शेयर ब्रोकर ग्राहकों से नहीं ले सकते नकदी : सेबी (SEBI)
संदर्भ
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक अधिसूचना ज़ारी कर शेयर दलालों (brokers) को यह निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों से किसी भी तरह का नकद लेन-देन नहीं कर सकते हैं।
उद्देश्य
सेबी द्वारा उठाए गए इस कदम का उद्देश्य डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देना है।
प्रमुख बिंदु
- सेबी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, वर्तमान समय में इलेक्ट्रोनिक भुगतान के कई विकल्प उपलब्ध हैं। इन विकल्पों को ध्यान में रखते हुए ही शेयर दलालों को निर्देश दिया गया है कि-
♦ वे ग्राहकों से सीधे नकदी नहीं लेंगे
♦ अपने बैंक खातों में ग्राहकों से नकद जमा करने को नहीं कहेंगे और
♦ ग्राहकों को भी नकद भुगतान नहीं करेंगे - दोनों पक्षों के बीच वित्तीय लेन-देन चेक, डिमांड ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर के माध्यम से सीधे खाते में अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत किसी अन्य माध्यम से स्वीकार्य होगा।
- यह कदम सेबी की उन परियोजनाओं के अनुरूप है जिनका उद्देश्य पेपरलेस और कैशलेस स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग को प्रोत्साहित करना है।
- उल्लेखनीय है कि कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा नकदी ट्रांसफर के इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के लिये वित्तीय संस्थानों द्वारा भी कई कदम उठाए गए हैं। जिनमें ऑनलाइन बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) आदि शामिल हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड
Securities and Exchange Board of India (SEBI)
- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, भारत में प्रतिभूति बाज़ार का प्रमुख नियामक है।
- इसकी स्थापना 1988 में की गई थी तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम 1992 के तहत 12 अप्रैल, 1992 को इसे वैधानिक दर्ज़ा प्रदान किया गया।
- इसका मुख्यालय मुंबई में है।
- इसका प्रमुख कार्य भारतीय स्टॉक निवेशकों के हितों का संरक्षण और शेयर बाज़ार का विनियमन करना है।
- साथ ही शेयर बाज़ार में अनुचित व्यापार व्यवहारों को रोकना।
- प्रतिभूति बाज़ार के बारे में लोगों को प्रशिक्षित करना तथा निवेशकों को जागरूक करना।
- भेदिया कारोबार पर रोक लगाना।