भारत डायनामिक्स और इरेडा के आईपीओ को सेबी की मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियों भारत डायनामिक्स लिमिटेड और इरेडा (Indian Renewable Energy Development Agency Ltd - IREDA) को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये मंज़ूरी प्रदान की गई है। दोनों कंपनियों ने सेबी के पास आईपीओ के लिये जनवरी और दिसंबर के बीच दस्तावेज़ जमा कराए थे।
मुख्य बिंदु
- उक्त दस्तावेज़ों के अनुसार, भारत डायनामिक्स लिमिटेड के आईपीओ के तहत सरकार इक्विटी शेयरों की बिक्री करेगी। इससे कंपनी को सूचीबद्धता का भी लाभ मिल सकेगा।
- भारत डायनामिक्स लिमिटेड (Bharat Dynamics Limited - BDL) की स्थापना 1970 में हुई थी।
- यह निर्देशित प्रक्षेपास्त्र तथा संबंधित रक्षा उपकरण बनाती है। मार्च 2017 के अंत तक कंपनी का नेटवर्थ 2,212.46 करोड़ रुपए था।
- एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज़ और यस सिक्योरिटीज़ कंपनी के आईपीओ का प्रबंधन करेगी।
- इरेडा के आईपीओ के तहत कंपनी के 13.90 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी। इसमें से 6.95 लाख शेयर कंपनी के पात्र कर्मचारियों के लिये आरक्षित होंगे।
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा)
(Indian Renewable Energy Development Agency Ltd -IREDA)
- यह भारत सरकार के ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्यरत एक मिनीरत्न (श्रेणी 1) प्रकार की कंपनी है।
- इसका कार्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना तथा इनके विकास हेतु इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- इसे ‘कंपनी अधिनियम, 1956’ की धारा 4’ए’ के तहत ‘सार्वजनिक वित्तीय संस्थान’ (Public Financial Institution) के रूप में अधिसूचित किया गया है।
- इसे ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ के नियमों के अंतर्गत ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी’ (Non-Banking Financial Company) के रूप में पंजीकृत किया गया है।
- इसे वर्ष 1987 में ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था’ के रूप में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर गठित किया गया था।
- इसका उद्देश्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को प्रोमोट करना, इनका विकास करना तथा इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- कुछ समय पहले भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (आई.आर.ई.डी.ए.) द्वारा तैयार किये जा रहे सोलर पार्कों के आंतरिक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये विश्व बैंक द्वारा 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण प्रदान किया गया है, जिसे आई.आर.ई.डी.ए. के माध्यम से सोलर पावर पार्क डेवलपर्स (Solar Power Park Developers - SPPDs) को प्रदान कराया जाएगा।
[नोट : भारत में इरेडा और इरडा नाम से दो अलग-अलग निकाय मौजूद हैं। इन दोनों निकायों के बीच आपको किसी प्रकार को विभ्रांति न हो, इसके लिये हमने उक्त दोनों निकायों के विषय में संक्षिप्त में विवरण प्रस्तुत किया है।]
‘इरडा’ (Insurance Regulatory and Development Authority - IRDA)
- यह एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन ‘इरडा अधिनियम, 1999’ के द्वारा किया गया है, जो भारतीय बीमा क्षेत्र का विनियमन करता है।
- इस प्रधिकरण के कुछ महत्त्वपूर्ण उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
► पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना।
► अर्थव्यवस्था के विकास में तेज़ी लाने हेतु दीर्घकालिक धन उपलब्ध कराने तथा आम आदमी के हितों को सुनिश्चित करने के लिये बीमा उद्योग की त्वरित एवं व्यवस्थित वृद्धि करने के लिये।
► बीमा धोखाधड़ी और अन्य कदाचारों को रोकने तथा इनके लिये प्रभावी शिकायत निवारण मशीनरी को लागू करने हेतु वास्तविक दावों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करना।
► विनियमन अथवा इसके नियंत्रण के क्षेत्र में कार्यरत लोगों में उच्च स्तर की अखंडता, वित्तीय सुदृढ़ता और निष्पक्ष व्यवहार की योग्यता को स्थापित करना, आदि। - इस अधिनियम की धारा 4 इस प्राधिकरण की संरचना के संदर्भ में बताती है।
- इसके अनुसार, यह एक 10 सदस्यीय प्राधिकरण है, जिसमें 1 अध्यक्ष, 5 पूर्णकालिक सदस्य तथा 4 अंशकालिक सदस्य होते हैं तथा सभी को भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।