प्रीलिम्स फैक्ट्स: 16 जून, 2020

अंतर्राष्ट्रीय रंगहीनता जागरूकता दिवस

International Albinism Awareness Day

प्रत्येक वर्ष 13 जून को अंतर्राष्ट्रीय रंगहीनता जागरूकता दिवस (International Albinism Awareness Day) मनाया जाता है।

Made-to-shine

थीम:

  • वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम ‘मेड टू साइन’ (Made To Shine) है।
  • इस थीम को दुनिया भर में रंगहीनता से ग्रस्त व्यक्तियों की उपलब्धियों एवं सफलताओं का जश्न मनाने के लिये चुना गया है।

उद्देश्य: 

  • इस दिवस का उद्देश्य रंगहीनता के बारे में लोगों को जागरूक करना तथा रंगहीनता से पीड़ित लोगों के मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना है।

प्रमुख बिंदु: 

  • पृथ्वी पर विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के रंगों के लोग पाए जाते हैं इनमें से कुछ प्राकृतिक रूप से काले या सफेद रंग के होते हैं तो कुछ व्यक्ति शरीर में कुछ विशेष तत्वों की कमी की वजह से रंगहीनता के शिकार हो जाते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर, 2014 को रंगहीनता के शिकार लोगों के साथ विश्व में होने वाले भेदभाव के विरुद्ध जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 13 जून को अंतर्राष्ट्रीय रंगहीनता जागरूकता दिवस मनाने की घोषणा की थी।

रंगहीनता (Albinism): 

  • ‘ऐल्बिनिज़म’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘ऐल्बस’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ ‘सफेद’ होता है।  
  • इसे ऐक्रोमिया, ऐक्रोमेसिया, या ऐक्रोमेटोसिस (वर्णांधता या अवर्णता) भी कहा जाता है।
  • यह मानव शरीर में मेलेनिन (Melanin) के उत्पादन में शामिल एंजाइम के अभाव में त्वचा, बाल एवं आँखों में रंजक या रंग के संपूर्ण या आंशिक अभाव द्वारा चिह्नित किया जाने वाला एक जन्मजात विकार है। 

मेलेनिन (Melanin):

  • मेलेनिन एक प्रकार का पदार्थ है जो हमारे शरीर में पाया जाता है। 
  • मेलेनिन की कितनी मात्रा मनुष्य की त्वचा में मौजूद है। इसी आधार पर मानव त्वचा के रंग का निर्धारण होता है। 
  • जब बच्चे का शरीर उचित मात्रा में मेलेनिन का निर्माण नहीं कर पता है तब बच्चे के बाल और आँखों का रंग हल्का हो जाता है। 
  • ऐल्बिनिज़म, वंशानुगत तरीके से ‘रिसेसिव जीन एलील्स’ (Recessive Gene Alleles) को प्राप्त करने के परिणामस्वरूप होता है और यह मानव सहित सभी रीढ़धारी जीवों को प्रभावित करता है।
  • ऐल्बिनिज़म से प्रभावित जीवधारियों के लिये आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द ‘रजकहीन जीव’ या एल्बिनो (Albino) है।
  • जब माता और पिता दोनों के शरीर में ऐल्बिनिज़म जीन होते हैं तो उनसे पैदा होने वाले बच्चे को रंगहीनता या ऐल्बिनिज़म होने की संभावना अधिक होती है।
  • भारत में वर्तमान में ऐल्बिनिज़म से पीड़ित लोगों की संख्या लगभग 1,00,000 है।

कैप्टन अर्जुन

Captain Arjun

  • भारतीय रेलवे के 'सेंट्रल रेलवे ज़ोन' ने रेल यात्रियों एवं रेलवे कर्मचारियों की COVID-19 से संबंधित स्क्रीनिंग एवं निगरानी को तेज़ करने के लिये एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित रोबोट 'कैप्टन अर्जुन’ (Captain Arjun) लॉन्च किया।

Captain-Arjun

प्रमुख बिंदु:

  • अर्जुन (Arjun) का पूर्ण रूप ‘Always be Responsible and Just Use to be Nice’ है।
  • यह रोबोट मोशन सेंसर, एक PTZ कैमरा (Pan–Tilt–Zoom Camera) एवं एक डोम कैमरा (Dome Camera) से युक्त है। 

लाभ:

  • यह नवाचार भारतीय रेलवे को COVID-19 के दौरान अपने सुरक्षा उपायों को आधुनिक बनाने में मदद करेगा।
  • यह रोबोट ट्रेनों में सवार होने के दौरान यात्रियों को स्क्रीन करेगा और असामाजिक तत्वों पर नजर रखेगा। 

