मसालों के लिये कोडेक्स मानक
संदर्भ
कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (Codex Alimentarius Commission ) ने तीन मसालों के लिये कोडेक्स मानक अपनाया है। यह मानक उच्च गुणवत्ता वाले स्वच्छ और सुरक्षित मसालों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
प्रमुख बिंदु
- कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (सीएसी) ने एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए काली, सफेद और हरी मिर्च, जीरा और अजवायन के लिये तीन कोडेक्स मानकों को अपनाया है, जो विभिन्न देशों में अच्छी गुणवत्ता वाले मसालों की पहचान करने के लिये एक सार्वभौमिक समझौते का मार्ग प्रशस्त करेगा।
- सीएसी ने हाल ही में जिनेवा में आयोजित अपने सत्र में इन मानकों को मंज़ूरी दी है।
- इन तीन मसालों के लिये कोडेक्स मानकों को अपनाने से वे वैश्विक व्यापार और उपलब्धता के लिये एक सामान्य मानकीकरण प्रक्रिया विकसित करने में मदद करेंगे।
- यह एक अच्छी बात है कि कोडेक्स मानकों वाली वस्तुओं की लीग में मसालों को भी शामिल कर लिया गया है तथा भारत ने इस उद्देश्य को हासिल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- कोडेक्स मानकों को अपनाने से, सदस्य-राष्ट्रों को अब कोडेक्स के साथ अपने मसालों के लिये अपने राष्ट्रीय मानकों को संरेखित करने के लिये संदर्भ बिंदु और बेंचमार्क प्राप्त होगा।
खाद्य कोड क्या है ?
- कोडेक्स एलमेंटरीस या "खाद्य कोड" कोडेक्स एलमेंटरीयिसिस आयोग द्वारा अपनाए गए मानकों, दिशा-निर्देशों और कूटों का एक संग्रह है।
- ये मानक एवं दिशा-निर्देश यह सुनिश्चित करते हैं कि खाद्य उत्पाद उपभोक्ताओं के लिये सुरक्षित हैं तथा इनका व्यापार किया जा सकता है।
कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन क्या है ?
- कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन, संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के संयुक्त खाद्य मानक कार्यक्रम का मुख्य भाग है। इसकी स्थापना 1962 में की गई थी।
- यह एक अंतर-सरकारी संगठन है। वर्तमान में 188 देश (187 सदस्य देश +1 यूरोपीय संघ ) इसके सदस्य हैं।