प्रीलिम्स फैक्ट्स: 07 दिसंबर, 2019
डीम्ड फ़ॉरेस्ट
Deemed Forests
हाल ही में उत्तराखंड राज्य सरकार ने डीम्ड फ़ॉरेस्ट (Deemed Forests) की एक नई परिभाषा दी जिसे केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 1996 में वनों के बारे में दिए गए एक निर्णय दायरे से बाहर बताया है।
पृष्ठभूमि:
- सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वन का मतलब उसके शाब्दिक अर्थ से है यानी वह जगह जहाँ पेड़-पौधों की उपस्थिति हो, भले ही वहाँ किसी का भी स्वामित्व हो।
- आदेश के अनुसार, वन संरक्षण अधिनियम, 1980 हर उस वन पर लागू होता है, जो वन के शाब्दिक अर्थ की परिभाषा के तहत आता है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को वन की पहचान करने और उन्हें सूचित करने को भी कहा था।
- कुछ राज्यों में डीम्ड वन पहले से ही वनों की एक कानूनी श्रेणी है और उन्हें शब्दकोष की परिभाषा के अनुसार परिभाषित नहीं किया गया है।
उत्तराखंड राज्य द्वारा दी गई परिभाषा:
- राज्य के अनुसार, वहाँ के राजस्व आँकड़ों में दर्ज 10 हेक्टेअर क्षेत्र या उससे अधिक क्षेत्र के वन जिनका वितान घनत्व (Canopy Density) 60% से अधिक हो, वे ही डीम्ड फ़ॉरेस्ट माने जाएंगे।
- साथ ही यह भी कहा गया कि इनमें 75% स्थानीय प्रजातियों के पेड़-पौधे होने चाहिये।
मुद्दा:
- राज्य के रिज़र्व और संरक्षित वनों में भी 60% वितान घनत्व (Canopy Density) वाले वन कम ही हैं ऐसे में राजस्व आँकड़ों में दर्ज भूमि पर आच्छादित वनों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होने की संभावना है।
नेशनल फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार
National Florence Nightingale Awards
हाल ही में केरल की नर्स लिनी पीएन (Lini P.N.) को मरणोपरांत राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार- 2019 (National Florence Nightingale Awards- 2019) से सम्मानित किया गया है।
- लिनी पीएन केरल में एक नर्स थीं जिनकी वर्ष 2018 में निपाह वायरस के प्रकोप के दौरान एक मरीज का इलाज करते समय संक्रमण से मृत्यु हो गई थी।
शुरुआत:
- भारत सरकार ने वर्ष 1973 में नर्सों द्वारा प्रदान की जाने वाली सराहनीय सेवाओं को मान्यता प्रदान करने के तौर पर राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना की।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) ने वर्ष 2020 को नर्स (Nurse) और प्रसाविका (MidWife) वर्ष घोषित किया है।
पुरस्कार राशि:
- इस पुरस्कार में 50000 रुपए नकद, एक प्रमाण पत्र, एक प्रशस्ति-पत्र और एक पदक दिया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस:
- आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को हुआ था और इस दिन को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।
निपाह:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपाह वायरस एक नई उभरती बीमारी है। इसे 'निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस' भी कहा जाता है जो कि एक वायरल संक्रमण है।
- इसका मुख्य लक्षण बुखार, खांसी, सिरदर्द, दिमाग में सूजन, उल्टी होना, साँस लेने में तकलीफ होना आदि हैं।
- यह वायरस इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। यह आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँच जाता है।
ब्रिक्स दूरसंवेदी आभासी उपग्रह समूह
BRICS Remote Sensing Virtual Satellite Constellation
हाल ही में ब्रिक्स देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा ब्रिक्स दूरसंवेदी आभासी उपग्रह नक्षत्र (BRICS Remote Sensing Vietual Satellite Constellation) के निर्माण पर सहयोग विकसित करने के लिये सहमति व्यक्त की गई है।
पृष्ठभूमि:
- ब्रिक्स दूरसंवेदी आभासी उपग्रह समूह फोरम का पहला आयोजन वर्ष 2017 में ब्राज़ील में किया गया था।
- इसका उद्देश्य ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग और द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना तथा ब्रिक्स देशों के लिये उपग्रह अवलोकन की दक्षता में सुधार करने हेतु संसाधनों को साझा करना है।
इसे दो चरणों में लागू किया जाएगा:
- आभासी उपग्रह समूह
- वास्तविक उपग्रह समूह
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य उपग्रह रिमोट सेंसिंग डेटा तक पहुँच प्राप्त करना है।
- इसका उपयोग ब्रिक्स देशों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये किया जा सकता है।
सत्रिया नृत्य
Sattriya Dance
हाल ही में नृत्य समीक्षक एवं इतिहासकार डॉ सुनील कोठारी को सत्रिया नृत्य (Sattriya Dance) को लोकप्रिय बनाने के लिये माधवदेव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
उत्पत्ति:
- सत्रिया नृत्य की उत्पत्ति 15वीं शताब्दी में श्रीमंत शंकरदेव द्वारा शुरू किये गए नव-वैष्णव आंदोलन के एक हिस्से के रूप में ‘सत्र’ मठ में हुई थी।
- शंकर देव ने इसे अंकीयानाट के प्रदर्शन के लिये विकसित किया था।
विस्तार:
- यह पूर्वोत्तर भारत के असम की प्रसिद्ध नृत्य शैली है।
संकलन:
- इसमें पौराणिक कथाओं का समावेश होता है प्रारंभ में यह नृत्य पुरुषों द्वारा किया जाता था परंतु अब इसे महिलाओं द्वारा भी किया जाता है।
- नृत्य करने वाले पुरुष को ‘पाक’ तथा महिला को ‘प्राकृत पाक’ कहा जाता है
- इसमें शंकरदेव द्वारा संगीतबद्ध रचनाओं का प्रयोग होता है, जिसे ‘बोरगीत’ कहा जाता है।
- इसमें ढोल, ताल एवं बांसुरी का प्रयोग होता है और वर्तमान में इसमें हारमोनियम का प्रयोग भी किया जाने लगा है।
- इस नृत्य शैली को संगीत अकादमी द्वारा 15 नवंबर, 2000 को शास्त्रीय नृत्य की सूची में शामिल कर लिया गया।
विशेषताएँ:
- इस नृत्य को कई विधाओं जैसे- अप्सरा नृत्य, बेहर नृत्य, चाली नृत्य, दशावतार नृत्य, मंचोकनृत्य, रास नृत्य में बाँटा गया है।
- इस नृत्य में भी अन्य शास्त्रीय नृत्यों की भाँति नाट्यशास्त्र, संगीत रत्नाकार एवं अभिनय दर्पण के सिद्धांतों का प्रयोग होता है।
प्रमुख नर्तक/नर्तकियाँ:
- इस नृत्य से संबंधित प्रमुख नर्तकों में रामकृष्ण तालुकदार तथा कृष्णाक्षी कश्यप आदि हैं।