सेंट्रल रेलवे ज़ोन:

  • सेंट्रल रेलवे ज़ोन भारतीय रेलवे के 17 ज़ोन में से एक है। इसका मुख्यालय मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में है।
  • इसे भारत में पहली यात्री रेलवे लाइन के संचालन का गौरव प्राप्त है जो 16 अप्रैल, 1853 को मुंबई से ठाणे के मध्य संचालित की गई थी।

जूनटींथ

Juneteenth

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि 19 जून को संयुक्त राज्य अमेरिका में दास प्रथा से मुक्ति रूप में जाना जाता है। इस छुट्टी के दिन को जूनटींथ (Juneteenth) नाम दिया गया है यानि इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

प्रमुख बिंदु:

  • जूनटींथ को जून महीने के पोर्टमैंटू (Portmanteau) के रूप में जाना जाता है और यह संयुक्त राज्य अमेरिका का एक संघीय अवकाश नहीं है इसे 45 से अधिक अमेरिकी राज्यों में राजकीय अवकाश के रूप में मान्यता प्राप्त है।

पोर्टमैंटू (Portmanteau):

  • पोर्टमैंटू दो भिन्‍न-भिन्‍न शब्‍दों की ध्‍वनियों का कुछ भाग ले कर बनाया गया तीसरा शब्‍द है। जूनटींथ, ऐसा ही एक शब्द है।  
  • यह दिन संयुक्त राज्य अमेरिका में दासता की समाप्ति का राष्ट्रीय स्मरणोत्सव है और इसे 19 जून को मनाया जाता है।
  • इसे दास्यमुक्ति दिवस (Emancipation Day) या जूनटींथ स्वतंत्रता दिवस (Juneteenth Independence Day) के रूप में भी जाना जाता है।
  • 1 जनवरी, 1863 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने ‘दास्यमुक्ति प्रस्तावना’ जारी की जिसमें घोषणा की गई कि अमेरिकी राज्यों के भीतर हो रहे विद्रोह में वे सभी व्यक्ति जिनको गुलाम बना कर रखा गया है वे स्वतंत्र किये जाएंगे।
    • किंतु लिंकन की उद्घोषणा के 2.5 वर्ष बाद भी कई दासों के मालिकों ने दासों से संबंधित जानकारी को छुपाकर रखा तथा दासों को आगामी फसल के लिये खेतों पर काम करने के उद्देश्य से उन्हें गुलाम बना कर रखा।
  • 19 जून, 1865 को संयुक्त राज्य अमेरिका में मेजर जनरल गॉर्डन ग्रेंजर (Major General Gordon Granger) टेक्सास के गैल्वेस्टन पहुँचे और गृह युद्ध एवं दासता दोनों की समाप्ति की घोषणा की थी। तब से जूनटींथ अफ्रीकी-अमेरिकियों के लिये स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्त्व करने वाला एक प्रतीकात्मक तारीख बन गया है।   

मंकी पार्क

Monkey Park

हाल ही में कर्नाटक के शरावती पश्चजल क्षेत्र  (Sharavathi Backwaters Region) के निर्जन द्वीपों पर एक मंकी पार्क (Monkey Park) स्थापित करने की कर्नाटक सरकार की योजना का पर्यावरणविदों ने विरोध किया है।   

Monkey-Park

प्रमुख बिंदु:

  • उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों में कर्नाटक के मलनाड क्षेत्र में बंदरों द्वारा कृषि एवं बागानी फसलों के नुकसान के मामलों में वृद्धि हुई है जिसके कारण कई किसान संगठनों ने माँग की थी कि राज्य सरकार इस समस्या का समाधान करे। 
  • इस समस्या के समाधान के रूप में कर्नाटक सरकार ने मंकी पार्क की स्थापना का निर्णय लेते हुए वर्ष 2020-21 के राज्य सरकार के बजट में 6.25 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।

पर्यावरणविदों द्वारा विरोध:

  • पर्यावरणविदों का तर्क है कि शरावती पश्चजल क्षेत्र में स्थित द्वीप वानस्पतिक दृष्टि से जैव-विविधता से समृद्ध हैं और यदि बंदरों को वहाँ पुनर्स्थापित किया गया तो वे पारिस्थितिक असंतुलन पैदा कर सकते हैं। 

हिमाचल प्रदेश मॉडल:

  • हिमाचल प्रदेश में, बंदरों की समस्या से निपटने के लिये राज्य द्वारा संचालित अत्याधुनिक ‘बंदर नसबंदी एवं पुनर्वास केंद्र’ (Monkey Sterilisation And Rehabilitation Centres) स्थापित किये गए हैं।