मानक ब्यूरो अधिनियम 2016
चर्चा में क्यों ?
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards-BIS) को 2016 के अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु निर्देश जारी किये हैं।
भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु महत्त्वपूर्ण कदम-
- वर्ष 2016 के अधिनियम के तहत भारतीय मानक ब्यूरो ने (हॉलमार्किंग) विनियम 2018 जारी किया जिसमे सोने और चांदी के आभूषण और कलाकृतियों को हॉलमार्क के साथ चिह्नित करने के लिये अधिसूचित किया है।
- अनुपालन की स्वघोषणा (Self Declaration Of Conformity) सहित विनियम 2018 में कई अन्य प्रकार के मानकों को भी सरलीकृत किया गया है। जिससे निर्माताओं को मानकों का पालन करने और अनुपालन का प्रमाण पत्र प्राप्त करने में आसानी होगी। अंततः इससे ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस (Ease of Doing Business) रैंकिंग में भी सुधार होगा।
- भारतीय मानक ब्यूरो की धारा 16 (1) के तहत अनुपालन मूल्यांकन प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही मूल्यांकन से संबंधित अन्य संस्थाओं के लिये भी दिशानिर्देश जारी किये है।
- मूल्यांकन अनुपालन ठीक से न होने की स्थिति में दंड के प्रावधानों को सख्त कर दिया गया है।
- भारतीय मानक ब्यूरो की मुख्य गतिविधियों जैसे मानक निर्माण, प्रमाणन, हॉलमार्किंग, प्रयोगशाला परीक्षण, उपभोक्ता मामले और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आदि की समीक्षा प्रक्रिया में सुधार किया जा किया जा है।
- इसके अलावा सरकार शिकायतों के आसान निवारण तंत्र, अनिवार्य प्रमाणीकरण और प्रचार के माध्यम से उपभोक्ता के विश्वास को बढ़ाने की दिशा में भी कार्य कर रही है।
भारतीय मानक ब्यूरो
(Bureau of Indian Standards-BIS)
- BIS वस्तुओं के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन जैसी गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिये बी.आई.एस. अधिनियम 2016 के तहत स्थापित भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय (National Standard Body of India) है।
- इसके अतिरिक्त यह संस्था उक्त विषयों से जुड़े आकस्मिक या अतिरिक्त मामलों को नियंत्रित और व्यवस्थित करने के लिये भी उत्तरदायी है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।