डीप फ्रीज़र और लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर हेतु स्टार रेटिंग कार्यक्रम
प्रीलिम्स के लिये:डीप फ्रीज़र और लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर हेतु स्टार रेटिंग कार्यक्रम, भारतीय दक्षता ब्यूरो मेन्स के लिये:डीप फ्रीज़र और लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency- BEE) ने अपने स्थापना दिवस पर डीप फ्रीज़र और लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर (Deep Freezer and Light Commercial Air Conditioners- LCAC) हेतु स्टार रेटिंग कार्यक्रम शुरू किया है।
मुख्य बिंदु:
- केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Power) के अंतर्गत स्थापित BEE ने अपने 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर ऊर्जा कुशल भारत के निर्माण के लिये एक दृष्टिकोण विकसित करने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया।
- इस अवसर पर ऊर्जा दक्षता इनफॉर्मेशन टूल (Urja Dakshata Information Tool- UDIT) की भी शुरुआत की गई।
उदित
(UDIT):
- BEE द्वारा ‘वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट’ (World Resources Institute-WRI) के सहयोग से बनाए गए इस पोर्टल के ज़रिये विभिन्न क्षेत्रों में चलाए जा रहे ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों के बारे में जानकारी और आँकड़े हासिल किये जा सकेंगे।
- उदित एक उपयोगकर्त्ता अनुकूलित मंच है जो उद्योग, उपकरण, भवन, परिवहन, नगरपालिका और कृषि क्षेत्रों में भारत के ऊर्जा दक्षता परिदृश्य की व्याख्या करता है।
- उदित, ऊर्जा दक्षता क्षेत्र में वृद्धि के लिये सरकार द्वारा उठाए गए क्षमता निर्माण संबंधी नई पहलों की भी प्रदर्शित करेगा।
क्या है डीप फ्रीज़र और लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर हेतु स्टार रेटिंग कार्यक्रम?
- स्टार लेबलिंग कार्यक्रम ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत एक अधिदेश के रूप में BEE द्वारा प्रारंभ किया गया है।
- इस कार्यक्रम के माध्यम से डीप फ्रीज़र और लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर को स्टार लेबलिंग अर्थात् स्टार रेटिंग कार्यक्रम के दायरे में लाया गया है।
स्टार लेबलिंग:
- स्टार लेबलिंग के माध्यम से उपकरण विनिर्माता यह बताता है कि उसका कोई उपकरण बिजली खर्च के हिसाब से कितना किफायती है।
- डीप फ्रीज़र के लिये स्टार लेबलिंग कार्यक्रम स्वैच्छिक आधार पर शुरू किया गया है और ऊर्जा खपत मानदंड 31 दिसंबर, 2021 तक प्रभावी होगा। वहीं हल्के वाणिज्यिक एयर कंडीशनर के लिये यह 2 मार्च, 2020 से 31 दिसंबर, 2021 तक स्वैच्छिक होगा।
डीप फ्रीज़र तथा लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर:
- डीप फ्रीज़र का उपयोग खाने-पीने का सामान, फल, सब्जी जैसे पदार्थों को लंबे समय तक संरक्षित रखने के लिये होता है। वहीं हल्के वाणिज्यिक एयर कंडीशनर के तहत 3 टन से 5 टन तक की क्षमता के एसी आते हैं।
- इस कार्यक्रम के तहत BEE ने अब तक 24 उपकरणों को कवर किया है, जिसमें 10 उपकरण अनिवार्य स्टार लेबलिंग के अधीन हैं।
- स्वैच्छिक स्टार लेबलिंग के तहत इन दो नए उपकरणों के लॉन्च होने से अब इस कार्यक्रम में 26 उपकरण शामिल हो गए हैं।
- डीप फ्रीज़र्स की वार्षिक ऊर्जा खपत का ऊर्जा खपत मानक (किलोवाट.घंटा/वर्ष) पर आधारित है।
- डीप फ्रीज़र्स का उपयोग मुख्य रूप से वाणिज्यिक प्रशीतन क्षेत्र में किया जाता है और अगले दशक तक इनके 2 गुना हो जाने की संभावना है जिससे बिजली की खपत के बढ़ने की भी संभावना है।
- वित्तीय वर्ष 2017-18 में चेस्ट और अपराइट डीप फ्रीज़र सेगमेंट (Chest and Upright type Deep Freezer Segment) के कुल संगठित बाज़ार का आकार लगभग 5-6 लाख यूनिट था। इसका बाज़ार पिछले 3 वर्षों में 28% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ दोगुना से अधिक हो गया है तथा इसके और बढ़ने की भी उम्मीद है। चेस्ट प्रकार के फ्रीजर का हिस्सा बाज़ार में लगभग 99% है, जबकि अपराइट प्रकार के फ्रीज़र्स का बाज़ार में हिस्सा लगभग 1% है।
- लगभग 3.72 लाख डीप फ्रीज़र यूनिटस का विदेश से आयात किया गया है जबकि शेष स्वदेशी तौर पर निर्मित हैं।
- डीप फ्रीज़र को स्टार रेटिंग कार्यक्रम में लाने से वर्ष 2030 तक 6.2 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी जो कार्बन डाइऑक्साइड के 5.3 मिलियन टन ग्रीनहाउस गैस की कमी के बराबर है। वहीं लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर के मामले में 2.8 अरब यूनिट बिजली बचत का अनुमान है अर्थात् कुल मिलाकर इससे 9 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी जो कार्बन डाइऑक्साइड के 2.4 मिलियन टन ग्रीनहाउस गैस की कमी के बराबर है।
ऊर्जा कुशल भारत के विकास के लिये हितधारकों के साथ परामर्श:
- भारत के ऊर्जा क्षेत्र का निर्धारण सरकार की विभिन्न विकास संबंधी महत्त्वाकांक्षाओं से निर्धारित होगा, जैसे- वर्ष 2022 तक अक्षय ऊर्जा की 175 गीगावाट क्षमता स्थापित करना, सभी के लिये 24X7 पॉवर, सभी के लिये वर्ष 2022 तक आवास, 100 स्मार्ट सिटी मिशन, ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देना, रेलवे सेक्टर का विद्युतीकरण, घरों का 100% विद्युतीकरण, कृषि पंप सेटों का सोलराइजेशन, और खाना पकाने की स्वच्छ विधियों को बढ़ावा देना।
- भारत महत्त्वाकांक्षी ऊर्जा दक्षता नीतियों के कार्यान्वयन से वर्ष 2040 तक 300 GW बिजली की बचत होगी।
- वर्ष 2017-18के दौरान ऊर्जा दक्षता उपायों के सफल कार्यान्वयन से देश की कुल बिजली खपत में 7.14% की बचत और 108.28 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कमी आई है।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो:
- भारत सरकार ने इसकी स्थापना ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के उपबंधों के अंतर्गत 1 मार्च, 2002 को की थी।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढाँचे के अंदर स्व-विनियम और बाज़ार सिद्धांतों पर महत्त्व देते हुए ऐसी नीतियों और रणनीतियों का विकास करने में सहायता प्रदान करना है जिनका प्रमुख उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में ऊर्जा की गहनता को कम करना है।