मिस्र के संकटापन्न गिद्धों के लिये सुरक्षित स्थल
संदर्भ
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की सूची में संकटापन्न प्राणी के रूप में शामिल मिस्र का गिद्ध पंजाब में मानव आवास के परिसर में प्रजनन कर रहा है। इसकी संख्या एक जोड़े से बढ़कर आठ जोड़े हो गई है। पक्षी प्रेमियों के लिये यह एक सुखद आश्चर्य से कम नहीं है।
प्रमुख बिंदु
- यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि मिस्र के गिद्ध को सफलतापूर्वक पंजाब में एक मानव निवास के भीतर प्रजनन करते हुए देखा जा सकता है और इससे अधिक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि यह यहाँ का एक निवासी बन गया है।
मिस्र का सफेद गिद्ध
- इसका वैज्ञानिक नाम नियोफ्रोन पेर्क्नोटेरस ( Neophron percnopterus ) है। भारत में यह सफेद गिद्ध के नाम से जाना जाता है।
- सफ़ेद गिद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार एक संकटापन्न प्राणी है। यह पहले अमेरिकी महाद्वीप से लेकर एशिया एवं अफ्रीका तक पाया जाता था।
- इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की लाल सूची में लुप्तप्राय (Endangered) जीव के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- पक्षियों के संरक्षण के लिये काम कर रहे एक वैश्विक भागीदारी संगठन बर्ड लाइफ इंटरनेशनल के अनुसार, मिस्र के गिद्धों की वर्तमान वैश्विक आबादी 12,000 से 38,000 तक होने का अनुमान है।
- मिस्र के गिद्ध आमतौर पर पहाड़ों की चट्टानों पर, इमारतों की छतों और पेड़ के ऊपर अपने घोंसले का निर्माण करते हैं।
- ये प्रजातियाँ शायद ही कभी अपने भोजन का शिकार करती हैं। इनका आहार जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों के मृत शव होते हैं।