असम में विदेशी अधिकरण और एन.आर.सी.
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम में 1000 अतिरिक्त विदेशी अधिकरणों की स्थापना को मंज़ूरी दी है।
विदेशी
विदेशी अधिनियम (Foreigners Act), 1946 के तहत वह व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है, विदेशी माना जाता है।
अवैध प्रवासी
यूनेस्को (UNESCO) के अनुसार, आमतौर पर ऐसे लोगों को अवैध प्रवासी कहते हैं जो रोज़गार के लिये अन्य देशों में बिना अनुमति और आवश्यक दस्तावेज़ों के प्रवेश करते हैं।
अतिरिक्त विदेशी अधिकरणों की आवश्यकता क्यों ?
- केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (RGCCI) ने 30 जुलाई, 2018 को असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों को अलग करने के लिये NRC की अंतिम मसौदा सूची प्रकाशित की।
- यह सूची ऐसे लोगों को अपवर्जित करने के लिये तैयार की गई, जिन्होंने 25 मार्च, 1971 के बाद बांग्लादेश से अवैध रूप से असम राज्य में प्रवेश किया था।
- लगभग 40 लाख लोगों को अंतिम मसौदे से बाहर रखा गया था। इनमें से 4 लाख लोगों ने अपवर्जित किये जाने के खिलाफ आवेदन नहीं किया। इन लोगों की उचित सुनवाई के लिये असम में अधिक अधिकरणों की आवश्यकता है।
वर्तमान में असम में अधिकरणों की संख्या
- वर्तमान में असम में 100 विदेशी अधिकरण (Foreigners tribunal) कार्यरत हैं, प्रारंभ में 11 अवैध प्रवासी (निर्धारण) ट्रिब्यूनल थे। किंतु वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध प्रवासी (निर्धारण) अधिनियम (IMDT), 1983 को रद्द करने के बाद इन ट्रिब्यूनलों को विदेशी अधिकरणों में परिवर्तित कर दिया गया।
अवैध प्रवासी (न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारण) अधिनियम (IMDT), 1983
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस अधिनियम को वर्ष 2005 में रद्द कर दिया गया। क्योंकि यह अधिनियम बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उनको निर्वासित करने में एक बड़ी बाधा बना हुआ था।
विदेशी अधिकरण
- ये अधिकरण अर्द्ध-न्यायिक (Quasi-judicial) प्रकृति के होते हैं। इनके सदस्यों की नियुक्ति विदेशी ट्रिब्यूनल अधिनियम, 1941; विदेशी अधिकरण आदेश 1984 तथा समय-समय पर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत की जाती है।
- ये सदस्य असम न्यायिक सेवा अथवा सेवानिवृत्त सिविल सेवक हो सकते हैं, जो सचिव और अतिरिक्त सचिव पद से नीचे के न हों।
- सदस्यों को असम (असमिया, बांग्ला, बोडो और अंग्रेज़ी) की आधिकारिक भाषाओं और विदेशियों के मुद्दे को जन्म देने वाली राज्य की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उचित ज्ञान होना भी आवश्यक है।
अधिकरणों की कार्यप्रणाली
- असम पुलिस सीमा संगठन, राज्य पुलिस के अंग के रूप में कार्य करता है। इसका कार्य राज्य में कथित रूप से रह रहे अवैध प्रवासियों का पता लगाना और उनको पकड़ना है।
- पकड़े गए लोगों को अधिकरणों के समक्ष पेश किया जाता है। अधिकरण कथित अवैध प्रवासियों की वैधता की जाँच करती है और निर्णय देती है।
विदेशी (अधिकरण) संशोधन आदेश 2019
[Foreigners (Tribunals) Amendment Order 2019]
- गृह मंत्रालय द्वारा जारी नए आदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ज़िला मजिस्ट्रेटों को ट्रिब्यूनल स्थापित करने का अधिकार देता है।
- विदेशी (अधिकरण) आदेश, 1964 के तहत इससे पहले ऐसी शक्तियाँ सिर्फ केंद्र सरकार के पास थीं। किंतु ऐसे अधिकरण सिर्फ असम में होने के कारण इस संशोधन की प्रासंगिकता सिर्फ असम के संदर्भ में है।
भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)
- NRC वह रजिस्टर है जिसमें सभी भारतीय नागरिकों का विवरण शामिल है। इसे वर्ष 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था। रजिस्टर में उस जनगणना के दौरान गणना किये गए सभी व्यक्तियों का विवरण शामिल था।
- इसमें केवल उन भारतीयों के नामों को शामिल किया जा रहा है जो कि 25 मार्च, 1971 के पहले से असम में रह रहे हैं। उसके बाद राज्य में पहुँचने वालों को बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा।
- NRC उन्हीं राज्यों में लागू होती है जहाँ से अन्य देश के नागरिक भारत में प्रवेश करते हैं। NRC की रिपोर्ट ही बताती है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं।