिशन मोड में 1,40,881 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ लागू किया जाएगा।
- फंडिंग पैटर्न:
- उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिये केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न 90:10, अन्य राज्यों के लिये 60:40 और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में 100% वित्तपोषण केंद्र द्वारा किया जाएगा।
- SLWM के लिये वित्तपोषण मानदंडों को युक्तिसंगत बनाया गया है और परिवारों की संख्या के स्थान पर प्रति व्यक्ति आधार पर बदल दिया गया है।
- उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिये केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न 90:10, अन्य राज्यों के लिये 60:40 और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में 100% वित्तपोषण केंद्र द्वारा किया जाएगा।
- परिचय:
- SBM के भाग के रूप में अन्य योजनाएँ:
- गोबर-धन योजना:
- इसे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य बायोडिग्रेडेबल कचरे को संपीड़ित बायोगैस (CBG) में परिवर्तित करके किसानों की आय में वृद्धि करना है।
- व्यक्तिगत घरेलू शौचालय:
- घरेलू शौचालय निर्माण के लिये 15000 रुपए दिये जाते हैं।
- स्वच्छ विद्यालय अभियान:
- शिक्षा मंत्रालय ने एक वर्ष के भीतर सभी सरकारी स्कूलों में बालक और बालिकाओं के लिये अलग-अलग शौचालय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वच्छ विद्यालय अभियान शुरू किया।
- गोबर-धन योजना:
स्रोत: पी.आई.बी.