प्रीलिम्स फैक्ट्स: 15 नवंबर, 2019
दुस्त्लिक अभ्यास-2019
Dustlik Exercise-2019
हाल ही में भारत और उज़्बेकिस्तान के मध्य संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण दुस्त्लिक अभ्यास-2019 (DUSTLIK Exercise -2019) का आयोजन किया गया।
दुस्त्लिक अभ्यास के बारे में:
- यह अभ्यास शहरी परिदृश्य में आतंकवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित था।
- इसके अलावा हथियारों को चलाने की विशेषज्ञता और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिये शूटिंग तथा अनुभव साझा करना इसका उद्देश्य है।
- इस अभ्यास ने सेनाओं को सभी देशों की सांस्कृतिक समझ, अनुभवों को साझा करने, आपसी विश्वास और सहयोग को मजबूत करने का अवसर प्रदान किया।
- दुस्त्लिक अभ्यास- 2019 का आयोजन ताशकंद के निकट चिर्चिक प्रशिक्षण क्षेत्र में किया गया।
लिब्रहान आयोग
Liberhan Commision
हाल ही में अयोध्या फैसले पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी की तुलना वर्ष 1992 में गठित लिब्रहान आयोग (Liberhan Commision) की रिपोर्ट से की गई।
- न्यायालय ने कहा कि बाबरी मस्जिद गिराया जाना एक ‘सोचा-समझा कृत्य’ था।
लिब्रहान आयोग के बारे में:
- लिब्रहान आयोग का गठन न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह लिब्रहान की अध्यक्षता में वर्ष 1992 के बाबरी विध्वंस मामले की जाँच के लिये किया गया था।
- लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या में सारा विध्वंस ‘योजनाबद्ध’ तरीके से किया गया था।
- इस आयोग की रिपोर्ट जून 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री को सौंपी गई।
- लिब्रहान आयोग देश में अब तक का सबसे लंबा चलने वाला जाँच आयोग है, जिस पर करीब 8 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
सबका विश्वास योजना
Sabka Vishwas Scheme
करदाताओं के लंबित विवादों के निपटारे के लिये शुरु की गई सबका विश्वास योजना (Sabka Vishwas Scheme) के तहत अब तक लगभग 5,472 करोड़ रुपए के बकाए का निपटान किया जा चुका है।
सबका विश्वास योजना के बारे में
- वित्त मंत्रालय द्वारा केंद्रीय बजट 2019-20 में इस योजना की घोषणा की गई थी जिसका उद्देश्य बकाया कर राशि वाले लोगों को आंशिक छूट देना और कर विवाद मामलों का जल्द-से-जल्द निपटारा करना है।
- यह योजना 1 सितंबर, 2019 से लागू है तथा 31 दिसंबर, 2019 तक क्रियान्वित रहेगी।
- योजना के तहत बड़ी संख्या में करदाता सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद कर से संबंधित अपने बकाया मामलो के समाधान का लाभ उठाएंगे।
- ये सभी मामले अब वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax-GST) के अंतर्गत सम्मिलित हो चुके हैं और इनके समाधान के परिणामस्वरूप करदाता GST पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
- इस योजना के दो प्रमुख भाग हैं- विवाद समाधान और बकाया कर में माफी
- विवाद समाधान का लक्ष्य जीएसटी में सम्मिलित केंद्रीय उत्पाद और सेवा कर के बकाया मामलों का समाधान करना है।
- बकाया कर में माफी के तहत करदाता को बकाया कर देने का अवसर प्रदान किया जाएगा और करदाता कानून के अंतर्गत किसी भी अन्य प्रभाव से मुक्त रहेगा।
- इस योजना का सबसे आकर्षक प्रस्ताव सभी प्रकार के बकाया कर के मामलो में बड़ी राहत के साथ-साथ ब्याज, जुर्माना और अर्थदंड में पूर्ण राहत देना है।
- योजना के अंतर्गत न्यायिक अपील के लंबित सभी मामलों में 50 लाख रुपए या इससे कम के मामले में 70% और 50 लाख रुपए से अधिक के मामलों में 50% की राहत मिलेगी।
ज़ियोकेमिकल बेसलाइन एटलस
Geochemical Baseline Atlas
हाल ही में भारत का पहला ज़ियोकेमिकल बेसलाइन एटलस (Geochemical Baseline Atlas) जारी किया गया है।
ज़ियोकेमिकल बेसलाइन एटलस के बारे में:
- यह एटलस वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान (Scientific and Industrial Research- CSIR) के तहत कार्यरत राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (National Geophysical Research Institute- NGRI) द्वारा जारी किया गया है।
- इस एटलस का उपयोग नीति निर्माताओं द्वारा पर्यावरणीय क्षति का आकलन करने हेतु किया जाएगा।
- इस एटलस में लगभग 45 मानचित्र शामिल हैं जिनमें देश में मृदा की सतह और उसके नीचे की धातुओं, ऑक्साइड्स एवं तत्त्वों के बारे में जानकारी उपलब्ध है।
- पृथ्वी की सतह पर होने वाले रासायनिक संरचना और परिवर्तन के आकलन में यह जानकारी देश की भावी पीढ़ी के लिये सहायक होगी।
- ये मानचित्र, उद्योगों या अन्य निकायों से निकलने वाले संदूषकों के कारण भविष्य में प्रदूषण स्तर का पता लगाने में भी मददगार साबित होंगे।