हिंद महासागर द्विध्रुव
भारतीय मानसून की अनियमितता का संबंध हिंद महासागर द्विध्रुव से भी है। आस्ट्रेलियाई मौसम विज्ञान ब्यूरो के अनुसार भारत के दक्षिण-पश्चिम मानसून में होने वाली देरी आस्ट्रेलिया के ग्रीष्मकालीन मानसून को भी प्रभावित करती है। इससे पता चलता है कि किस प्रकार कोई ‘विशेष जलवायु घटना’ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भौगोलिक रूप से अपना प्रभाव छोड़ती है।
- सामान्यतः पृथ्वी की स्थलीय एवं समुद्री सतह के तापांतर को मानसूनी प्रणाली का मूल संचालक माना जाता है।
क्या है IOD?
- IOD समुद्री सतह के तापमान का एक अनियमित दोलन है, जिसमें पश्चिमी हिंद महासागर की सतह का तापमान पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में क्रमिक रूप से कम एवं अधिक होता रहता है।
- हिंद महासागर द्विधुव (IOD) को भारतीय नीनो भी कहा जाता है।
- सरल शब्दों में कहें तो, पश्चिमी हिंदी महासागर का पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में बारी-बारी से गर्म व ठंडा होना ही हिंद महासागर द्विध्रुव कहलाता है।
- हिंद महासागर द्विध्रुव भारतीय मानसून को सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार से प्रभावित करता है।
- हिंद महासागर द्विध्रुव भारतीय मानसून के साथ-साथ आस्ट्रेलिया के ग्रीष्मकालीन मानसून को भी प्रभावित करता है।
हिंद महासागर द्विध्रुव के प्रकारः
- भारतीय मानसून पर प्रभाव के आधार पर IOD के तीन प्रकार हैं।
(i) तटस्थ/ सामान्य हिंद महासागर द्विध्रुव
(ii) नकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव तथा
(iii) सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव - तटस्थ/ सामान्य IOD:
- तटस्थ IOD में पूर्वी हिंद महासागर में आस्ट्रेलिया के उत्तर-पश्चिमी तट के पास प्रशांत महासागर से गर्म जल के प्रवाह के कारण पूर्वी हिंद महासागर की समुद्री सतह का तापमान सामान्य से थोड़ा बढ़ जाता है।
- वस्तुतः पूर्वी हिंद महासागर में सामान्य से थोड़ा अधिक वर्षा होती है।
- तटस्थ (Neature) IOD लगभग सामान्य मानसून की तरह होता है।
- नकारात्मक IOD:
- जब पूर्वी हिंद महासागर का तापमान पश्चिमी हिंद महासागर की तुलना में सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है।
- वस्तुतः लगातार लंबे समय तक प्रशांत महासागर से पूर्वी हिंद महासागर में गर्म जल के प्रवाह से पूर्वी हिंद महासागर के तापमान में अधिक वृद्धि हो जाती है।
- सकारात्मक IOD:
- जब पश्चिमी हिंद महासागर पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में बहुत अधिक गर्म हो जाता है, इसे सकारात्मक IOD कहते हैं।
IOD का भारतीय मानसून पर प्रभावः
- तटस्थ IOD का प्रभाव लगभग नगण्य रहता है।
- इससे पूर्वी हिंद महासागर व आस्ट्रेलिया का उत्तर पश्चिमी भाग थोड़ी अधिक (सामान्य से) वर्षा प्राप्त करता है।
- नकारात्मक IOD का प्रभाव भारतीय मानसून पर नकारात्मक पड़ता है।
- इससे भारतीय मानसून कमजोर पड़ वर्षा की तीव्रता में कमी आती है।
- ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ व पश्चिमी हिंद महासागर में अत्यधिक कम वर्षा होती है।
- जबकि इसके विपरीत पूर्वी हिंद महासागर व आस्ट्रेलिया के उत्तर-पश्चिमी भाग में अधिक वर्षा होती है।
- इसके कारण भारत में सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है।
- सकारात्मक IOD का भारतीय मानसून पर (वर्षा पर) सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- इससे भारतीय उपमहाद्वीप व पश्चिमी हिंद महासागर अपेक्षाकृत अधिक वर्षा प्राप्त करते हैं।
- सकारात्मक IOD में जहाँ भारतीय उपमहाद्वीप व पश्चिमी हिंद महासागर औसत से अधिक वर्षो प्राप्त करता है। वहीं उत्तर पश्चिमी आस्ट्रेलिया व पूर्वी हिंद महासागर औसत से कम वर्षा प्राप्त करता है।
- इसके कारण आस्ट्रेलिया में सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है।