सिकल सेल एनीमिया के लिये CRISPR-Cas9

प्रिलिम्स के लिये:

CRISPR-Cas9, सिकल सेल एनीमिया, जीन एडिटिंग, जेनेटिक इंजीनियरिंग

मेन्स के लिये:

CRISPR-Cas9 प्रौद्योगिकी, अनुप्रयोग, महत्त्व और संबंधित नैतिक चिंताएँ।

चर्चा में क्यों?

भारत ने वर्ष 2021 में सिकल सेल एनीमिया के निदान हेतु क्‍लस्‍टर्ड रेग्‍युलरली इंटरस्‍पेस्‍ड शॉर्ट पैलिनड्रॉमिक रिपीट्स (Clustered Regularly Interspaced Short Palindromic Repeats- CRISPR) विकसित करने के लिये 5 वर्ष की परियोजना को मंज़ूरी दी।

  • सिकल सेल एनीमिया पहली बीमारी है जिसे भारत में CRISPR आधारित चिकित्सा के लिये लक्षित किया जा रहा है।
    • प्री-क्लिनिकल फेज़ (पशु विषयों पर ट्रायल) शुरू होने वाला है।

CRISPR तकनीक:

  • परिचय:
    • यह एक जीन एडिटिंग तकनीक है, जो Cas9 नामक एक विशेष प्रोटीन का उपयोग करके वायरस के हमलों से लड़ने के लिये बैक्टीरिया में प्राकृतिक रक्षा तंत्र की प्रतिकृति का निर्माण करती है।
    • यह आमतौर पर जेनेटिक इंजीनियरिंग के रूप में वर्णित प्रक्रिया के माध्यम से आनुवंशिक सामग्री को जोड़ने, हटाने या बदलने में सहायक होती हैं।
      • CRISPR तकनीक में बाहर से किसी नए जीन को जोड़ना शामिल नहीं है।
    • CRISPR-Cas9 तकनीक को अक्सर 'जेनेटिक कैंची' के रूप में वर्णित किया जाता है।
      • इस तकनीक की तुलना अक्सर सामान्य कंप्यूटर प्रोग्रामों के 'कट-कॉपी-पेस्ट' या 'ढूंढें-बदलें' कार्यात्मकताओं से की जाती है।
      • डीएनए अनुक्रम में गड़बड़ी, जो बीमारी या विकार का कारण होती है, को काटकर हटा दिया जाता है और फिर एक 'सही' अनुक्रम से बदल दिया जाता है।
        • इसे प्राप्त करने के लिये उपयोग किये जाने वाले उपकरण जैव रासायनिक यानी विशिष्ट प्रोटीन और आरएनए अणु हैं।
    • प्रौद्योगिकी कुछ बैक्टीरिया में एक प्राकृतिक रक्षा तंत्र की नकल करती है जो स्वयं को वायरस के हमलों से बचाने के लिये एक समान विधि का उपयोग करती है।

CRISPR

  • क्रियाविधि:
    • पहला काम जीन के उस विशेष क्रम की पहचान करना है जो परेशानी का कारण है।
    • एक बार ऐसा करने के बाद एक आरएनए अणु को कंप्यूटर पर 'ढूंढें' या 'खोज' फ़ंक्शन की तरह डीएनए स्ट्रैंड पर इस अनुक्रम का पता लगाने के लिये प्रोग्राम किया जाता है।
    • इसके बाद Cas9 का उपयोग डीएनए स्ट्रैंड को विशिष्ट बिंदुओं पर काटने और खराब अनुक्रम को हटाने के लिये किया जाता है।
      • उल्लेखनीय है कि DNA सिरा के जिस विशिष्ट भाग को काटा या हटाया जाता है उसमें प्राकृतिक रूप से पुनर्निर्माण, मरम्मत की प्रवृति होती है।
      • वैज्ञानिकों द्वारा स्वत: मरम्मत या पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में ही हस्तक्षेप किया जाता है और आनुवंशिक कोड में वांछित अनुक्रम या परिवर्तन की क्रिया पूरी की जाती है, जो अंततः टूटे हुए DNA सिरा पर स्थापित हो जाता है।
    • इसकी समग्र प्रक्रिया प्रोग्राम करने योग्य है और इसमें उल्लेखनीय दक्षता भी है, हालाँकि त्रुटि की संभावना पूरी तरह से खारिज नहीं की जा सकती है।

CRISPR-आधारित चिकित्सीय समाधान का महत्त्व:

  • विशिष्ट उपचार: CRISPR अंतर्निहित आनुवंशिक समस्या को ठीक करके रोग के उपचार में सहायता करता है। CRISPR आधारित चिकित्सीय समाधान गोली या दवा के रूप में नहीं हैं। इसके बजाय, प्रत्येक रोगी की कुछ कोशिकाओं को निकाला जाता है, जीन को प्रयोगशाला में एडिट (Edit) किया जाता है तथा उपचारित जीन को पुनः रोगियों में इंजेक्ट किया जाता है।
    • अलग-अलग मामलों में जीन एडिटिंग अलग-अलग तरीके से की जाती है। इसलिये प्रत्येक बीमारी या विकार के लिये एक विशिष्ट उपचार की आवश्यकता है।
      • उपचार, विशेष आबादी या नस्लीय समूहों के लिये विशिष्ट हो सकते हैं, क्योंकि ये भी जीन पर निर्भर हैं।
      • आनुवंशिक अनुक्रम में परिवर्तन का प्रभाव संबंधित व्यक्ति में देखा जाता है और संतान में स्थानांतरित नहीं होता है।
  • आनुवंशिक रोगों/विसंगतियों का स्थायी इलाज: बड़ी संख्या में रोग और विकार प्रकृति में अनुवांशिक होते हैं अर्थात् वे अवांछित परिवर्तन या जीन में उत्परिवर्तन के कारण होते हैं।
    • इनमें सामान्य रक्त विकार जैसे सिकल सेल एनीमिया, आँखों की बीमारियाँ जिनमें कलर ब्लाइंडनेस, कई प्रकार के कैंसर, मधुमेह, एड्स और यकृत एवं हृदय रोग शामिल हैं। इनमें से कई वंशानुगत भी हैं।
    • CRISPR इनमें से कई बीमारियों का स्थायी इलाज खोजने की संभावना व्यक्त करता है।
    • विकृत या धीमी गति से विकास, भाषण विकार या खड़े होने या चलने में असमर्थता जैसी विकृतियाँ जीन अनुक्रमों में असामान्यताओं के कारण उत्पन्न होती हैं।
      • CRISPR ऐसी असामान्यताओं के इलाज के लिये एक संभावित उपचार भी प्रस्तुत करता है।

