कोरोनावायरस का जीनोम अनुक्रमण
प्रीलिम्स के लिये:ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंज़ा डेटा, जीनोम अनुक्रमण, SARS-CoV-2 मेन्स के लिये:SARS-CoV-2 से निपटने हेतु भारत द्वारा किये गए प्रयास और संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research-CSIR) सहित सभी राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं को कोरोनावायरस पर परीक्षण करने की अनुमति दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) द्वारा अनुमति के पश्चात् ‘वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ की प्रयोगशालाओं के पास अब वायरस के नमूनों तक पहुँच होगी जिससे जीनोम अनुक्रमण किया जा सकेगा।
- 7 अप्रैल तक भारत कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) के नौ जीनोम अनुक्रमों को ‘ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंज़ा डेटा’ (Global Initiative on Sharing All Influenza Data-GISAID) के साथ साझा कर चुका है।
ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंज़ा डेटा
Global Initiative on Sharing All Influenza Data (GISAID)
- GISAID, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) द्वारा विभिन्न देशों हेतु जीनोम संबंधी डेटा साझा करने के लिये वर्ष 2008 में शुरू किया गया एक सार्वजनिक मंच है।
- एकत्रित डेटा में इन्फ्लुएंज़ा वायरस अनुक्रम, उनसे संबंधित नैदानिक और महामारी संबंधी डेटा, भौगोलिक और साथ ही प्रजाति-विशेष डेटा भी शामिल है।
- इस सार्वजनिक मंच द्वारा एकत्रित डेटा शोधकर्त्ताओं को वायरस के विकास, उसके प्रसार और अंततः महामारी बनने की संभावना को समझने में मदद प्रदान करता है।
- गौरतलब है कि भारत द्वारा साझा किये गए ये सभी अनुक्रम पुणे स्थित ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ (National Institute of Virology) द्वारा तैयार किये गए हैं।
- अनुमति प्राप्त होने के पश्चात् वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के दो क्षेत्रीय केंद्रों मसलन- ‘सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी’ (Center for Cellular and Molecular Biology- CCMB) और ‘इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी’ (Institute of Genomics and Integrative Biology- IGIB) द्वारा भी इस वायरस का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है।
अन्य देशों की प्रगति
- मनुष्यों से पृथक किये गए कोरोनावायरस के 3,086 अनुक्रम अब तक 57 देशों द्वारा साझा किये जा चुके हैं जिसमें अमेरिका ने सबसे अधिक 621 अनुक्रम, इसके बाद यूनाइटेड किंगडम ने 350, बेल्जियम ने 253 और चीन ने 242 साझा किये हैं।
जीनोम अनुक्रमण से लाभ
- SARS-CoV-2 के जीनोम अनुक्रमण से यह समझने में सहायता प्राप्त होगी कि वायरस कहाँ से आया है इसके साथ ही भारत में इस वायरस के अलग-अलग उपभेदों और उसके प्रसार के तरीकों को समझने में भी आसानी होगी।
- ध्यातव्य है कि भारत द्वारा किया जा रहा जीनोम अनुक्रमण वायरस के अध्ययन में मदद प्रदान करने के साथ ही टीकों और दवाओं के परीक्षण में भी उपयोगी साबित होगा।