बाल संरक्षण विवादों को हल करने के लिये नया प्रकोष्ठ
चर्चा में क्यों?
सरकार ने संसद को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वैवाहिक विवाद के मामलों से उत्पन्न बाल संरक्षण विवादों को हल करने के लिये शीर्ष बाल अधिकार निकाय, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) के तहत एक मध्यस्थता प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु:
- केंद्र सरकार ने अभी तक अंतर्राष्ट्रीय बाल अपहरण के नागरिक पहलुओं पर हेग कन्वेंशन में प्रवेश करने या इस मुद्दे पर घरेलू कानून बनाने पर निर्णय लेने का फैसला नहीं लिया है।
- मंत्रालय ने सैद्धांतिक रूप से NCPCR के अध्यक्ष के अंतर्गत एक मध्यस्थता प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह प्रकोष्ठ उन बच्चों से संबंधित मामलों को हल करेगा जिन्हें माता या पिता में से किसी एक के द्वारा बिना किसी अन्य की अनुमति के अपने साथ ले जाया गया है।
- इस प्रकोष्ठ का उद्देश्य भारत का किसी अन्य देश से या इसके विपरीत स्थिति में वैवाहिक विवाद के चलते बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए माता-पिता के लिये योजना तैयार करना है।
- उल्लेखनीय है कि अमेरिका बहुपक्षीय संधि पर हस्ताक्षर करने के लिये भारत पर दबाव डाल रहा है।
- बाल अपहरण रिपोर्ट 2018 के मुताबिक, अंतर-देशीय माता या पिता द्वारा बिना एक-दूसरे की सहमति के जबरदस्ती बच्चों को अपने संरक्षण में लेने के 104 मामलों के साथ, भारत दूसरे स्थान पर है जबकि मेक्सिको 241 मामलों के साथ प्रथम स्थान पर था।