दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव (केंद्रशासित प्रदेशों का विलय) विधेयक, 2019
प्रीलिम्स के लिये:
दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक, 2019
मेन्स के लिये:
दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव के विलय के प्रयासों से संबंधित मुद्दे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा दादरा नगर हवेली तथा दमन एवं दीव का विलय करके एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिये लोकसभा में दादरा नगर हवेली और दमन-दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक, 2019 पेश किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- इस विधेयक का उद्देश्य दादरा नगर हवेली तथा दमन एवं दीव का आपस में विलय करके एक नया केंद्रशासित प्रदेश बनाना है।
- केंद्र सरकार द्वारा यह कदम जम्मू-कश्मीर राज्य का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजन किये जाने के तीन महीने बाद उठाया गया है।
- भारत में अभी 9 केंद्रशासित प्रदेश हैं। दमन एवं दीव और दादरा नगर हवेली के विलय के बाद इनकी संख्या आठ हो जाएगी।
विलय का उद्देश्य:
- केंद्र सरकार के अनुसार, दमन एवं दीव तथा दादरा नगर हवेली के विलय का उद्देश्य सेवा दक्षता में सुधार तथा कागज़ी काम को कम करके दोंनों केंद्रशासित प्रदेशों के नागरिकों को सेवाओं का बेहतर वितरण करना है।
- केंद्र सरकार ने अपनी ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ की नीति को ध्यान में रखते हुए दोंनों की छोटी आबादी और सीमित भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए अधिकारियों की सेवाओं का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिये दोंनों केंद्रशासित प्रदेशों के विलय का निर्णय लिया है।
- इन केंद्रशासित प्रदेशों में दो अलग-अलग संवैधानिक और प्रशासनिक व्यवस्थाएँ होने से बहुत अधिक दोहराव, सेवा प्रदान करने में अक्षमता और धन का अपव्यय होता है।
वर्तमान स्थिति:
- दोंनों केंद्रशासित प्रदेश गुजरात के पास पश्चिमी तट पर स्थित हैं।
- दोंनों केंद्रशासित प्रदेशों के अलग-अलग सचिवालय हैं।
- दादरा नगर हवेली में सिर्फ एक ज़िला है, जबकि दमन एवं दीव में दो ज़िले हैं।
ऐतिहासिक स्थिति:
- इन दोंनों केंद्रशासित प्रदेशों पर लंबे समय तक पुर्तगालियों का शासन रहा।
- दिसंबर 1961 में दोंनों को पुर्तगाली शासन से आज़ादी मिली।
- 1961 से 1987 तक दमन-दीव गोवा केंद्रशासित प्रदेश का हिस्सा था परंतु 1987 में जब गोवा राज्य बना तो इसे अलग केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया।