अग्नि – 5 : भारत का बढ़ता प्रभाव

चर्चा में क्यों?

परमाणु क्षमता से युक्त सतह से सतह पर मार करने वाली स्वदेशी अंतर-महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि- 5 का अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) स्थित एकीकृत परीक्षण क्षेत्र से सफल परीक्षण किया गया।

  • इस परीक्षण के साथ ही भारत आईसीबीएम (intercontinental ballistic missile) समूह में शामिल होने वाला दुनिया का छठा देश बन गया है। अभी तक इस समूह में अमेरिका, रूस, फ्राँस, ब्रिटेन व चीन शामिल थे।

विशेषताएँ

  • तीन चरणीय मिसाइल।
  • ठोस ईंधन पर आधारित।
  • देश की सबसे अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल 5000 किमी। 
  • लंबाई 17.5 मीटर, चौडाई- 2 मीटर, वज़न 50 टन।
  • गतिः ध्वनी की गति से 24 गुना तेज़। 
  • अग्नि मिसाइल से एक बार में कईं परमाणु अस्त्रों को दागा जा सकता है। यह डेढ़ टन वज़न ढ़ोने में सक्षम है।
  • यह मिसाइल एमआईआरवी (multiple independently targetable reentry vehicle - MIRV) तकनीक से लैस है।
  • एमआईआरवी तकनीक उस तकनीक को कहते है जिसमें किसी मिसाइल में एक ही बार में कईं परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है, इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है।
  • इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि इसे सड़क के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है, इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा मौजूद नहीं थी।

प्रभाव

  • यह देश की सामरिक रणनीति में एक अहम् भूमिका निभाएगी।
  • इससे पकिस्तान एवं चीन भारत की जद में होंगे।
  • इस मिसाइल की तकनीक का इस्तेमाल भारत शत्रु देश के उपग्रह को नष्ट करने में भी कर सकता है।
  • ध्यातव्य है कि पाकिस्तान की गौरी- 2 मिसाइल की मारक दूरी 2,300 किमी एवं शाहीन-2 मिसाइल की मारक दूरी 2,500 किमी की है।
  • जहाँ तक बात है चीन है कि तो इसके स्तर पर पहुँचने में भारत को अभी काफी समय लगेगा। चीन की डीएफ-31 मिसाइल की मारक दूरी 7,250 किमी तथा डीएफ-31ए मिसाइल की मारक दूरी 11,270 किमी है।

अग्नि मिसाइल की पहुँच कहाँ तक हैं?

  • अग्नि 1 – 700 किमी (19 अप्रैल, 2012)
  • अग्नि 2 – 2,000 किमी (15 सितंबर, 2013)
  • अग्नि 3 – 3,000 किमी (31 जनवरी, 2015)
  • अग्नि 4 – 4,000 किमी (9 नवंबर, 2015) 
  • अग्नि 5 – 5,000 किमी  प्लस (18 जनवरी, 2018)