IIT दिल्ली में हुई ‘TechEx’ की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने IIT दिल्ली में ‘TechEx’ नामक एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
TechEx का उद्देश्य:
- इस प्रदर्शनी का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की दो महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं (इम्पैक्टिंग रिसर्च, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी-IMPRINT, उच्चतर आविष्कार योजना-UAY) के तहत विकसित उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिये किया जा रहा है।
- TechEx एक अनूठा प्रयास है जो अनुसंधानकर्त्ताओं को उनका कार्य प्रदर्शित करने के लिये एक शानदार मंच प्रदान कराता है और उन्हें उनके संबंधित क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिये प्रेरित करता है।
क्या-क्या है TechEx में?
- प्रदर्शनी के दौरान कुल 142 पोस्टरों के अतिरिक्त IMPRINT के तहत विकसित 50 उत्पादों एवं UAY के तहत विकसित 26 उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा।
- इनमें से कई उत्पादों का वाणिज्यिक उत्पादन शीघ्र शुरू होने वाला है।
क्या है IMPRINT परियोजना?
- तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 5 नवंबर, 2015 को ‘इंप्रिंट इंडिया’ का शुभारंभ किया गया था।
- ‘इंप्रिंट इंडिया’ भारत के लिये महत्त्वपूर्ण दस प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में बड़ी इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी चुनौतियों के समाधान हेतु अनुसंधान के लिये एक खाका विकसित करने से संबंधित देश भर के IIT एवं IISC की संयुक्त पहल है।
- यह पहल उच्चतर शिक्षा के भारतीय संस्थानों को उनकी क्षमता को महसूस कराने में सक्षम बनाती है एवं विश्व-स्तरीय संस्थानों के रूप में उभरने में मदद करती है।
दस मुख्य विषयों पर फोकस:
- ‘इंप्रिंट इंडिया’ के अंतर्गत दस विषय-वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- इसके अंतर्गत शामिल दस विषय हैं- स्वास्थ्य देखभाल, कंप्यूटर साइंस एवं आईसीटी, एडवांस मैटिरियल्स, जल संसाधन एवं नदी प्रणाली, सतत् शहरी डिज़ाइन, प्रतिरक्षा, विनिर्माण, नैनो-टेक्नोलॉजी हॉर्डवेयर, पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन तथा ऊर्जा सुरक्षा।
नोट: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology-DST) के सहयोग से यह परियोजना, एक पृथक कार्य-योजना के रूप में संचालित की जा रही है।
क्या है UAY योजना?
UAY योजना का उद्देश्य IIT संस्थानों में नए आविष्कारों को बढ़ावा देना है ताकि विनिर्माण उद्योगों की समस्याओं को हल किया जा सके, आविष्कार करने वाली मानसिकता को प्रोत्साहन मिले, शिक्षा जगत और उद्योग के बीच समन्वय लाया जा सके तथा प्रयोगशालाओं और अनुसंधान सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा सके।
- इस परियोजना की शुरुआत 6 अक्तूबर, 2015 को की गई थी।
- UAY के तहत 388.86 करोड़ रुपए की कुल लागत से कुल 142 परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया था जिनमें 83 पहले चरण में एवं 59 दूसरे चरण में थी।
- UAY परियोजनाओं का वित्तपोषण संयुक्त रूप से मानव संसाधन विकास मंत्रालय, प्रतिभागी मंत्रालयों एवं उद्योग द्वारा 50:25:25 के अनुपात में किया गया है।