ब्रिक्स मीडिया फोरम
प्रिलिम्स के लिये:ब्रिक्स देश, ब्रिक्स मीडिया फोरम, न्यू डेवलपमेंट बैंक, आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह। मेन्स के लिये:भारत और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, समूह एवं समझौते, ब्रिक्स का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ब्रिक्स देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा पत्रकारों के लिये तीन माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।
- यह कार्यक्रम ब्रिक्स मीडिया फोरम (BRICS Media Forum) की एक पहल है।
प्रमुख बिंदु
ब्रिक्स मीडिया फोरम:
- वर्ष 2015 में फोरम की स्थापना पांँच देशों के मीडिया संगठनों द्वारा की गई थी, जिनमें द हिंदू (इंडिया), ब्राज़ील के सीएमए ग्रुप, रूस के स्पुतनिक, चीन के सिन्हुआ और दक्षिण अफ्रीका के इंडिपेंडेंट मीडिया शामिल हैं।
- फोरम का उद्देश्य ब्रिक्स मीडिया के बीच एक कुशल समन्वय तंत्र स्थापित करना, नवाचार-संचालित मीडिया विकास को आगे बढ़ाना और तंत्र के तहत आदान-प्रदान एवं व्यावहारिक सहयोग के माध्यम से ब्रिक्स देशों के विकास को मज़बूती के साथ गतिप्रदान करना है।
BRICS का एतिहास:
- आइडिया की उत्पत्ति: BRICS की चर्चा वर्ष 2001 में Goldman Sachs के अर्थशास्री जिम ओ’ नील द्वारा ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाओं के लिये विकास की संभावनाओं पर एक रिपोर्ट में की गई थी। वर्ष 2006 में चार देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की सामान्य बहस के अंत में विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठकों के साथ एक नियमित अनौपचारिक राजनयिक समन्वय शुरू किया।
- औपचारिक व्यवस्था: वर्ष 2006 में ब्रिक विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान समूह को औपचारिक रूप दिया गया था।
- पहला BRIC शिखर सम्मेलन वर्ष 2009 में रूस के येकतेरिनबर्ग में हुआ और इसमें वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में सुधार जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
- दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को BRIC में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया गया और इसे BRICS कहा जाने लगा।
- मार्च 2011 में दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार चीन के सान्या में तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
- महत्त्वपूर्ण पहल: वर्ष 2014 में ब्राज़ील के फोर्टालेजा में छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान BRICS नेताओं ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (मुख्यालय-शंघाई, चीन) की स्थापना के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- ब्रिक्स राष्ट्रों ने वर्ष 2014 में छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में फोर्टालेजा घोषणा के दौरान ब्रिक्स आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था (CRA) बनाने पर भी सहमति जताई।
ब्रिक्स का महत्त्व:
- पाँच बड़े राष्ट्र: ब्रिक्स का महत्त्व इस तथ्य में परिलक्षित हो सकता है कि यह निम्नलिखित का प्रतिनिधित्व करता है:
- दुनिया की आबादी का 42%।
- भूमि क्षेत्र का 30%।
- वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24%।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 16%।
- उत्तर और दक्षिण के बीच समन्वयकर्त्ता: इस समूह ने ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ के बीच एक सेतु के रूप में काम करने का प्रयास किया।
- सामान्य वैश्विक परिप्रेक्ष्य: ब्रिक्स ने बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार का आह्वान किया है, ताकि वे विश्व अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तनों और उभरते बाज़ारों की बढ़ती केंद्रीय भूमिका को प्रतिबिंबित कर सकें।
- विकास सहयोग: ब्रिक्स ने कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर एक सामान्य दृष्टिकोण विकसित किया है; जिसमें न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना; आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था के रूप में एक वित्तीय स्थिरता प्रणाली; और एक वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास वर्चुअल सेंटर स्थापित करना आदि शामिल हैं।
भारत के लिये ब्रिक्स का महत्त्व:
- भू-राजनीति: वर्तमान भू-राजनीति ने भारत के लिये अमेरिका और रूस-चीन ध्रुवों के बीच अपने रणनीतिक हितों को संतुलित करने हेतु एक मध्य मार्ग बनाना मुश्किल कर दिया है।
- ऐसे में ब्रिक्स प्लेटफाॅर्म भारत को रूस-चीन ध्रुव को संतुलित करने का अवसर प्रदान करता है।
- वैश्विक आर्थिक व्यवस्था: ब्रिक्स देशों ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय एवं मौद्रिक प्रणाली में सुधार के एक साझा उद्देश्य का आह्वान किया है, जिसमें एक अधिक न्यायपूर्ण व संतुलित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाने की तीव्र इच्छा भी शामिल थी।
- इसके लिये ब्रिक्स समुदाय वैश्विक आर्थिक नीतियों को आकार देने और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने में G20 में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- आतंकवाद: ब्रिक्स भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपने प्रयासों को तेज़ करने के लिये एक प्लेटफाॅर्म भी प्रदान करता है।
- वैश्विक समूह: भारत सक्रिय रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता हेतु लगातार प्रयास कर रहा है।
- ऐसे लक्ष्यों को हासिल करने में चीन सबसे बड़ी बाधा है।
- अतः ब्रिक्स चीन के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने और आपसी विवादों को सुलझाने का अवसर प्रदान करता है। यह अन्य भागीदार देशों का समर्थन हासिल करने में भी मदद करता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs), आईएएसप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपयुक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) प्रश्न. हाल ही में समाचारों में आई 'फोर्टालेजा उद्घोषणा' (फोर्टालेजा डिक्लरेशन)' निम्नलिखित में से किससे संबंधित है? (a) ASEAN उत्तर: (b) |