प्रीलिम्स फैक्ट्स: 29 मार्च, 2019
नमक की सबसे लंबी गुफा
हाल ही में इज़राइली शोधकर्त्ताओं ने दुनिया की सबसे लंबी नमक की गुफा खोजने का दावा किया है।
- माल्हम नामक यह गुफा माउंट सोडोम से मृत सागर के दक्षिण-पश्चिम कोने तक फैली हुई है। गौरतलब है कि इस गुफा की लंबाई 10 किलोमीटर से ज़्यादा है।
- इससे पहले ज्ञात दुनिया की सबसे लंबी नमक की गुफा ईरान में थी।
- हिब्रू विश्वविद्यालय के गुफा अनुसंधान केंद्र (CRC), इज़राइली गुफा खोजकर्त्ता क्लब और बुल्गारिया के सोफिया स्पेलियो क्लब ने नौ देशों के 80 खोजकर्त्ताओं के साथ मिलकर इस गुफा का मानचित्रण किया है।
- इस गुफा की छत से नमक के बड़े-बड़े टुकड़े लटके हैं। अक्सर इन टुकड़ों से बूँदों के रूप में खारा पानी टपकता रहता है।
मांकडिंग
हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग-2019 (IPL-2019) के एक क्रिकेट मैच के दौरान एक बल्लेबाज़ को मांकडिंग से रन आउट (जिसे मांकडिंग भी कहा जाता है) कर दिया गया।
मांकडिंग क्या होता है
- पूर्व भारतीय गेंदबाज वीनू मांकड़ के नाम पर इस तरीके को ‘मांकडिंग’ नाम दिया गया था।
- मांकडिंग में नॉन-स्ट्राइकर बल्लेबाज़ को बॉलर द्वारा गेंद फेंकने से पहले ही रन आउट कर दिया जाता है।
- यदि गेंदबाज़ को ऐसा प्रतीत हो कि नॉन-स्ट्राइकर बल्लेबाज़ गेंद फेंकने से पहले ही क्रीज़ से बाहर निकल रहा है तो वह नॉन-स्ट्राइकर छोर की गिल्लियाँ उड़ाकर उसे आउट कर सकता है।
- रन-आउट के इस तरीके को क्रिकेट की दुनिया में खेल-भावना के विपरीत माना जाता रहा है।
वीनू मांकड से संबंध
- वीनू मांकड ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ बिल ब्राउन को दिसंबर 1947 में दो बार रन आउट किया था।
- यह घटना मांकडिंग के सबसे मज़बूत उदहारण के रूप में जानी जाती है।
आईएनएस ‘मगर’
स्थल और जल दोनों ही क्षेत्रों के लिये अनुकूल एक महत्त्वाकांक्षी युद्धपोत आईएनएस ‘मगर’ (INS Magar) मोज़ाम्बिक के चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों के लिये आवश्यक राहत सामग्री के साथ मुंबई से पोर्ट बीरा के लिये रवाना हो गया।
- भारतीय युद्धपोत आवश्यक दवाओं, एंटी-एपिडेमिक ड्रग्स, खाद्य पदार्थों, कपड़े, मरम्मत की सामग्री, पुनर्वास उपकरण तथा अस्थायी आश्रयों सहित 300 टन राहत सामग्री ले जा रहा है।
- जहाज़ एक नौसेना चेतक लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर भी ले जा रहा है, जिसका उपयोग राहत कार्यों में किया जाएगा।
- आईएनएस सुजाता, शारदुल और सारथी के बाद पोर्ट बीरा के लिये रवाना होने वाला यह भारतीय नौसेना के एक प्रशिक्षण स्क्वाड्रन का चौथा जहाज़ है, जो मोज़ाम्बिक में भारतीय नौसेना के मौजूदा मानवीय सहायता और आपदा राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief-HADR) प्रयासों में जुटे हैं।
ओडिसी नृत्य
- ओडिसी नृत्य का उद्भव ओडिशा के मंदिरों में नृत्य करने वाली देवदासियों से हुआ था। यह एक शास्त्रीय नृत्य है।
- अन्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य के समान ओडिसी नृत्य के भी दो प्रमुख पक्ष हैं- प्रथम ‘नृत्य’ या ‘गैर-निरुपण नृत्य’ एवं दूसरा ‘अभिनय’।
- इस नृत्य की दो आधारभूत मुद्राएँ ‘चौक’ और ‘त्रिभंग’ हैं। ‘चौक’ एक वर्ग (चौकोर) की स्थिति है। यह शरीर के संतुलन के साथ नृत्य करने की एक पुरुषोचित मुद्रा है।
- ‘त्रिभंग’ एक स्त्रियोचित मुद्रा है। त्रिभंग का अर्थ है शरीर को तीन भागों- सिर, शरीर और पैर में बांटना। इसकी मुद्राएँ और अभिव्यक्तियाँ भरत नाट्यम के समान होती है।
- यह विशेषत: बारहवीं सदी में जयदेव द्वारा रचित गीत गोविन्द पर आधारित है।
- ओडिसी नृत्य को पुरातात्त्विक साक्ष्यों के आधार पर सबसे पुराने शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक माना जाता है।
- ओडिसी नृत्य का उल्लेख शिलालेखों में मिलता है। इसे ब्रह्मेश्वर मंदिर के शिलालेखों में दर्शाया गया है, साथ ही कोणार्क के सूर्य मंदिर के केंद्रीय कक्ष में इसका उल्लेख मिलता है।