प्रीलिम्स फैक्ट्स: 01 जून, 2019

राष्ट्रीय रक्षा निधि

हाल ही में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय रक्षा निधि के तहत मृत रक्षाकर्मियों के आश्रितों के लिये प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना में परिवर्तन को मंज़ूरी दे दी है।

प्रधानमंत्री ने निम्‍नलिखित बदलावों को मंज़ूरी दी है-

  • छात्रवृत्ति की दरें बालकों के लिये प्रतिमाह 2000 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए और बालिकाओं के लिये प्रतिमाह 2250 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए कर दी गई हैं।
  • छात्रवृत्ति योजना के दायरे में अब ऐसे राज्‍य पुलिसकर्मियों के बच्‍चों को भी लाया गया है, जो आतंकी/नक्‍सल हमलों के दौरान शहीद हो गए।
  • राज्‍य पुलिसकर्मियों के बच्‍चों के लिये नई छात्रवृत्तियों का कोटा एक साल में 500 होगा। गृह मंत्रालय ही इस संबंध में प्रमुख मंत्रालय होगा।

पृष्‍ठभूमि

  • राष्‍ट्रीय रक्षा से जुड़े प्रयासों को बढ़ावा देने के लिये नकदी या वस्‍तु के रूप में प्राप्‍त होने वाले स्‍वैच्छिक दान को संभाल कर रखने और उनके उपयोग के लिये वर्ष 1962 में राष्‍ट्रीय रक्षा निधि (National Defence Fund- NDF) बनाई गई थी।
  • वर्तमान में इस निधि का उपयोग सशस्त्र बलों, अर्द्ध-सैन्‍य बलों और रेलवे सुरक्षा बल के सदस्‍यों तथा उनके आश्रितों के कल्‍याण के लिये किया जाता है।
  • इस निधि का संचालन एक कार्यकारी समिति द्वारा किया जाता है। प्रधानमंत्री इस समिति के अध्‍यक्ष हैं और रक्षा, वित्त‍ एवं गृह मंत्री इसके सदस्‍य हैं।
  • इस निधि के तहत ‘प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना’ (Prime Minister’s Scholarship Scheme- PMSS) नामक प्रमुख स्‍कीम कार्यान्वित की जा रही है, जिसका उद्देश्‍य सशस्त्र बलों, अर्द्ध-सैन्‍य बलों और रेलवे सुरक्षा बल के मृतक/पूर्व कर्मचारियों के आश्रितों की तकनीकी और स्‍नातकोत्तर शिक्षा को बढ़ावा देना है।
  • छात्रवृत्तियाँ तकनीकी संस्‍थानों (चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पशु चिकित्सा, इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए और एआईसीटीई/यूजीसी से समुचित अनुमोदन प्राप्‍त अन्य समतुल्‍य तकनीकी पेशा) में शिक्षा के लिये उपलब्‍ध हैं।
  • प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रत्‍येक वर्ष रक्षा मंत्रालय द्वारा नियंत्रित सशस्‍त्र बलों के 5500 बच्‍चों (वार्ड) के लिये, गृह मंत्रालय द्वारा नियंत्रित अर्द्ध-सैन्‍य बलों के 2000 बच्‍चों के लिये और रेल मंत्रालय द्वारा नियंत्रित बलों के 150 बच्‍चों के लिये नई छात्रवृत्तियाँ दी जाती हैं।

किसानों के लिये पेंशन योजना

केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने केंद्रीय क्षेत्र की एक नई योजना (Central Sector Scheme) को मंज़ूरी दी है, जो किसानों को पेंशन प्रदान करेगी।

  • देश भर के सभी लघु और सीमांत किसानों (Small and Marginal Farmers- SMF) के लिये एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना को मंज़ूरी दी गई है। इस योजना में प्रवेश की आयु 18 से 40 वर्ष निर्धारित की गई है तथा 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर संबंधित व्यक्ति को 3,000 रुपए प्रतिमाह की न्यूनतम निर्धारित पेंशन दी जाएगी।
  • लाभार्थी किसान को 29 वर्ष की आयु में योजना में प्रवेश करने पर प्रतिमाह 100 रुपए का योगदान करना आवश्यक है। केंद्र सरकार द्वारा भी पेंशन फंड में उतनी ही राशि का योगदान किया जाएगा जितना कि पात्र किसान द्वारा दिया जाता है।
  • यदि पेंशन प्राप्ति के दौरान अभिदाता (Subscriber) की मृत्यु हो जाने पर SMF लाभार्थी का जीवनसाथी (Spouse) पारिवारिक पेंशन के रूप में अभिदाता को प्राप्त होने वाली पेंशन का 50% प्राप्त करने का हकदार होगा, बशर्ते वह पहले से ही इस योजना के तहत SMF लाभार्थी न हो।
  • यदि अंशदाता की मृत्यु अंशदान की अवधि के दौरान होती है, तो पति या पत्नी के पास नियमित योगदान देकर योजना को जारी रखने का विकल्प होगा।

