बीएचयू में देश का पहला स्पाइनल इंजरी रिहेबिलिटेशन सेंटर

चर्चा में क्यों?

15 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के बनारस में बीएचयू ट्रामा सेंटर के प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीएचयू ट्रामा सेंटर में देश के पहले स्पाइनल इंजरी रिहेबिलिटेशन सेंटर खोलने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है।   

प्रमुख बिंदु 

  • प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि बीएचयू ट्रामा सेंटर में देश का पहला एडवांस केयर एंड रिहेबिलिटेशन सेंटर खुलने से ब्रेन, स्पाइन और न्यूरो की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अब काशी में ही विश्व स्तरीय इलाज की सुविधा मिलेगी।
  • उन्होंने बताया कि स्पाइनल इंजरी रिहेबिलिटेशन सेंटर में ब्रेन, स्पाइनल, न्यूरो ऑप्थलेमिक इंजरी की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ ही पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से इलाज की सुविधाएँ मिलेंगी। इलाज की ऐसी सुविधा अभी ऑस्ट्रेलिया में है।
  • विदित है कि बीएचयू ट्रामा सेंटर में वाराणसी और आसपास के ज़िलों के साथ ही बिहार, झारखंड आदि जगहों से सड़क दुघर्टनाओं में घायल गंभीर लोग आते हैं। कई ऐसे लोग होते हैं, जिनके स्पाइनल और ब्रेन में गंभीर चोटें लगी होती हैं। इलाज के बाद भी व्यक्ति सामान्य जीवन में नहीं लौट पाता है।
  • डॉक्टरों के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में एडवांस केयर रिहेबिलिटेशन सेंटर के माध्यम से ऐसे मरीजों का सफल इलाज हो रहा है। अब ऑस्ट्रेलिया की तरह ही बीएचयू में देश का पहला ऐसा केंद्र होगा, जहाँ इस तरह की सुविधाएँ दी जाएंगी।
  • ट्रामा सेंटर में बनने वाले सेंटर में रोबोटिक सर्जरी, स्पीच थेरेपी और सर्जरी के माध्यम से मरीजों को नया जीवन देने की तैयारी है। यहाँ आधुनिक तकनीक वाली मशीनें मंगाई जाएंगी। रोबोटिक सर्जरी की मदद से सड़क दुर्घटनाओं के समय पैर और शरीर के ऐसे भागों में जहाँ नसें काम करना बंद कर देती हैं। उसे रोबोटिक तकनीक की मदद से सही कराया जाएगा।
  • हेड इंजरी वाले मरीजों को सर्जरी के बाद भी सही से न चल पाने और बोल पाने की समस्या रहती है। नए सेंटर में ऐसे मरीजों के लिये ऑकुपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी की व्यवस्था की जा रही है। इससे मरीजों का इलाज आसान हो जाता है।
  • रिहेबिलिटेशन सेंटर के लिये कुल 200 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कराया गया है। इसमें 200 बेड का सुपर स्पेशियलिटी भवन भी बनेगा। खास बात यह है कि यहाँ इलाज के साथ पठन-पाठन, शोध और मूल्यांकन की सुविधा रहेगी। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को न्यूरो, स्पाइनल इंजरी के इलाज का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
  • सेंटर में ये सुविधाएँ मिलेंगी -:
    • पेड यूनिट: कॉमर्शियल स्तर से चिकित्सा सुविधा का लाभ लोग ले सकेंगे। निजी हॉस्पिटल से कम खर्च आएगा।
    • सब्सिडाइज्ड यूनिट: कम कीमत पर पात्र लोगों को चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
    • स्ट्रेटिजिक फार्मेसी यूनिट: पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत फार्मेसी यूनिट का संचालन होगा।
    • स्ट्रेटिजिक एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिट: ब्रेन, स्पाइन और न्यूरो की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अब काशी में ही विश्व स्तरीय इलाज की सुविधा मिलेगी।