कृषि मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस
चर्चा में क्यों?
14 जुलाई, 2022 को राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बंगलुरू में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के कृषि मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा ‘समृद्ध किसान खुशहाल राजस्थान’ की सोच के साथ कृषि के लिये अलग से बजट पेश किया गया, जिसमें कृषक कल्याण कोष की राशि 2 हज़ार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 हज़ार करोड़ रुपए की गई है।
- विगत साढ़े तीन साल में 150 लाख पात्र फसल बीमा पॉलिसीधारक कृषकों को 16 हज़ार करोड़ रुपए के बीमा क्लेम वितरित किये गए।
- खरीफ 2021 से फसल बीमा पॉलिसियाँ वितरित करने वाला राजस्थान देश में प्रथम राज्य है। भारत सरकार ने भी सभी राज्यों को इसका अनुसरण करने के निर्देश दिये हैं।
- कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा ‘राज किसान साथी पोर्टल’ बनाया गया है, जो किसानों एवं कृषि व्यवसायियों के लिये एकल खिड़की के रूप में काम कर रहा है। इसमें कृषि से संबंधित सभी विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की सूचनाएँ, अनुदान सहायताएँ, लाइसेंस एवं पंजीयन आदि की सुविधा उपलब्ध है। इस पोर्टल के माध्यम से अब तक लगभग 700 करोड़ रुपए डी.बी.टी. के माध्यम से किसानों को हस्तांतरित किये गए हैं।
- ‘राजस्थान जैविक खेती मिशन’ के लिये कृषि बजट में 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत 3 लाख 80 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में वृद्धि की जाएगी। कृषि विपणन प्रसंस्करण व निर्यात को बढ़ावा देने के लिये राज्य में कार्यरत् 120 कृषक उत्पादक संगठनों को सुदृढ़ किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि राज्य की सभी कृषि उपज मंडियों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। 136 मंडी समितियों में ऑयल टेस्टिंग मशीन, ग्रेन फिजिकल एनालाइजर मशीन एवं वेईंग स्केल मशीन आदि उपकरणों की स्थापना की जा चुकी है।
- नेनो यूरिया (तरल) उर्वरक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये ज़िलास्तरीय कार्यशालाएँ एवं किसान गोष्ठियों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। अब तक राज्य में 17 लाख नेनो यूरिया बॉटल्स का वितरण किया जा चुका है।
- कृषि मंत्री ने बताया कि बाजरा, ज्वार और अन्य छोटे मिलेट्स के मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिये ‘राजस्थान मिलेट संवर्धन मिशन’ शुरू किया गया है। इसको प्रोत्साहन व नवीनतम तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने की दृष्टि से जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत 5 करोड़ रुपए की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मिलेट्स की स्थापना की जाएगी।
- जैव उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 2021-22 के दौरान 1 लाख किसानों को नि:शुल्क जैव उर्वरक का वितरण किया गया। सरकार द्वारा डी.ए.पी. के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट के प्रयोग को प्रोत्साहित किया गया, जिसके फलस्वरूप राज्य में पहले जहाँ 50 लाख मीट्रिक टन एस.एस.पी. का उपयोग होता था, वहीं इस वर्ष रिकॅार्ड 7.10 लाख मीट्रिक टन एस.एस.पी. का वितरण हुआ।
- कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री कटारिया ने अपने सुझाव प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बैंकों द्वारा पोर्टल पर गलतियों के कारण पिछले वर्षों में 1 लाख 10 हज़ार प्रकरण केंद्र द्वारा गठित समिति को प्रेक्षित किये गए थे, जिनका शीघ्र निस्तारण कर किसानों को राहत प्रदान की जाए।
- उन्होंने नेचुरल फार्मिंग एवं भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना को शीघ्र लागू किये जाने का सुझाव भी दिया।
- उन्होंने राज्य में हो रही जैतून की खेती के संबंध में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विस्तृत अध्ययन एवं अनुसंधान तथा रबी के मौसम में राज्य में मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध करने की आवश्यकता भी बताई।