डिजिटल पुलिस पोर्टल
चर्चा में क्यों ?
सरकार ने सीसीटीएनएस (CCTNS) परियोजना के अंतर्गत डिजिटल पुलिस पोर्टल का शुभारंभ किया है। सरकार आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न अंगों जैसे- पुलिस, न्यायालय, जेल, अभियोजन, फोरेंसिक प्रयोगशालाएँ, उँगलियों के निशान और किशोर गृह को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम डेटाबेस के साथ जोड़ने का प्रयास कर रही है।
डिजिटल पुलिस पोर्टल
- यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो नागरिकों को ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज़ करने में सक्षम बनाएगा।
- यह पोर्टल प्रारंभ में 34 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में कर्मचारियों, किरायेदारों, नर्स आदि के पतों का सत्यापन, सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिये मंज़ूरी, खोई या पाई हुई वस्तुओं और चोरी आदि जैसी सात सार्वजनिक सेवाओं की पेशकश करेगा।
- इसके अलावा यह कानून प्रवर्तन करने वाली एजेंसियों को पूर्ववर्ती सत्यापन और प्राथमिकियों का आकलन करने जैसे विषयों के लिये सीमित पहुँच प्रदान करेगा।
सीसीटीएनएस क्या है ?
- सीसीटीएनएस अर्थात क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (Crime and Criminal Tracking Network & Systems-CCTNS)।
- यह तंत्र देश के सभी पुलिस थानों को जोड़ती है। इससे किसी भी क्षेत्र में होने वाले अपराध एवं अपराधी की पहचान आसानी से की जा सकती है।
- यह पुलिस तंत्र को और आधुनिक एवं कुशल बनाता है।
- गृह मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना के तहत 15,398 पुलिस स्टेशनों में से 14,284 पुलिस स्टेशन सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- इन 14,284 पुलिस स्टेशनों में से 13,775 पुलिस स्टेशनों में इस सॉफ्टवेयर के अंतर्गत 100 प्रतिशत प्राथमिकियाँ दर्ज़ हो रही हैं।
- देश के सभी राज्यों में इस परियोजना के कार्यान्वयन की गति संतोषजनक है। देश भर के 15,398 पुलिस स्टेशनों में 13,439 पुलिस स्टेशनों में सम्पर्क उपलब्ध है।
इस परियोजना से लाभ
- सीसीटीएनएस पोर्टल देश भर में कहीं से किसी भी अपराधी के पूरे इतिहास का ब्यौरा जाँचकर्त्ता को उपलब्ध कराएगा।
- यह परियोजना आपराधिक न्याय व्यवस्था की रीढ़ बनेगा और आगे चलकर इसके डेटाबेस को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहनों के पंजीकरण संबंधी डेटाबेस से जोड़ा जाएगा।
- यह पुलिस के कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
- यह सॉफ्टवेयर गूगल जैसे उन्नत सर्च इंजन और विश्लेषणात्मक रिपोर्ट की पेशकश करता है।