वर्ष 2025 के लिये महाकुंभ की तैयारी
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2025 में होने वाले भव्य दिव्य महाकुंभ के लिये कार्य कर रही है।
मुख्य बिंदु:
- राज्य सरकार बड़े धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले आगंतुकों के लिये बेहतरीन सुविधाएँ तैयार कर रही है।
- कुंभ क्षेत्र में आवास की व्यवस्था के अलावा शहर में लग्जरी होटलों का निर्माण किया जा रहा है।
- कुंभ मेला यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में आता है
- कुंभ मेला पृथ्वी पर तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमावड़ा है, जिसके दौरान यात्री पवित्र नदी में स्नान करते हैं या डुबकी लगाते हैं।
- यह नासिक में गोदावरी नदी के तट पर, उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर, हरिद्वार में गंगा के तट पर और प्रयागराज में गंगा, यमुना तथा पौराणिक नदी सरस्वती के संगम स्थल पर होता है। गंगा, यमुना तथा सरस्वती के संगम स्थल को 'संगम' कहा जाता है।
- चूँकि यह भारत के चार अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाता है, इसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं जो इसे सांस्कृतिक रूप से विविध त्योहार बनाती हैं।
- एक महीने तक चलने वाले इस मेले की विशेषता एक विशाल टेंट वाली टाउनशिप का निर्माण है, जो कॉटेज, झोपड़ियों, प्लेटफॉर्मों, नागरिक सुविधाओं, प्रशासनिक और सुरक्षा उपायों से परिपूर्ण है।
- इसे सरकार, स्थानीय अधिकारियों और पुलिस द्वारा व्यवस्थित रूप से आयोजित किया जाता है।
- यह मेला विशेष रूप से वनों, पहाड़ों और गुफाओं में दूरदराज़ के स्थानों से आए धार्मिक तपस्वियों की एक असाधारण शृंखला की उपस्थिति के लिये प्रसिद्ध है।