संबंधित नैतिक दुविधाएँ:

  • किसी व्यक्ति में भौतिक परिवर्तन को प्रेरित करने के लिये CRISPR का संभावित रूप से दुरुपयोग किया जा सकता है।
    • वर्ष 2018 में एक चीनी शोधकर्त्ता ने बताया कि अंतर्निहित आनुवंशिक रोग की/समस्याओं के उपचार के लिये उन्होंने CRISPR तकनीक का सहारा लेकर ‘डिज़ाइनर बेबी’ को विकसित किया है।
      • यह 'डिज़ाइनर बेबी' बनाने का पहला प्रलेखित मामला था और इसने वैज्ञानिक समुदाय में व्यापक चिंता पैदा की।
    • विशेष लक्षण प्राप्त करने के लिये निवारक हस्तक्षेप कुछ ऐसा नहीं है जिसके लिये वैज्ञानिक वर्तमान में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहते हैं।
    • इसके अलावा चूँकि भ्रूण में ही परिवर्तन किये गए थे, नए अधिग्रहीत लक्षणों के साथ आने वाली पीढ़ियों में इसके स्थानांतरित होने की संभावना है।
    • हालाँकि तकनीक अत्यंत सफल है फिर भी यह 100% सटीक नहीं है, फलस्वरूप यह कुछ त्रुटियों को भी प्रेरित कर सकती है, जिससे अन्य जीनों में परिवर्तन हो सकता है। जिसका दुष्प्रभाव उत्तरोत्तर पीढ़ियों पर पड़ने की आशंका है।

सिकल सेल रोग:

  • परिचय:
    • यह एक वंशानुगत रक्त संबंधी रोग है जो अफ्रीकी, अरब और भारतीय मूल के लोगों में सबसे अधिक प्रचलित है।
    • यह विकारों का एक समूह है जो हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं का एक अणु है जो पूरे शरीर में कोशिकाओं को ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है।
    • इस रोग के पीड़ितों में हीमोग्लोबिन एस नामक असामान्य हीमोग्लोबिन अणु पाए जाते हैं, जो लाल रक्त कोशिकाओं को अर्धचंद्राकार आकार में विकृत कर सकते हैं।
      • ये रक्त के प्रवाह और ऑक्सीजन को शरीर के सभी हिस्सों तक पहुँचने से रोकते हैं।

sickle-cell-disease

  • लक्षण:
    • यह गंभीर दर्द पैदा कर सकता है, जिसे सिकल सेल क्राइसिस (Sickle Cell Crises) कहा जाता है।
    • समय के साथ सिकल सेल रोग वाले लोगों के यकृत, गुर्दे, फेफड़े, हृदय और प्लीहा सहित अन्य अंगों को नुकसान पहुँच सकता है। इस विकार की जटिलताओं के कारण मृत्यु भी हो सकती है।
  • उपचार:
    • औषधि, रक्त आधान और कभी-कभी अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण इसका उपचार है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न: प्राय: समाचारों में आने वाला Cas9 प्रोटीन क्या है? (2019)

(a) लक्ष्य-साधित जीन संपादन (टारगेटेड जीन एडिटिंग) में प्रयुक्त आण्विक कैंची
(b) रोगियों में रोगजनकों की ठीक से पहचान करने के लिये प्रयुक्त जैव संवेदक
(c) एक जीन जो पादपों को पीड़क-प्रतिरोधी बनाता है
(d) आनुवंशिक रूप से रूपांतरित फसलों में संश्लेषित होने वाला एक शाकनाशी पदार्थ

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • CRISPR-Cas9 अद्वितीय तकनीक है जो आनुवंशिकीविदों और चिकित्सा शोधकर्त्ताओं को DNA अनुक्रम के अनुभागों को हटाने, जोड़ने या बदलने के माध्यम से जीनोम के कुछ हिस्सों को संपादित करने में सक्षम बनाती है।
  • CRISPR "क्लस्टर्ड रेगुलर इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पैलिंड्रोमिक रिपीट्स" का संक्षिप्त रूप है।
  • Cas9 मूल रूप से एक एंज़ाइम है जिसका उपयोग कैंची की एक जोड़ी की तरह DNA के बिट्स को जोड़ने, हटाने या मरम्मत करने के लिये एक विशिष्ट स्थान पर DNA के दो स्ट्रैंड को काटने हेतु किया जाता है।

अतः विकल्प (a) सही है।


प्रश्न : अनुप्रयुक्त जैव-प्रौद्योगिकी में शोध तथा विकास संबंधी उपलब्धियाँ क्या हैं? ये उपलब्धियाँ समाज के निर्धन वर्गों के उत्थान में किस प्रकार सहायक होंगी? (मुख्य परीक्षा, 2021)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस