केंद्र ने प्रतिष्ठा (prestige) सूची के संस्थानों के नाम ज़ारी किये
चर्चा में क्यों?
सरकार ने अनुसंधान कार्य को बढ़ाने और भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग (global ranking) में सुधार के लिये विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने की अपनी योजना के तहत छ: संस्थानों को प्रतिष्ठा के संस्थान के रूप में नामित किया है।
प्रमुख बिंदु:
- केंद्र सरकार द्वारा भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बंगलूरू सहित छह उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रतिष्ठा के संस्थान (institutes of eminence) के रूप में नामित किया गया है। अन्य संस्थानों में मुंबई और दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) के अतिरिक्त तीन निजी क्षेत्र के संस्थान हैं जिनमें- रिलायंस फाउंडेशन द्वारा प्रस्तावित जियो इंस्टीट्यूट, मणिपाल अकादमी ऑफ हायर एजुकेशन और बीआईटीएस, पिलानी शामिल हैं। महाराष्ट्र के जियो इंस्टीट्यूट को ग्रीनफील्ड श्रेणी में चुना गया है।
- एन. गोपालस्वामी के अनुसार ग्रीनफील्ड श्रेणी के अंतर्गत नामित इस संस्थान को तीन वर्षों के लिये सूची में शामिल किया गया है, जिसके तहत संस्थान को अकादमिक परिचालन आरंभ करना होगा। यदि संस्थान ऐसा करने में असफल रहता है तो समिति उस संस्थान को प्रतिष्ठा की सूची से हटा सकती है। उसकी यह स्थिति उसे अन्य संस्थानों से अलग करता है।
- उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन. गोपालस्वामी के अधीन एक अधिकार प्राप्त समिति ने इन संस्थानों की सिफारिश की है।
- जब तक समिति द्वारा 10 सार्वजनिक और 10 निजी संस्थानों को अंतिम रूप से इस सूची में शामिल नहीं किया जाता है तब तक अन्य संस्थान भी इस सूची में स्थान पाने के लिये आवेदन कर सकते हैं।
प्रतिष्ठा सूची के संस्थानों की विशेषताएँ:
- इन संस्थानों को अपना कार्यक्रम और पाठ्यक्रम निर्धारित करने की पूरी छूट होगी।
- बिना किसी फीस प्रतिबंध के 30% विदेशी छात्रों को प्रवेश दे सकेंगे।
- ये संस्थान AICTE, UGC और HECI के विनियमों से स्वतंत्र होंगे।