भारत और चीन के मध्य डॉकलाम को लेकर विवाद
चर्चा में क्यों?
विदित हो कि भारत और भूटान के साथ सीमा विवाद पर चीन ने अब नया दांव खेला है। दरअसल, चीन ने एक नक्शा जारी किया है, जिसमें भारत एवं गतिरोध वाले क्षेत्र को दिखाया गया है। मानचित्र में दावा किया गया है कि भारतीय सेना ने डोकाला पास के समीप सीमा पार की है। उल्लेखनीय है कि डॉकलाम पठार को भारत और भूटान, भूटानी क्षेत्र के रूप में देखते हैं, लेकिन चीन द्वारा इस क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य जारी है, जिसका विरोध भूटान ने भी किया है।
डॉकलाम से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य
- दरअसल, डॉकलाम पर चीन का अधिकार है जबकि भूटान इसे अपना भू-भाग मानता है। यह भारत, तिब्बत और भूटान के त्रिकोणीय जंक्शन पर स्थित है और नाथु ला पास के करीब है। नाथुला पास के ज़रिये होने वाली कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा को इस बार चीन ने रोक दिया है।
- डॉकलाम एक विवादित क्षेत्र है और भूटान का चीन के साथ एक लिखित समझौता है, जिसके अनुसार इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने की बात की गई है। भारत के लिये वह सामरिक महत्त्व का स्थान है। यह स्थल सिलीगुड़ी से महज़ 30 किलोमीटर की दूरी पर है।
नाथू ला पास से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य
- नाथूला हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है, जो भारत के सिक्किम राज्य और दक्षिण तिब्बत में चुम्बी घाटी को जोड़ता है। भारत और चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद इसे बंद कर दिया गया था।
- हालाँकि वर्ष 2006 में व्यापार के लिये इसे खोल दिया गया। बीसवीं सदी की शुरुआत में भारत और चीन के होने वाले व्यापार का 70 प्रतिशत हिस्सा नाथू ला दर्रे के ज़रिये ही होता था। यह दर्रा प्राचीन रेशम मार्ग की एक शाखा का भी हिस्सा रहा है।
- नाथूला दर्रा, चीन और भारत के बीच आपसी समझौतों द्वारा स्थापित तीन खुले व्यापार की चौकियों में से एक है, जबकि दो अन्य हैं - हिमाचल प्रदेश में शिपकी ला और उत्तराखण्ड स्थित लिपु लेख।