योजनाओं के बीच तालमेल, किसानों के लिये समृद्धि:

  • योजना की एक प्रमुख विशेषता यह है कि किसान सीधे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi, PM-KISAN) योजना से प्राप्त होने वाले लाभ से इस योजना में मासिक योगदान का विकल्प चुन सकते हैं।
  • वैकल्पिक रूप से एक किसान इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के (Ministry of Electronics and Information Technology) अधीन सामुदायिक सेवा (Common Service Centres- CSCs) के माध्यम से पंजीकरण करके अपने मासिक योगदान का भुगतान कर सकता है।

पीएम-किसान (PM-KISAN)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (PM-KISAN) के विस्तार को मंज़ूरी दे दी है।

  • संशोधित योजना में लगभग 2 करोड़ से अधिक किसानों को शामिल किये जाने की उम्मीद है, जिससे लगभग 14.5 करोड़ लाभार्थियों को PM-KISAN के तहत कवर किया जाएगा।

पृष्ठभूमि

देश के किसानों को आर्थिक मदद देने के लिये किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN Scheme) की घोषणा 1 फरवरी, 2019 को पेश केंद्रीय अंतरिम बजट (Interim Budget) में की गई थी।

  • इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक की छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपए प्रतिवर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
  • योजना वर्ष 2019-20 तक 1 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित व्यय के साथ लागू की जाएगी, जिससे 12.50 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों को लाभ होगा।

काप्पाफाइकस अल्वारेज़ी

काप्पाफाइकस अल्वारेज़ी (एक नए किस्म का आक्रामक समुद्री शैवाल)/ (Kappaphycus Alvarezii) प्रवाल भित्तियों को धीरे-धीरे खत्म करता है। अब यह मन्नार की खाड़ी में वलई द्वीप (Valai Island) तक फैल चुका है और समुद्री राष्ट्रीय उद्यान के एक वृहद् प्रवाल क्षेत्र को दुष्प्रभावित कर सकता है।

  • इस आक्रामक शैवाल ने मंडपम के शिंगल, कुरुसादाई और मुल्ली द्वीपों पर भी आक्रमण कर दिया है।
  • GoM के मंडपम क्लस्टर में शिंगल, कुरुसादाई और मुल्ली द्वीपों पर आक्रमण करने के बाद, इस लाल शैवाल ने दक्षिण पाक खाड़ी में प्रवेश किया है तथा अब किलाकारई तट के साथ वलाई द्वीप पर आक्रमण का अंदेशा है।

मन्नार की खाड़ी

  • मन्नार की खाड़ी (Gulf of Mannar) पूर्वी भारत और पश्चिमी श्रीलंका के बीच हिंद महासागर का एक प्रवेश-द्वार है। यह रामेश्वरम (द्वीप), एड्म ब्रिज और मन्नार द्वीप से घिरा है।
  • यह खाड़ी 80-170 मील (130-275 किमी.) चौड़ी और 100 मील (160 किमी.) लंबी है। इसमें कई नदियाँ मिलती हैं जिसमें तांब्रपर्णी (भारत) और अरुवी (श्रीलंका) शामिल हैं।
  • तूतीकोरिन का बंदरगाह समुद्री तट पर है। यह खाड़ी मोतियों के भंडार और शंख के लिये विख्यात है।

समुद्री राष्ट्रीय उद्यान

  • समुद्री राष्ट्रीय उद्यान (Marine National Park) की स्थापना वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत की गई थी। इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल लगभग 162.89 वर्ग किमी. है।
  • समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, मन्नार की खाड़ी में जामनगर तट पर 42 द्वीप हैं, जिनमें से अधिकांश चट्टानों से घिरे हैं।
  • उद्यान का प्रमुख पारिस्थितिकी तंत्र इस प्रकार है-
    • प्रवाल भित्तियाँ, मैंग्रोव, मडफ्लैट्स, क्रीक्स, सीग्रैस और सीवेयड्स, एस्चुरीज़, रेतीले स्ट्रैंड्स, सलाइन ग्रासलैंड्स, दलदली इलाके और चट्टानी तट।