राष्ट्रीय कोयला सूचकांक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) ने राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (National Coal Index) का उपयोग करके राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर कोयला खानों की वाणिज्यिक नीलामी शुरू की है।
- NCI को जून 2020 में जारी किया गया था।
प्रमुख बिंदु
सूचकांक के विषय में:
- यह एक मूल्य सूचकांक है जो किसी विशेष माह में निर्धारित आधार वर्ष के सापेक्ष कोयले के मूल्य स्तर में परिवर्तन को दर्शाता है।
- वित्तीय वर्ष 2017-18 NCI का आधार वर्ष है।
संकलन:
- NCI तैयार करने के लिये कोयले के सभी बिक्री चैनलों से कोयले की कीमतें, जिनमें आयात भी शामिल है, को ध्यान में रखा गया है।
- नीलाम किये गए कोयला ब्लॉकों से उत्पादित प्रति टन कोयले से प्राप्त राजस्व की मात्रा का निर्धारण NCI का उपयोग करके परिभाषित फार्मूला के माध्यम से किया जाएगा।
उप-सूचकांक: NCI पाँच उप-सूचकांकों के समूह से बना है:
- नॉन कोकिंग कोल के लिये तीन और कोकिंग कोल के लिये दो।
- इस सूचकांक में तीन उप-सूचकांकों को नॉन-कोकिंग कोयले से और दो उप-सूचकांकों को कोकिंग कोल से संयुक्त किया जाता है।
- इस प्रकार नॉन-कोकिंग और कोकिंग कोल के लिये सूचकांक अलग-अलग हैं।
- उपर्युक्त उप-सूचकांक का खदान से संबंधित कोयले के ग्रेड के अनुसार उपयोग किया जाता है।
कोयला
- कोयला सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाला जीवाश्म ईंधन है जो भारत की ऊर्जा ज़रूरत का 55% हिस्सा पूरा करता है।
- उपयोग के आधार पर कोयले को दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
- कोकिंग कोल:
- इस कोयला को हवा की अनुपस्थिति में 600 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गरम करने पर जो संश्लेषित पदार्थ बनता है उसे कोक (Coke) कहा जाता है ।
- कोक को स्टील के उत्पादन के लिये स्टील प्लांट्स में लौह अयस्क और चूना पत्थर के साथ आग की भट्टी में रखा जाता है।
- कोकिंग कोल में राख का प्रतिशत कम होता है।
- उपयोग:
- इसका उपयोग मुख्य रूप से स्टील बनाने और धातुकर्म उद्योगों में किया जाता है।
- इसे हार्ड कोक (Hard Coke) निर्माण में भी उपयोग किया जाता है।
- इस कोयला को हवा की अनुपस्थिति में 600 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गरम करने पर जो संश्लेषित पदार्थ बनता है उसे कोक (Coke) कहा जाता है ।
- नॉन कोकिंग कोल:
- इनमें कोकिंग कोल का गुण नहीं होता है।
- उपयोग:
- इस कोयले का उपयोग बिजली पैदा करने के लिये थर्मल पावर प्लांट में किया जाता है, इसलिये इसे स्टीम कोल या थर्मल कोल के नाम से भी जाना जाता है।
- इसका उपयोग सीमेंट, उर्वरक, ग्लास, चीनी मिट्टी, कागज़, रासायनिक पदार्थ और ईंट निर्माण तथा गर्मी उत्पन्न करने के प्रयोजन के लिये भी किया जाता है ।
- कोयले को भी चार भागों में बाटा गया है: एंथ्रासाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट और पीट कोयला। इनका वर्गीकरण इनमें मौजूद कार्बन के प्रकार और मात्रा पर निर्भर करता है।