प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने पूरे देश में ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी को और मज़बूत बनाने के लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण (PMGSY-III) को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना केंद्र प्रायोजित है, जिसे लागू करने की ज़िम्मेदारी ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं राज्य सरकारों को दी गई है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना के तीसरे चरण के तहत देश भर में सड़कों का नेटवर्क स्थापित कर रिहायशी क्षेत्रों को ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्च माध्यमिक विद्यालयों तथा अस्पतालों को ग्रामीण क्षेत्रों की प्रमुख संपर्क सड़कों से जोड़ा जाएगा।
- इसके अंतर्गत 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाने की योजना है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 80,250 करोड रुपए है।
- इससे ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्च माध्यमिक विद्यालयों तथा अस्पतालों से आवाजाही तीव्र एवं सुविधाजनक हो जाएगी।
- PMGSY के अंतर्गत बनी सड़कों का रखरखाव ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा।
- ध्यातव्य है कि वित्तमंत्री ने वर्ष 2018-19 के बजट भाषण में PMGSY-III योजना की घोषणा की थी।
वित्तीय हिस्सेदारी
- परियोजना की अनुमानित लागत 80,250 करोड़ रुपए में से केंद्र का हिस्सा 53,800 करोड़ रुपए तथा राज्य का हिस्सा 26,450 करोड़ रुपए है।
- केंद्र एवं राज्यों के बीच निधियों की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में होगी, लेकिन 8 पूर्वोत्तर राज्यों तथा तीन हिमालयी राज्यों (जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड) में ये हिस्सेदारी 90:10 के अनुपात में होगी।
योजना का क्रियान्वयन
- ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं राज्य सरकारों द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III की अवधि 2019-20 से 2024-25 तक निर्धारित की गई है।
- सड़कों का चयन आबादी, बाजार, शैक्षणिक तथा चिकित्सा सुविधाओं आदि के मानकों के आधार पर सड़क विशेष द्वारा प्राप्त किये गए अंकों में से कुल अंकों के आधार पर किया जाएगा।
- मैदानी क्षेत्रों में 150 मीटर तक लंबे पुलों का निर्माण और हिमालयी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में 200 मीटर तक लंबे पुलों के निर्माण का प्रस्ताव है। वर्तमान प्रावधान मैदानी क्षेत्रों में 75 मीटर तथा हिमालयी एवं पूर्वोत्तर राज्यों में 100 मीटर है।
- राज्यों से PMGSY- III लॉन्च किये जाने से पहले समझौता ज्ञापन करने को कहा जाएगा, ताकि PMGSY के अंतर्गत पाँच वर्ष की निर्माण रखरखाव अवधि के बाद सड़कों के रखरखाव के लिये पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जा सके।
पृष्ठभूमि
- PMGSY दिसंबर 2000 में लॉन्च की गई थी।
- इसका उद्देश्य निर्धारित आकार (2001 की जनगणना के अनुसार, 500+मैदानी क्षेत्र तथा 250+ पूर्वोत्तर, पर्वतीय, जनजातीय और रेगिस्तानी क्षेत्र) को सभी मौसमों के अनुकूल एकल सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करना था ताकि क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास हो सके।
- सरकार द्वारा PMGSY के अंतर्गत वर्ष 2016 में चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों के लिये पृथक सड़क कनेक्टिविटी परियोजना लॉन्च की गई, ताकि सुरक्षा और संचार व्यवस्था की दृष्टि से गंभीर 44 जिलों में आवश्यक पुलियों तथा आड़े-तिरछे प्रतिकूल जल निकासी ढाँचे के साथ सभी मौसमों के अनुकूल रोड कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।