पोस्टल बैलेट सुविधा
प्रीलिम्स के लिये
पोस्टल बैलेट सुविधा, भारत निर्वाचन आयोग, स्वीप (SVEEP) कार्यक्रम
मेन्स के लिये
पोस्टल बैलेट सुविधा के संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा दिए गये दिशा-निर्देश
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर चुनाव संचालन नियमों में संशोधन करके ‘अनुपस्थित मतदाता’ (Absentee Voter) की अवधारणा देते हुए पोस्टल बैलेट सुविधाओं (Postal Ballot Facilities) के संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
मुख्य बिंदु:
- भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावों में 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और निर्दिष्ट दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलेट की सुविधा प्रदान करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा दिये गए दिशा-निर्देशों तथा मानक परिचालन प्रक्रियाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया है।
- भारत निर्वाचन आयोग ‘स्वीप’ (Systematic Voter’s Education and Electoral Participation- SVEEP) कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाताओं को इस नई पहल से अवगत कराने के लिये व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर रहा है ताकि मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित न रह जाएँ।
- पोस्टल बैलेट की सुविधाओं को स्थापित करने के लिये आवश्यक बुनियादी ढाँचागत सुविधाओं का सृजन करना होगा तथा इसके लिये कानूनी रुपरेखा तैयार करनी होगी।
- 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं या दिव्यांग मतदाताओं के पास ये विकल्प होगा कि वे नियमित मतदान के स्थान पर ‘अनुपस्थित मतदाता’ के रूप में मतदान कर सकते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा किये गए संशोधन :
- ‘अनुपस्थित मतदाता’ की अवधारणा को परिभाषित किया और चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया गया।
- अधिनियम की धारा 60 के अनुसार, ‘अनुपस्थित मतदाता’ वे मतदाता हैं जो सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में उल्लिखित सेवाओं में कार्यरत हैं अथवा वरिष्ठ नागरिक या दिव्यांग की श्रेणी में आते हैं।
- ‘दिव्यांग’ व्यक्तियों से आशय ऐसे व्यक्तियों से है जिन्हें मतदाता सूची में दिव्यांग के रूप में दर्शाया गया है।
- ‘वरिष्ठ नागरिक’ से आशय ऐसे मतदाताओं से है जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है तथा जो ‘अनुपस्थित मतदाता’ की श्रेणी में आते हैं।
- ‘अनुपस्थित मतदाता’ के रूप में आवेदन करने के लिये फॉर्म 12D भरना होगा और इसका सत्यापन निर्दिष्ट नोडल अधिकारी द्वारा (विकलांग तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए नहीं) किया जायेगा तथा इसे चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पाँच दिन के भीतर रिटर्निंग ऑफिसर के पास भेजना होगा।
- ‘अनुपस्थित मतदाता’ के मामले में, पोस्टल बैलेट केंद्र को वापस करना होगा ताकि नियम 27 के उप-नियम 27F के आधार पर मतदान को दर्ज किया जा सके।
पोस्टल बैलेट सुविधा:
जो व्यक्ति किसी निर्दिष्ट सेवा में कार्यरत होने के कारण अथवा दिव्यांग या वरिष्ठ नागरिक होने के कारण मतदान केंद्र तक पहुँचने में असमर्थ हैं। उन लोगों को डाकपत्र के माध्यम से मताधिकार का प्रयोग करने की सुविधा देना ही पोस्टल बैलेट कहलाता है।
‘स्वीप’ कार्यक्रम (Systematic Voter’s Education and Electoral Participation-SVEEP):
- ‘स्वीप’ कार्यक्रम मतदाता जागरूकता तथा मतदाता साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2009 में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रारंभ किया गया एक कार्यक्रम है।
- ‘स्वीप’ कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य भारत में चुनाव के दौरान मतदान के योग्य सभी नागरिकों को मतदान के लिये प्रेरित करके बेहतर सहभागी लोकतंत्र का निर्माण करना है।
भारत निर्वाचन आयोग ‘अनुपस्थित मतदाता’ की सभी श्रेणियों के मतदाताओं के लिये सरल तथा सहज मताधिकार प्रयोग करने की प्रकिया उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल से इस बात की आश्वस्तता बढ़ी है कि वरिष्ठ नागरिक तथा दिव्यांग व्यक्ति भी अपने मताधिकार का सहज रूप से प्रयोग कर सकेंगे।