विदेशी मुद्रा भंडार
प्रीलिम्स के लिये:विदेशी मुद्रा भंडार, विशेष आहरण अधिकार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष मेन्स के लिये:भारतीय अर्थव्यवस्था और विकास से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) द्वारा जारी नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 479.45 बिलियन डॉलर (113 मिलियन डॉलर की कमी) हो गया है।
प्रमुख बिंदु:
- उल्लेखनीय है कि विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति (Foreign Currency Assets- FCAs) घटकर 441.56 बिलियन डॉलर (321 मिलियन डॉलर की कमी) हो गई है।
- स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में 221 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के कारण अब यह 32.901 बिलियन डॉलर हो गया है।
- विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights) घटकर 1.42 बिलियन डॉलर (6 मिलियन डॉलर की कमी) हो गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) में आरक्षित निधि घटकर 3.57 बिलियन डॉलर (8 मिलियन डॉलर की गिरावट) हो गई है।
- ध्यातव्य है कि 6, मार्च 2020 तक विदेशी मुद्रा भंडार अपने उच्चतम स्तर 487.23 बिलियन डॉलर पर था।
- वर्ष 2019-20 के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 62 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी ।
विदेशी मुद्रा भंडार
(Foreign Exchange Reserves):
- किसी देश/अर्थव्यवस्था के पास उपलब्ध कुल विदेशी मुद्रा उसकी विदेशी मुद्रा संपत्ति/भंडार कहलाती है।
- किसी भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में निम्नलिखित 4 तत्त्व शामिल होते हैं-
- विदेशी परिसंपत्तियाँ (विदेशी कंपनियों के शेयर, डिबेंचर, बाॅण्ड इत्यादि विदेशी मुद्रा में)
- स्वर्ण भंडार
- IMF के पास रिज़र्व कोष (Reserve Trench)
- विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights-SDR)
विशेष आहरण अधिकार
(Special Drawing Rights- SDRs):
- विशेष आहरण अधिकार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) द्वारा 1969 में अपने सदस्य देशों के लिये अंतर्राष्ट्रीय आरक्षित संपत्ति के रूप में बनाया गया था।
- SDR न तो एक मुद्रा है और न ही IMF पर इसका दावा किया जा सकता है।
- SDR का मूल्य, बास्केट ऑफ करेंसी में शामिल मुद्राओं के औसत भार के आधार पर किया जाता है। इस बास्केट में पाँच देशों की मुद्राएँ शामिल हैं- अमेरिकी डॉलर (Dollar), यूरोप का यूरो (Euro), चीन की मुद्रा रॅन्मिन्बी (Renminbi), जापानी येन (Yen), ब्रिटेन का पाउंड (Pound)।