उच्च शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग हेतु फ्रेमवर्क
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework) के अगले दौर में उच्च शैक्षणिक संस्थानों की अधिक व्यापक रैंकिंग के लिये नई नियमावली तैयार की गई है।
- इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिये अब उच्च शैक्षणिक संस्थानों को एक बड़े ऑनलाइन डेटाबेस के माध्यम से स्वत: पंजीकरण कराना होगा।
- यह पंजीकरण मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) से संबद्ध ए.आई.एस.एच.ई. पोर्टल [All-India Survey on Higher Education (AISHE) portal] पर किया जाएगा।
- हालाँकि, इन सभी संस्थानों को पेटेंट, प्रकाशन, शोध परियोजनाओं और परिसर प्लेसमेंट जैसे विवरणों को अलग से उपलब्ध कराना होगा क्योंकि अभी ये सभी सुविधाएँ इस पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हैं।
पृष्ठभूमि
- ध्यातव्य है कि वर्ष 2016 और 2017 में एन.आई.आर.एफ. की सूची में केवल उन्हीं संस्थानों की रैंक को परिलक्षित किया जाता था जिनके द्वारा इस प्रक्रिया में भाग लिया जाता था।
- वर्ष 2017 में तकरीबन 3,300 शैक्षणिक संस्थानों द्वारा इस प्रक्रिया में भाग लिया गया था।
- प्रक्रिया में शामिल होने वाले सभी विश्वविद्यालयों में बैंगलोर अवस्थित आई.आई.एस. (Indian Institute of Science ) को प्रथम स्थान तथा दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था।
- दिल्ली स्थित मिरांडा हाउस (Miranda House) को भारत के सबसे अच्छे कॉलेज का स्थान प्राप्त हुआ था।
एन.आई.आर.एफ. क्या है?
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework - NIRF) को सितंबर, 2015 में शुरू किया गया था।
- इस फ्रेमवर्क के अंतर्गत देशभर के शैक्षणिक संस्थानों को उनकी गुणवत्ता एवं प्रदर्शन के आधार पर सूचीबद्ध करने के लिये एक पद्धति की रूपरेखा तैयार की जाती है।
- इस संबंध में सर्वप्रथम मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा एक कोर कमेटी का गठन किया जाता है। इस कमेटी द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों की रैंकिंग हेतु आवश्यक व्यापक मापदंडों की पहचान करने के लिये सिफारिशों की जाती हैं।
- इन सिफारिशों के आधार पर इस संबंध में एक विस्तृत समझ विकसित करते हुए संस्थानों की रैंकिंग की रुपरेखा तैयार की जाती है।
- शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग करने के लिये कुछ विशेष मानक तय किये गए हैं। इन मानकों में आम तौर पर ‘शिक्षण, शिक्षा और संसाधन’ (Teaching, Learning and Resources), ‘अनुसंधान और व्यावसायिक व्यवहार (Research and Professional Practices), ‘स्नातक परिणाम’ (Graduation Outcomes), ‘आउटरीच और समाशोधन’ (Outreach and Inclusivity) और ‘अनुभूति’ (Perception) आदि को शामिल किया जाता हैं।