प्रदेश में विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की क्षमता संवर्द्धन के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संबंध में एमओयू
चर्चा में क्यों?
10 फरवरी, 2022 को राजस्थान जलदाय एवं भूजल मंत्री डॉ. महेश जोशी की उपस्थिति में शासन सचिवालय में अटल भूजल योजना के तहत प्रदेश में विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की क्षमता संवर्द्धन के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संबंध में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस एमओयू पर अटल भूजल योजना की स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) तथा भूजल विभाग की ओर से परियोजना निदेशक सूरजभान सिंह एवं आईएमटीआई, कोटा की तरफ से महानिदेशक राजेंद्र पारीक ने हस्ताक्षर किये।
- इस एमओयू के तहत आईएमटीआई, कोटा द्वारा राजस्थान में राज्य, ज़िला, ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर वर्ष 2021-22 में 56 तथा वर्ष 2022-23 में 336 प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिन पर करीब 1.63 करोड़ रुपए व्यय होंगे।
- सिंचाई प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (इरिगेशन मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट-आईएमटीआई), कोटा द्वारा चालू एवं अगले वित्तीय वर्ष में इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि अटल भूजल योजना प्रदेश के 17 ज़िलों के 38 पंचायत समिति क्षेत्रों में लगभग 2 लाख हेक्टेयर भूमि पर क्रियान्वित की जा रही है। इससे करीब 1.55 लाख कृषकों को लाभ होगा।
- इस योजना में वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देने एवं इसके न्यायसंगत उपयोग के लिये कृषि, उद्यानिकी, जलग्रहण एवं भूसंरक्षण, जल संसाधन, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, वन, ऊर्जा तथा भूजल विभाग की योजनाओं द्वारा भूजल क्षेत्रों में कुशलतम जल प्रबंधन को प्रमोट करने एवं गिरते भूजल स्तर की रोकथाम का प्रमुख उद्देश्य निर्धारित किया गया है।
- अटल भूजल योजना में सीधे जो दो घटक शामिल किये गए हैं, उनमें पहला संस्थागत सुदृढ़ीकरण एवं क्षमता संवर्धन द्वारा टिकाऊ भूजल प्रबंधन तथा दूसरा केंद्र एवं राज्य की विभिन्न योजनाओं के समन्वय के साथ-साथ नवाचारों को बढ़ावा देते हुए सामुदायिक सहभागिता से टिकाऊ भूजल प्रबंधन करना है। इनमें से प्रथम घटक के अंतर्गत योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये ये प्रशिक्षण आयोजित होंगे।