‘सार्क के सदस्य देशों के लिये मुद्रा विनिमय प्रबंध के प्रारूप’ में संशोधन को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?


प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘सार्क के सदस्‍य देशों के लिये मुद्रा विनिमय प्रबंध के प्रारूप’ ('Framework on Currency Swap Arrangement for SAARC Member Countries) में संशोधन को कार्योत्‍तर मंज़ूरी दे दी है।

  • यह मंज़ूरी अनुरोधकर्त्ता सार्क (SAARC) सदस्‍य देशों  की परिस्थितियों और भारत की घरेलू ज़रूरतों पर उपयुक्‍त रूप से ध्‍यान देने के पश्‍चात् दी गई है।
  • इसका उद्देश्य दो बिलियन डॉलर की सुविधा के तहत परिचालित 400 मिलियन डॉलर तक की राशि के ‘अतिरिक्‍त विनिमय’ (Standby Swap') को समाहित करना तथा विनिमय की अवधि, रोल ओवर आदि जैसे परिचालन के तौर-तरीकों के संबंध में लचीलापन लाना है।

स्वीकृत प्रारूप से क्या लाभ होंगे?

  • वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था में अत्‍यधिक वित्‍तीय जोखिम और अस्थिरता के कारण सार्क सदस्‍य देशों की अल्‍पावधि विनिमय आवश्‍यकताएँ पूर्व सहमतियों से अधिक हो सकती हैं।
  • स्‍वीकृत सार्क प्रारूप के अंतर्गत ‘अतिरिक्‍त विनिमय’ को समाहित किये जाने से प्रारूप में आवश्‍यक लचीलापन आएगा तथा भारत, सार्क विनिमय प्रारूप (SAARC Swap Framework) के अंतर्गत निर्धारित मौजूदा सीमा से अधिक राशि की विनिमय सुविधा प्राप्‍त करने संबंधी सार्क सदस्‍य देशों के वर्तमान अनुरोध पर तत्‍काल प्रत्‍युत्‍तर देने में समर्थ हो सकेगा।

सार्क सदस्‍य देशों के लिये मुद्रा विनिमय समझौते से संबंधित प्रारूप

  • मंत्रिमंडल ने सार्क सदस्‍य देशों के लिये मुद्रा विनिमय समझौते से संबंधित प्रारूप (Framework on Currency Swap Arrangement for SAARC Member Countries) को विदेशी मुद्रा की अल्‍पकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये वित्‍तीय सहायता प्रदान करने या दीर्घकालिक व्‍यवस्‍था होने तक अथवा अल्‍पकाल में ही मसले का समाधान होने तक भुगतान संतुलन के संकट को दूर करने के उद्देश्य से 01 मार्च, 2012 को मंज़ूरी दी थी।
  • इस सुविधा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) प्रत्‍येक सार्क सदस्‍य देश को उसकी दो महीने की आयात आवश्‍यकताओं के आधार पर और कुल मिलाकर दो बिलियन डॉलर से कम राशि के डॉलर, यूरो या भारतीय रुपए में विभिन्‍न आकार में विनिमय की पेशकश करता है।
  • उपरोक्त सुविधा के तहत प्रत्‍येक देश के लिये न्‍यूनतम 100 मिलियन डॉलर और अधिकतम 400 मिलियन डॉलर की विनिमय राशि निर्धारित की गई है।
  • प्रत्‍येक आहरण तीन महीने की अवधि का और अधिकतम दो रोल-ओवर (Rollovers) तक का होगा।
  • RBI अतिरिक्‍त विनिमय (Standby Swap) की सुविधा प्राप्‍त कर रहे सदस्‍य देशों के केंद्रीय बैंकों (Central Banks) के साथ द्विपक्षीय परिचालन के विवरण के बारे में विचार-विमर्श करेगा।

मुद्रा विनिमय समझौता क्या है?

  • मुद्रा विनिमय समझौता दो देशों के बीच ऐसा समझौता है जो संबंधित देशों को अपनी मुद्रा में व्यापार करने और आयात-निर्यात के लिये अमेरिकी डॉलर जैसी किसी तीसरी मुद्रा को बीच में लाए बिना पूर्व निर्धारित विनिमय दर पर भुगतान करने की अनुमति देता है।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC)

saarc

  • सार्क (South Asian Association for Regional Cooperation-SAARC) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है।
  • इस समूह में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। 2007 से पहले सार्क के सात सदस्य थे, अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान इसका आठवाँ सदस्य बन गया था।
  • सार्क की स्थापना 8 दिसंबर, 1985 को हुई थी और इसका मुख्यालय काठमांडू (नेपाल) में है। सार्क का प्रथम सम्मेलन ढाका में दिसंबर 1985 में हुआ था।
  • प्रत्येक वर्ष 8 दिसंबर को सार्क दिवस मनाया जाता है। संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव द्वारा की जाती है, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिये देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है।

स्रोत : पी.आई.बी