सभी स्वास्थ्यकर्मियों हेतु हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण
चर्चा में क्यों
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा के निर्देश पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हेपेटाइटिस बी संक्रमण (Hepatitis-B infection) के शिकार होने की आशंका वाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों को हेपेटाइटिस-बी का टीका (Hepatitis B vaccination) लगाने का निर्णय लिया है। ऐसे कर्मियों में डिलिवरी कराने वाले, सुई लगाने वाले और खून एवं रक्त उत्पाद के प्रभाव में आने वाले स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं।
हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B)
- यह एक वायरल संक्रमण (viral infection) है, जो गुर्दे पर हमला करता है और गंभीर रोग का कारण हो सकता है।
- संक्रमित व्यक्ति के खून, वीर्य तथा शरीर के तरल पदार्थ के असंक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने से यह संक्रमण होता है।
- यह संक्रमण यौन संपर्क, सुई/सिरिंज साझा करने, सुई से होने वाले ज़ख्म या जन्म के समय माँ से बच्चे को हो सकता है।
- इस गंभीर हेपेटाइटिस-बी बीमारी के लिये कोई निश्चित इलाज नहीं है।
- हेपेटाइटिस-बी खतरनाक है, क्योंकि यह एक “शांत संक्रमण” है, जो लोगों को उनकी जानकारी के बिना ही संक्रमित करता है।
- अधिकतर लोग, जो हेपेटाइटिस-बी से संक्रमित होते हैं, वे इस संक्रमण से अंजान रहते हैं और अनजाने में वायरस को दूसरे लोगों में खून के द्वारा और शरीर के संक्रमित प्रवाही द्वारा फैलाते हैं।
प्रमुख बिंदु
- हेपेटाइटिस-बी संक्रमण स्वास्थ्यकर्मियों के पेशे से जुड़े जोखिम के रूप में माना जाता है। रोगियों और संक्रमणकारी सामग्री के संपर्क में रहने के कारण सामान्य लोगों की तुलना में स्वास्थ्यकर्मियों के लिये यह अधिक जोखिमभरा हैं।
- स्वास्थ्यकर्मी अक्सर संक्रमणकारी खून तथा शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ की संक्रमण क्षमता से अनभिज्ञ रहते हैं। हेपेटाइटिस-बी का टीका शुरू में दिये जाने से स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षित रहते हैं।
- यह प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है और अति गंभीर प्रकार का वायरल हेपेटाइटिस है। एक अनुमान के अनुसार, हेपेटाइटिस-बी के परिणामस्वरूप लीवर सिरोसिस तथा लीवर कैंसर से प्रत्येक वर्ष 780,000 लोग मर जाते हैं।
आँकड़ों के संदर्भ में
- भारत की आबादी में 2 से 8 प्रतिशत लोगों में हेपेटाइटिस-बी है। भारत के 50 मिलियन मामलों में यह बीमारी पाई जाती है।
- सामान्य जन की तुलना में स्वास्थ्यकर्मियों में 2 से 4 गुणा अधिक हेपेटाइटिस-बी संक्रमण की संभावना होती है। हेपेटाइटिस-बी की रोकथाम वर्तमान में सुरक्षित और प्रभावकारी टीकों से की जा सकती है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का प्रयास
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय हेपेटाइटिस-बी की रोकथाम के लिये अनेक कदम उठा रहा है। इसमें जन्म के समय दिया जाने वाला हेपेटाइटिस-बी का टीका भी शामिल है।
- यह सार्वभौमिक टीका कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित टीकाकरण के रूप में दिया जाता है। टीका लगाने में डिस्पोजेबल सिरिंजों का उपयोग किया जाता है।
- भारत की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि केवल 16-60 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों का पूरी तरह एचबीवी (Hepatitis-B Virus - HBV) टीकाकरण हुआ है। चिकित्सा सहायकों में एचबीवी संक्रमण का जोखिम अधिक होता है।
- चिकित्सा सहायक, डॉक्टरों की तुलना में टीकाकरण कम कराते हैं। हेपेटाइटिस-बी का टीका 90-95 प्रतिशत सुरक्षा करने में कारगर है।