साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा की गई पहल

संदर्भ

साइबर सुरक्षा की बात की जाए तो भारत में अब तक इस संबंध में किसी संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन नहीं किया गया है और न ही किसी स्वायत्त निकाय के गठन का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। लेकिन साइबर अपराध और हैकिंग की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा कुछ कदम अवश्य उठाए गए हैं।

साइबर अपराध और हैकिंग की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धाराएँ 43, 43ए, 66, 66बी, 66सी, 66डी, 66ई, 66एफ, 67, 67ए, 67बी, 70, 72, 72ए और 74 हैकिंग और साइबर अपराधों से संबंधित हैं।
  • सरकार ने साइबर सुरक्षा से संबंधित फ्रेमवर्क का अनुमोदन किया है और इसके लिये राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
  • राष्ट्रीय विशिष्ट अवसंरचना और विशिष्ट क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा के लिये राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
  • साइबर सुरक्षा से संबंधित खतरों का विश्लेषण करने, अनुमान लगाने और चेतावनी देने के लिये भारत कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
  • गृह मंत्रालय ‘महिलाओं व बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराधों की रोकथाम’ के लिये कार्यक्रम का कार्यान्वयन कर रहा है।
  • फोन पर होने वाली धोखाधड़ी से निपटने के लिये गृह मंत्रालय ने अंतर-मंत्रालय समिति का गठन किया है। 
  • इन सबके अलावा गृह मंत्रालय ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिये दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं।